इन 5 कारणों से हर भारतीय के लिए जरूरी है देसी घी, जानिए इसके पीछे की असल वजह
भारत के घरों में मां अगर खाना खिलाती है तो उसके प्यार से ज्यादा घी होता है और आप उस खाने को मना भी नहीं कर सकते हो। वो देसी घी नहीं होता बल्कि उस मां का प्यार होता है जो वे अपने बच्चों को खिलाती है। मगर बहुत से लोग सोचते हैं कि घी खाने से फैट बढ़ता है लेकिन ये 100 प्रतिशत झूठ होता है क्योंकि घर में बनी हुई घी कभी नुकसान नहीं करती है। ढेर सारे पोषक तत्वों से भरपूर देसी घी को भारत के लोग खूब पसंद करते हैं, हालांकि आज के लड़के-लड़कियां घी से ज्यादा मक्खन खाना पसंद करते हैं। इन 5 कारणों से हर भारतीय के लिए जरूरी है देसी घी, कौन से हैं ये कारण?
इन 5 कारणों से हर भारतीय के लिए जरूरी है देसी घी
पश्चिमी खानपान में भले ही देसी घी को ज्यादा महत्व नही दिया जाता हो मगर भारतीय खानपान और भूगोल के कारण भारत के लोगों के लिए देसी घी का सेवन बहुत जरूरी हो गया है। दरअसल भारतीय लोगों में ऐसी कई समस्याएं दिखने लगी हैं जिन्हें देसी घी बचाता है और शरीर को स्वस्थ रखता है। तो चलिए बताते हैं भारतीय लोगों के लिए क्यों जरूरी है देसी घी का सेवन।
बटर से हेल्दी है घी
देसी घी, मक्खन यानी बटर का सबसे अच्छा हेल्दी विकल्प माना जाता है। ये बात National Center for Biotechnology Information द्वारा साल 2016 में छापी गई थी। उस स्टडी में बताया गया है कि देसी घी में मक्खन के मुकाबले विटामिन्स, एंटीऑक्सीडेंट्स, ओमेगा 3 एसिड और कॉन्जुगेटेड आइनोलेइक एसिड ज्यादा पाये जाते हैं। जिसके कारण ये दिमाग के लिए बहुत फायदेमंद होता है।
भारी खाने को पचाता है
भारतीय खानपान पश्चिमी देशो की अपेक्षा ज्यादा भारी होता है। हमारे यहां आमतौर पर गेहूं के आटे और चावन का सेवन किया जाता है। इसके अलावा भारतीय खाना तेल मसालों से युक्त होता है, जिसके कारण इसे पचाना आसान नहीं होता और ऐसे मे खाने में देसी घी का प्रयोग होता है तो खाना पचने में आसानी होती है। देसी घी पाचनतंत्र को स्वस्थ रखता है और पेट की सस्याएं भी दूर होती हैं।
खरीर में खून की कमी को करता है दूर
भारतीय महिलाओं में खून की कमी (एनीमिया) बहुत जल्दी हो जाती है और 90% से ज्यादा भारतीय महिलाओं और 65% से ज्यादा भारतीय पुरुषों में खून की कमी होती है। देसी घी में कॉपर और आयरन अच्छी मात्रा में होते हैं इस वजह से आपको घी का सेवन अच्छे से करना चाहिए। इससे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है।
आखों की रोशनी के लिए रामबाण
भारत में 55-60 की उम्र के बाद मोतियाबिंद होना एक आम समस्या है, यानी लोगों की नजरें इस उम्र तक कमजोर हो ही जाती हैं। देसी घी में विटामिन ई, विटामिन डी, विटामिन ए और विटामिन के पाया जाता है। इसके अलावा इसमें ‘कैरोटेनॉइड्स’ नाम का तत्व भी पाया जाता है, जो आंखों की रोशनी बढ़ाने में मदद करता है। पुराने लोग जो बचपन से ही शुद्ध देसी घी खाते थे, उनकी आंखें लंबी उम्र तक ठीक रहती थीं।
हड्डियों की कमजोरी दूर करना
आजकल भारतीय लोगों में कैल्शियम और विटामिन डी की कमी होने से हड्डियां जल्दी कमजोर हो जाती हैं, जिसके कारण हड्डी फ्रैक्चर होने, ऑस्टियोपोरिसिस, गठिया, अर्थराइटिस जैसी समस्याएं होने लगी हैं। 1 चम्मच देसी घी में 115 कैलोरीज होती हैं, जबकि इसमें 14.9 ग्राम हेल्दी फैट पाया जाता है। इसके अलावा घी में कैल्शियम भी अच्छी मात्रा में पाया जाता है, जिसके कारण ये हड्डियों को मजबूत बनाता है।