जानें क्या है योग, योग के लाभ और प्रकार (Yoga in Hindi)
योग करना सेहत के लिए फायदेमंद होता है और योग करने से शरीर को कई तरह के लाभ पहुंचते हैं। योग करने से स्वस्थ शरीर पाया जा सकता है। इसलिए आप रोज योग किया करें। वहीं योग क्या है, योग के लाभ क्या होते हैं, और योग के प्रकार के बारे में आज हम आपको इस लेख के माध्यम से बताने जा रहे हैं।
योग क्या है – What is Yoga in Hindi?
योग एक प्रकार की व्यायाम शैली है जिसके अंतर्गत कई तरह के आसन आते हैं। योग संस्कृत भाषा के शब्द ‘युज’ से बना है और इस शब्द का अर्थ व्यक्तिगत चेतना और रूह से मिलन होता है। भारत के अलावा दुनिया भर में योग काफी प्रसिद्ध है और इसका इतिहास पांच हजार वर्ष पुराना माना जाता है। योग के तहत आने वाले आसन करने से शरीर को अनगिनत लाभ मिलते हैं और योग की मदद से हर कोई एक मजबूत शरीर पा सकता है। योग करने से शरीर की रक्षा बीमारियों से भी होती है और दिमाग को शांति प्रदान होती है।
योग के लाभ (Benefits of Yoga in Hindi)
योग के लाभ बहुत हैं. योगआसन करने से शरीर में स्फूर्ति बनी रहती हैं, और शरीर बिमारियों से मुक्त हो जाता हैं। आइये जानते हैं इसके लाभ क्या क्या हो सकते हैं –
शरीर में ऊर्जा बनी रहे
योग करने से शरीर में ऊर्जा बनी रहती है और शरीर एकदम तंदुरुस्त रहता। इसलिए जो लोग आसानी से थक जाते हैं या जिन लोगों को अक्सर कमजोरी महसूस होती है। वो लोग योग करना शुरू कर दें। रोजाना 15 मिनट योग करने से आपके शरीर में ऊर्जा का स्तर बढ़ जाएगा।
मानसिक शक्ति बढ़े
योग करने से दिमाग पर अच्छा असर पड़ता है और मानसिक शक्ति सही बनी रहती है। इतना ही नहीं तनाव होने पर अगर योग किया जाए तो तनाव दूर हो जाता है और आपको एक तनाव रहित जिंदगी मिल जाती है।
वजन कम करे
अधिक वजन होने पर अगर योग किया जाए तो वजन कम हो जाता है। ऐसे कई सारे योग हैं जो कि वजन कम करने में कारगर साबित होते हैं और जो लोग इन योग को रोजाना करते हैं उनका वजन कम होने लग जाता है।
चेहरा निखरे
योग करने से चेहरे पर भी अच्छा प्रभाव पड़ता है और चेहरा निखर जाता है। इसलिए सुंदर त्वचा पाने की इच्छा रखने वाले लोग योग किया करें। योग करने से बढ़ती आयु का असर चेहरे पर नजर नहीं आता है और चेहरा जवां बना रहता है।
प्रतिरक्षण क्षमता सुधारे
प्रतिरक्षण क्षमता मजबूत होने से हमारे शरीर की रक्षा कई तरह की घातक बीमारियों से होती है। इसके अलावा योग के लाभ मांसपेशियों के साथ भी हैं और योग करने से हमारी मांसपेशियां मजबूत हो जाती है और इनमें दर्द की शिकायत भी नहीं होती है।
लचीलापन आता है
योग करते समय हम कई तरह के आसन करते हैं और इन आसनों को करने से हमारा शरीर लचीला बन जाता है। शरीर में लचीलापन आने से हमारे चलने और बैठने में सुधार आता है और शरीर की अकड़न खत्म हो जाती है।
सकारात्मक बढ़े
योग करने से मन शांत रहता है और शांत मन होने से शरीर में सकारात्मक ऊर्जा बढ़ जाती है। सकारात्मक ऊर्जा बढ़ने से दिमाग में केवल अच्छे ख्याल ही आते हैं और मन सदा खुश रहता है।
दर्दों से मिले छुटकारा
कई तरह की दर्दों से आराम दिलाने में भी योग कारगर साबित होता है और रोजाना योग करने से शरीर के कई अंगों में होने वाली दर्दों से छुटकारा मिल जाता है। योग के लाभ पाचन तंत्र से भी जुड़े हैं और योग करने से पाचन तंत्र मजबूत बना रहता है। जो लोग नियमित रुप से योग करते हैं उन लोगों को गैस और कब्ज जैसी समस्याएं भी नहीं होती है।
रक्तचाप हो कम
अधिक रक्तचाप होने से दिल से संबंधित बीमारियां होने का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए यह बेहद ही जरूरी होता है कि रक्तचाप को नियंत्रित रखा जाए और इसे बढ़ने ना दिए जाए। जिन लोगों को अधिक रक्तचाप की शिकायत रहती है वो लोग योग की मदद से अपने रक्तचाप को कम कर सकते हैं। रक्तचाप की तरह ही मुधमेह को भी योग की मदद से नियंत्रित रखा जा सकता है।
योग के प्रकार – Types of Yoga in Hindi
