इस वजह से बूढ़े माँ बाप को घर से निकाल देते हैं बच्चे, माता पिता हो जाए सतर्क, अभी से करे ये काम
दोस्तों कहते हैं आज के जमाने में किसी का कोई भरोसा नहीं होता हैं. भाई भाई का नहीं होता हैं. बच्चे अपने माता पिता के सगे नहीं बन पाते हैं. आप ने कई ऐसे मामले देखे या सुने होंगे जिसमे बच्चे अपने बूढ़े माता पिता को घर से निकाल देते हैं. ऐसे में उन्हें या तो किसी वृद्ध आश्रम का सहारा लेना पड़ता हैं या फिर वो अकेले जैसे तैसे मुश्किल से अपना जीवन बिताते हैं. बुढ़ापा एक ऐसा समय होता हैं जब आपको अपने बच्चो की सबसे ज्यादा जरूरत होती हैं, लेकिन कुछ निर्दयी बच्चे इसी टाइम पर माँ बाप को धोखा देते हुए अपनी जिम्मेदारियों से मुंह फेर लेते हैं. वो ये बात भूल जाते हैं कि इन्ही माँ बाप ने उन्हें बचपन से पाल पोश कर बड़ा किया, किसी लायक बनाया और आज वे उन्हें ही दगा दे रहे हैं.
इन वजहों से बच्चे नहीं रहते माँ बाप के साथ
चलिए पहले वो वजहें जान लेते हैं जिसकी वजह से बच्चों के मन में माता पिता से अलग रहने या उन्हें घर से बेदखल करने का ख्याल आता हैं.
– अधिकतर समस्याएं बच्चों की शादी के बाद शुरू होती हैं. नई बहू की अपने सास ससुर से बनना कम हो जाती हैं. रोज घर में लड़ाई झगड़े होते हैं. आपके और बच्चों के विचार आपस में मिलते नहीं हैं. कई बार आप ज्यादा रोकटोक कर देते हैं या वो ज्यादा आज़ादी की मांग कर लेते हैं. इन मामलो में गलती किसी की भी हो सकती हैं लेकिन परिवार में दरार आने का काम यहीं से शुरू हो जाता हैं.
– माँ बाप जब बूढ़े होते हैं तो उन्हें कई बीमारियाँ घेर लेती हैं. ऐसे में इलाज और दवाइयों में खर्चा होता हैं और उनकी सेवा भी ज्यादा करनी पढ़ती हैं. इस स्थिति से बचने के लिए कुछ कामचोर और बुरे बेटे बहू माता पिता को अलग करने की प्लानिंग बनाने लगते हैं.
– एक सबसे बड़ा कारण प्रापर्टी और पैसा भी होता हैं. कुछ जालिम बच्चे ऐसे भी होते हैं जिन्हें सिर्फ आपकी दौलत से प्यार होता हैं. एक बार ये उनके कब्जे में आ गई तो आपकी कोई जरूरत नहीं रहती हैं. कई बार बंटवारे को लेकर भी टेंशन हो जाती हैं.
माता पिता रखे ये सावधानियां
यदि आप अपने बुढ़ापे को आराम से और शान्ति से बिताना चाहते हैं तो अभी से इन ख़ास बातों का ख्याल रखे.
– अपनी सेहत के प्रति जागरूक हो जाए. सेहतमंद खाए और व्यायाम करे. इस तरह बुढ़ापे में ज्यादातर काम आप स्वयं ही कर सकेंगे. साथ ही समय समय पर अपना चेकअप भी कराते रहे.
– अपनी पुरानी सोच को थोड़ा बदले और बेटे बहू को ज्यादा बंदिशों में ना रखे. यदि आप उनके निजी कामो में ज्यादा दखल अन्दाजी नहीं करते हैं तो उन्हें आप से कोई दिक्कत नहीं होगी. आप यहाँ सिर्फ अपने बारे में सोचे. बच्चे बड़े हो गए हैं उन्हें निर्णय खुद लेने दीजिए.
– किसी भी हाल में अपनी प्रापर्टी पहले से बच्चो के नाम ना करे. अपने सभी बैंक अकाउंट और एटीएम इत्यादि भी खुद ही इस्तेमाल करे. जब तक आपके पास पैसा हैं तब तक पूरा परिवार आपकी मुट्ठी में रहेगा. यदि वे आपको छोड़ भी दे तो इस पैसे की सहायता से आप घर में नौकर चाकर रख सकते हैं और अपना इलाज करवा सकते हैं. इसलिए एक बड़ी सेविंग अपने बुढ़ापे के लिए बचाकर जरूर रखे. इसे बच्चो के ऊपर खर्च न करे. अपना घर हमेशा अपने नाम पर ही रखे.