रोजाना ये 4 काम करने वाले लोग दुनिया को सबसे पहले कहते हैं अलविदा, जानें कौन सी हैं वो बातें
आचार्य चाणक्य पाटलिपुत्र (जिसे अब पटना के नाम से जाना जाता है) के महान विद्वान थे. चाणक्य को उनके न्यायप्रिय आचरण के लिए जाना जाता था. इतने बड़े साम्राज्य के मंत्री होने के बावजूद वह एक साधारण सी कुटिया में रहते थे. उनका जीवन बहुत सादा था. चाणक्य ने अपने जीवन से मिले अनुभवों को चाणक्य नीति में जगह दिया है. चाणक्य नीति में कुछ ऐसी बातें बताई गई हैं जिस पर यदि व्यक्ति अमल करे तो उसे सफल होने से कोई नहीं रोक सकता. सफलता निश्चय उसके कदम चूमने लगेगी. यदि व्यक्ति इन बातों का प्रयोग अपने निजी जीवन में करे तो उसे कभी भी हार का सामना नहीं करना पड़ेगा. इन नीतियों में सुखी जीवन का राज छुपा है. नीतियों में बताई गई बातें आपको कड़वी लग सकती है पर हैं बिलकुल सत्य.
आचार्य चाणक्य की किताब चाणक्यनीति में जन्म और मृत्यु को लेकर भी कई बातें कही गयी हैं. इस दुनिया में जिसने जन्म लिया है उसकी मृत्यु निश्चित है. कहते हैं कि जन्म के साथ ही मनुष्य की मौत का दिन भी निश्चित हो जाता है. ज्योतिषों की मानें तो कोई भी व्यक्ति अपनी मृत्यु का सटीक दिन जान सकता है. ज्योतिष में यकीन रखने वालों को इन बातों पर अटूट विश्वास होता है और वह इसे सही तरीके से समझते भी हैं. चाणक्य ने भी कुछ ऐसे कामों का जिक्र किया है जिसे करने पर व्यक्ति की मृत्यु जल्दी हो जाती है. कौन से हैं वो काम, आईये जानते हैं.
जो खुद का ख्याल न रखता हो
कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो खुद का ख्याल रखना जरूरी नहीं समझते. वह पूरे टाइम गंदे बनकर घूमते रहते हैं और उन्हें खुद की फ़िक्र नहीं होती. वह खुद से नफरत करते हैं और अपनी सेहत का ख्याल भी नहीं रखते. ऐसे लोगों की मृत्यु बाकी लोगों की तुलना में जल्दी होती है.
जो बड़ों से नफरत करता हो
सिर्फ खुद से नफरत नहीं बल्कि जो लोग अपने से बड़ों की इज्जत नहीं करते और उनसे नफरत करते हैं, ऐसे लोगों की मृत्यु भी जल्दी होती है. चाणक्य के अनुसार यदि आप अपने से बड़े लोगों की इज्जत नहीं करेंगे तो आपको मानसिक हानि के साथ-साथ शारीरिक हानि भी होती है. शास्त्रों की मानें तो ये बहुत गलत है और ऐसा करने वालों की उम्र बहुत कम हो जाती है.
जो गुरु से घृणा करता हो
इसके अलावा, जो व्यक्ति अपने गुरु से घृणा करता है उसकी मृत्यु भी जल्दी होती है. शास्त्रों में गुरु को भगवान का दर्जा दिया गया है और गुरु का अपमान करना भगवान का अपमान करने के बराबर है. इसलिए यदि आप गुरु से घृणा करते हैं तो अपने मानसिक संतुलन को हानि पहुंचाते हैं.
जो विद्वानों के साथ दुर्व्यवहार करता हो
शास्त्रों के अनुसार विद्वानों और महात्माओं से दुर्व्यवहार करना सबसे बड़ा पाप है और जो व्यक्ति ऐसा करता है उसकी मौत समीप आ जाती है. ऐसे लोगों को इनका श्राप बहुत जल्दी लगता है. इसलिए कभी भी विद्वानों का अपमान नहीं करना चाहिए.
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