योग के 6 प्रकार होते हैं और योग के प्रकार के बारे में जानकारी इस तरह है –
- राज योग
- ज्ञान योग
- कर्म योग
- भक्ति योग
- हठ योग
- कुंडलिनी/लय योग
राज योग
राज योग को सबसे बड़ा योग माना जाता है और यह योग आठ प्रकार का होता हैं। जिसकी वजह से इस योग को अष्टांग योग के नाम से भी जाना जाता है। इस योग के जरिए आत्म-निरीक्षण किया जाता है और मन को आत्मा के साथ जोड़ा जाता है। यह योग करने से दिमाग और मन को शांति मिलती है और तनाव दूर हो जाता है। इस योग के आठ प्रकार इस तरह से हैं-
- यम यानि शपथ लेना
- नियम यानी आत्म अनुशासन
- आसन यानी मुद्रा
- प्राणायाम यानी श्वास नियंत्रण
- प्रत्याहार यानी इंद्रियों का नियंत्रण
- धारणा यानी एकाग्रता
- ध्यान यानी मेडिटेशन
- समाधि यानी बंधनों से मुक्ति या परमात्मा से मिलन
ज्ञान योग
ज्ञान योग के जरिए आत्मा शुद्ध होती है और हम अपने आपको आत्मा से जोड़ पाते हैं। अधिक चिंता लेने वाले लोगों के लिए ज्ञान योग उत्तम होता है और इसे करने से दिमाग शांत रहता है। यह योग करने से याददाश्त पर भी अच्छा प्रभाव पड़ता है और याददाश्त तेज बनी रहती है। ज्ञान योग का नाता दिमाग से अधिक होता है और इस योग को काफी कठिन योग माना गया है। ऐसा कहा जाता है कि इस योग को करने से हम ब्रह्म में लीन हो जाते हैं।
कर्म योग
कर्म का मतलब अपने आपको सही मार्ग पर ले जाना है और बिना किसी स्वार्थ से अच्छे कामों को करना है। कर्म योग के माध्यम से हम परमेश्वर में लीन हो जाता है और बिना किसी मोह माया के अपने कामों को करने में लगे रहते हैं।
भक्ति योग
भक्ति योग भी एक प्रकार का योग होता है जो कि भगवान की पूजा से जुड़ा होता है। भक्ति योग के अनुसार हर इंसान को किसी ना किसी को अपना ईश्वर मानना चाहिए और सच्चे मन से अपने ईश्वर की पूजा करना चाहिए। भक्ति योग करने से मन को शांति मिलती है।
हठ योग
हठ योग करने से हमारे शरीर की नाड़ियां सही बनी रहती हैं और इनके बीच में संतुलन कायम रहता है। हठ योग के तहत हम अपने मुंह से हठ शब्द को निकलाते हैं। इस शब्द में ह शब्द दाई नासिका स्वर से निकलता है, जिसे पिंगला नाड़ी करते हैं। जबकि ठ बाईं नासिका स्वर है जिसे इड़ा नाड़ी कहते हैं। प्राचीन काल में यह योग ऋषि-मुनि किया करते थे और इसे करने से शारीरिक रूप से और मानसिक रूप से शांति की प्राप्ति होती है।
कुंडलिनी योग
कुंडलिनी योग करने से शरीर के सात चक्र जागृत किए जा सकते हैं। इस योग को लय योग के नाम से भी जाना जाता है और यह योग करने से मन पर काबू पाया जा सकता है। यह योग करना बेहद ही कठिन होता है और जो लोग इस योग को सही से कर लेते हैं उन लोगों का नियंत्रण अपने शरीर पर पूरी तरह से हो जाता है और उनकी एकाग्रता भी बढ़ जाती है।
योग करते समय रखें इन बातों को याद
योग का अर्थ, योग के लाभ और योग के प्रकार पढ़ने के बाद आप रोज सुबह योग को किया करें। वहीं योग करते समय आप नीचे बताई गई सावधानियों का भी ध्यान रखें।
- अगर आप पहली बार कोई योग कर रहे हैं, तो उस योग को किसी ऐसे व्यक्ति के साथ करें, जिस इस बात की जानकारी हो की योग कैसे किया जाता है।
- बुखार या बीमार होने पर आप योग ना करें।
- योग करते समय आपका पेट खाली होना चाहिए। इसलिए आप खाना खाने के तुरंत बाद योग ना करें।
- योग करने के बाद तुरंत जाकर ना नहाएं।
- अपने मन में कोई भी नकारात्मक विचार योग करते हुए ना लाएं।
योग करने का सही समय
- योग करने का सबसे अच्छा समय ब्रह्म मुहूर्त यानी चार बजे का होता है और सुबह के समय खुली हवा में जाकर योग करना सबसे उत्तम होता है। वहीं ध्यान हमेशा शांत जगह पर ही जाकर लगाना चाहिए।
- आप चाहें तो शाम के समय भी योग कर सकते हैं। हालांकि शाम के समय योग करते समय आपका पेट एकदम खाली होना चाहिए।
- जिन लोगों को पेट या पैरों में दर्द की शिकायत रहती है वो लोग योग ना करें।
- रीड्ड की हड्डी में दर्द होने पर आप योग ना करें। क्योंकि ऐसा करने से रीड्ड की हड्डी पर बुरा असर पर सकता है।
यह भी पढ़ें : विटामिन ए के फायदे