कभी पिता ने ‘लकड़ी चोरों’ के लिए बनाया था ये कानून, आज उसी के तहत गिरफ्तार हैं फारूक अब्दुल्ला
जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटा दिया गया है और इसके विरोधियों का विरोध आज भी जारी है। इसे हटाए जाने के बाद फारुक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा को नजरबंद कर दिया गया था क्योंकि ये लोग देश की शांति भंग करने का काम कर रहे थे। पीएम नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने मिलकर जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाई गई थी और इससे सभी बहुत नाराज हो गए थे। खासकर अलगाववादी नेताओं ने तो इसका बहुत विरोध किया लेकिन उन्हें ही इसका खामियाजा भुगतना पड़ा। सबसे ज्यादा फारुक अब्दुल्ला चिल्ला रहे थे और पिता के बनाए कानून के तहत ही गिरफ्तार हैं फारूक अब्दुल्ला, लोगों ने कहा जैसा किया वैसा पाना है।
गिरफ्तार हैं फारूक अब्दुल्ला
जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटने के बाद कई अलगाववादी नेताओं को नजरबंद किया गया था फिर भी वे अपनी करनी से बाज नहीं आ रहे थे। अब सूत्रों के मुताबिक फारुक अब्दुल्ला को सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम के तहत हिरासत में लिया गया है और पीएसए कानून को साल 1978 में फारुक अब्दुल्ला के पिता शेख अब्दुल्ला ने लागू किया था और आज उसी में उनका बेटा फंस गया है। जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री शेख अब्दुल्ला ने कभी नहीं सोचा होगा कि जो कानून वो बना रहे हैं उसमें एक दिन उनका बेटा फारुक अब्दुल्ला ही फंस जाएगा। अधिकारियों ने बताया कि कठोर जन सुरक्षा कानून जम्मू-कश्मीर में लकड़ी की तस्करी को रोकने के लिए ये कानून लागू किया गया था क्योंकि उस समय अपराध में शामिल लोग मामूली हिरासत के बाद आसानी से छूट जाते थे। शेख अब्दुल्ला लकड़ी तस्करों के खिलाफ अधिनियम को एक निवारक के रूप में लाए थे इसके अंतर्गच बिना किसी मुकद्दमें के दो साल की सजा का कानून बनाया गया था।
अधिकारियों ने बताया कि साल 1990 के दशक की शुरुआत में अब राज्य में उग्रवाद विवाद भड़का तो ये अधिनियम पुलिस और सुरक्षा बलों के काम आया था। साल 1990 में तत्कालीन केंद्रीय गृहमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद ने राज्य में विवादास्पद सशस्त्र बल अधिनियम लागू कर दिया गया। इसके बड़े पैमाने पर पीएसए का इस्तेमाल लोगों को गिरफ्तार करने में किया गया था। पुलिस ने पूर्व मुख्यमंत्री और सांसद अब्दुल्ला को चार दशक पुराने इस कानून के तहत गिरफ्तार किया गया है। पीएसए के अंतर्गच हिरासत की एक अधिकारिक समिति द्वारा समय पर समीक्षा होती है।
कांग्रेस ने किया कड़ा विरोध
कांग्रेस ने जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारुक अब्दुल्ला को जन सुरक्षा कानून के तहत गिरफ्तार करने का कड़ा विरोध किया है। कांग्रेक का कहना है कि एक राष्ट्रभक्त नेता के खिलाफ इस कानून का इस्तेमाल करना सही नहीं है। पार्टी के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि ये देश का दुर्भाग्य है कि भारत की एकता और अखंडता की लड़ाई लड़ने वाले नेताओं को उठाकर जेल में डाल दिया जा रहा है लेकिन कैसी हिटलर गिरी है जिसका समर्थन देश की आधे से ज्यादा जनता कर रही है।