जब 13 साल की लड़की मलबे में आधी धसी 3 दिन फंसी रही, रेस्क्यू टीम को कहा ‘घर जाओ आराम करो’
दोस्तों आज हम आपको एक ऐसी सच्ची घटना के बारे में बताने जा रहे हैं जिसके कारण कई लोगो की जान चली गई थी. इनमे से एक 13 वर्षीय Omayra Sanchez नाम की एक लड़की थी जिसकी मौत ने पूरी दुनियां का ध्यान अपनी और खीचा. इसकी कहानी सुन आपका दिल भी दहल उठेगा. इस लड़की के देहांत के बाद सरकार की भी बहुत निंदा हुई. दरअसल ये घटना कोलंबिया के Armero शहर की हैं. बात 13 नवंबर 1985 की हैं, ये वो काला दिन था जब Nevado del Ruiz नाम का ज्वालामुखी फटा था जिसकी वजह से 20 हजार से भी ज्यादा जाने गई थी. इसे इतिहास का सबसे बुरा ज्वालामुखी विस्फोट माता जाता हैं. जब ये फटा था तो इसकी वजह से कई तन मिट्टी और मलबा 6 सेकंड प्रति मीटर की रफ़्तार से Armero शहर में घुस गया था. ज्वालामुखी से कुछ दूर निचले हिस्से में बसा ये शहर इस मलबे से ढक गया था. अधिकारीयों ने इस तबाही के कई संकेत भी दिए थे लेकिन वहां की सरकार पहले से सावधानी बरतने और समय पर शहर खाली करवाने में अफसल रही थी. इस वजह से दुनियां भर में इसकी बुराई भी हुई थी.
जब ये ज्वालामुखी फटा और इसका मलबा गाँव में घुसा तब 13 साल की ओमायरा का घर भी तहस नहस हो गया. दुर्भाग्य से इस दौरान ओमाराया का कमर से नीचे का शरीर कांक्रीट मलबे के नीचे फास गया था. इतना ही नहीं उनकी आंटी जो कि मलबे के नीचे ही मृत हालत में थी, का हाथ ओमाराया के पैरो में बुरी तरह जकड़ा हुआ था. इस कारण लड़की का मलबे के बाहर आना नामुमकिन सा हो गया. लड़की को बचाने के लिए रेस्क्यू टीम भी आई लेकिन वो भी असफल रहे.
उस दौरान ओमारया ने अपना एक हाथ किसी तरह मलबे से बाहर निकाल लिया था. रेस्क्यू टीम ने उसके शरीर का उपरी हिस्सा बाहर निकालने की कोशिश भी की लेकिन ऐसा करने से उसके मलबे में फंसे पाँव टूट जाते. बताते चले कि इस मलबे के साथ वहां पानी भी जमा हो गया था. ऐसे में उन लोगो ने ओमारया के उपरी हिस्से में एक तैयार फिट कर दिया था ताकि वो पानी रुपी दलदल में डूब न जाए. बाद में ये गौताखोरो को ये भी पता चला कि लड़की का पैर नीचे इंटों की दिवार में बुरी तरह दबा हुआ हैं, इसके साथ ही उसकी मृत आंटी ने ओमारया का पाँव बड़ी ताकत के साथ जकड़ा हुआ हैं.
जरा सोचिये वो लड़की जो तब जिंदा थी और बुरी तरह मलबे में आधी धसी हुई थी, उस स्थिति में भी शांत रही. उसकी सोच पॉजिटिव थी. इतना ही नहीं उस हालत में ही उसने गाना भी गाया और जर्नलिस्ट को इंटरव्यू भी दिया. सबसे दुखद और दिल तोड़ देने वाला लम्हा ये था कि उसने रेस्क्यू करने वाले लोगो से कहा कि वो घर चले जाए और आराम करे. ऐसा करते करते तीन दिन हो गए और ओमारया अभी भी उस मलबे में आधी धसी हुई थी. उसका चेहरा फूल गया था, हाथ पैर सफ़ेद पड़ गए थे और आँखें लाल हो आगी थी. वो काफी सदमे में थी.
बाद में रेस्क्यू टीम ने डिसाइड किया कि वो पम्प का इस्तेमाल करेंगे, हालाँकि दिक्कत ये थी कि लड़की घुटने के बल फंसी हुई थी और वो यदि उसे बचाते भी हैं तो उसका बहुत सारा खून बह सकता हैं. ऐसे में उस समय उनके पास सही सर्जिकल उपकरण भी नहीं थे. ये दिल दहला देने वाला नजारा एक फ्रेंच रिपोर्टर Frank Fournier ने फोटो में कैद कर लिया था इसे उन्होंने टाइटल दिया था “The Agony of Omayra Sanchez.” (ओमायरा सेंच की यातना).
अंत में लड़की जिंदगी की जंग हार गई. उसकी मौत ने दुनियां का ध्यान खीचा. ये घटना कोलंबिया सर्कार के लिए एक सबक बन गई. इसके बाद सरकार इस तरह की आपदाओं के लिए सावधानी बरतने और सही समय पर एक्शन लेने के लिए बाध्य हो गई.