सेना में घोटाला – 16 साल से बार्डर पर देश की रक्षा के लिए सेना दे रही है रहने का किराया! जानिए क्यों…
नई दिल्ली – क्या आप सोच सकते हैं कि बार्डर पर रहने के लिए सेना भी किराया देती होगी। आपको जानकार हैरानी होगी कि भारतीय सेना पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में जमीन का 16 साल से किराया दे रही है। इस सनसनीखेज खुलासे के बाद सीबीआई ने जांच शुरु कर दी है। सीबीआई के मुताबिक भारतीय सेना पिछले 16 सालों से पीओके स्थित चार प्लाटों का किराया भर रही थी। फिलहाल, सीबीआई यह जानने की कोशिश कर रही है कि आखिरकार इन प्लाटों के लिए दिया जाने वाला किराया किसकी जेब में जाता था और किसके कहने पर किराया लिया गया था। खैर, जो भी हो यह एक शर्म कि बात है कि सेना को देश की रक्षा करने के लिए बार्डर पर रहने के लिए भी किराया देना पड़ता है। Army pay rent for pok land.
16 साल से पीओके की जमीन का किराया भर रही है सेना –
सीबीआई में दर्ज एफआईआर के मुताबिक भारतीय सेना खसरा संख्या – 3,000, 3,035, 3,041, 3,045 की 122 कनाल और 18 मारला जमीन का इस्तेमाल कर रही है। लेकिन सबसे चौकान वाले और घोटाले को सामने लाने वाली बात यह है कि इन खसरा संख्या की जमीनें पाक अधिकृत कश्मीर में चली गई है और इनपर किसी मकबूजा नामक व्यक्ति का नाम दर्ज है। परन्तु पिछले 16 सालों से इस जमीन के किराये की रकम सरकारी खजाने से दी जा रही है।
सेना ने नागरिकों से किराए पर ली थी जमीन –
सीबीआई की जांच में यह बात सामने आई है कि यह जमीन सेना ने नागरिकों से किराए पर ली थी। सै सैन्य अधिकारी, संपदा अधिकारी एवं अन्य अधिकारियों ने सत्यापन के बाद इन जमीनों के लिए किराये पर मुहर लगाई थी। लेकिन इन अधिकारियों ने घौटाले के उद्देश्य से ऐसी जमीन का सेना के पास होने का सत्यापन कर बैठे जो पीओके में थी। सीबीआई के सुत्रों के अनुसार यह सब वर्ष 2000 में हुआ था। बोर्ड पीओके में स्थित 122 करनाल जमीन के लिए 4.99 लाख रुपये किराया देता रहा।