श्राद्ध करने के दौरान भूलकर भी कौवों को न खिलाएं ये चीजें, हो सकते हैं पितर अशांत
पितृ पक्ष शुरू हो गए हैं और इस दौरान लोग अपने पितरों को तृप्त करने के लिए पूजा करते हैं और पूजा करने के बाद ब्राह्मणों को खाना खिलाते हैं। ब्राह्मणों को भोजन करवाने के साथ ही कौवों को भी रोटी और खीर लोगों द्वारा खिलाई जाती है। ऐसा माना जाता है कि कव्वे द्वारा खाना खाए जाने पर ही पूजा का लाभ मिलता है और पितर शांत हो जाते हैं।
आखिर क्यों खिलाते हैं कव्वे को खाना
हिंदू शास्त्रों के अनुसार कव्वे को खाना खिलाने का मतलब अपने पितरों को खाना खिलाना होता है। अगर कव्वे द्वारा खाना खा लिया जाए तो आप समझ लें कि आपके पितर आप से खुश हैं और आपके द्वारा कव्वे को डाला गया खाना उन तक पहुंच गया है। हालांकि कव्वे को खाना सोच समझ कर ही डालना चाहिए और इन्हें खाना डालते समय आप नीचे बताई गई बातों का ध्यान जरूर रखें।
दें रोटी और खीर
आप श्राद्ध की पूजा करने के बाद कव्वे को रोटी और खीर खाने को दें। ऐसा माना जाता है कि रोटी और खीर देने से पितरों को शांति पहुंचती है। खीर के अलावा आप चाहें तो कच्चे चावल भी कव्वे को खाने के लिए डाल सकते हैं।
घी वाली रोटी दें
रोटी पर अगर घी लगाकर कव्वे को खाने के लिए दी जाए, तो जीवन में आने वाले सभी संकट खत्म हो जाते हैं। इसलिए आप चाहे तो कव्वे को घी वाली रोटी भी डाल सकते हैं।
तिल के लड्डू
श्राद्ध के दौरान तिल के लड्डू भी जरूर बनाए जाते हैं और इन लड्डूओं को लोगों में बांट भी जाता है। वहीं अगर कव्वे को ये लड्डू डाले जाएं और कव्वा ये लड्डू खा लें, तो पितरों को शांति मिलती है और वो आपके किसी भी कार्य में बांधा उत्पन्न नहीं करते हैं।
ना खिलाएं गुड़
श्राद्ध करने के बाद आप कव्वे के सामने गुड़ ना डाले। ऐसा कहा जाता है कि कव्वे को गुड़ डालने से आपको घातक रोग लग सकते हैं। इसलिए आप भूलकर भी श्राद्ध के दौरान गुड़ का प्रयोग ना करें।
ना करें लोहे की धातु का प्रयोग
आप लोहे के बर्तन का प्रयोग श्राद्ध के दौरान ना करें और ना ही इस धातु के अंदर खाना डालकर कव्वे को दें। ऐसी मान्यता है कि इस धातु का प्रयोग करने से पितर गुस्सा हो जाते हैं और आपके जीवन में परेशानियां आने लग जाती हैं। श्राद्ध करते समय तांबे की धातु का प्रयोग करना उत्तम माना जाता है और इसी धातु से आप श्राद्ध करते समय जल अर्पित करें। तांबे के अलावा चांदी की धातु का प्रयोग भी किया जा सकता है।
करें घी का दान
श्राद्ध करने के बाद आप जितना हो सके उतना घी का दान करें और श्राद्ध के खाने को भी घी में ही बनाएं। शास्त्रों के अनुसार घी का दान करना उत्तम होता है और इसका दान करने से पितरों को शांति मिलती है और पितर आपकी हर भूल को माफ कर देते हैं। इसलिए आप जितना हो सके घी का दान करें।