भारत की जीत का हीरो अथर्व बना रहा है कई नये रिकॉर्ड, मां ने बस में टिकट काटकर की थी परवरिश
अक्सर सफलता का स्वाद उन्हें स्वादिष्ट लगता है जिसने दिन-रात मेहनत करके वो मुकाम हासिल किया हो। ऐसे एक नहीं बल्कि कई उदाहरण हैं जिसने अपना बचपन गरीबी और लाचारी में देखा हो लेकिन माता-पिता की मेहनत से उन्हें वो मुकाम हासिल हो जाता है जो उन्होंने कभी सोचा भी नहीं होगा। आज हम ऐसे ही एक क्रिकेट खिलाड़ी के बारे में बताएंगे जिसने अंडर-19 क्रिकेट में अपनी खास जगह बना ली है। भारत की जीत का हीरो अथर्व बना रहा है कई नये रिकॉर्ड, मगर इनकी मां ने अपनी तपस्या की कहानी जब बताई तो वो बहुत भावुकता से भरी थी।
भारत की जीत का हीरो अथर्व बना रहा है कई नये रिकॉर्ड
भारत के अंडर-19 क्रिकेट टीम ने शनिवार को सातवीं बार एशिया कप पर कब्जा किया और फाइनल में भारत ने बांग्लादेश को 5 रनों से हरा भी दिया। इस जीत के हीरो 5 विकेट लेने वाले बाएं हाथ के फिरकी गेंदबाज अथर्व अंकोलेकर, जो महाराष्ट्र के अंधेरी में रहने वाले हैं। अंडर-19 टीम में चुने गए अथर्व का संघर्ष लंबा रहा है और इनके पिता का निधन 9 साल पहले साल 2010 में हो गया था और तब इनकी मां वैदेही ने ही घर संभाला। उन्हें पति की जगह सरकारी बस सेवा बेस्ट में कंडक्टर की नौकरी मिल गई और जब मीडिया ने उनसे बातचीत की तब वैदेही ने कुछ दिलचस्प बातें बताई। उन्होंने कहा, ‘मैं हर दिन की तरह सुबह उठकर ड्यूटी कर रही थी इसलिे मैच नहीं देख पाई। उस दौरान अथर्व के दोस्तों से स्कोर पूछती रहती थी। बांग्लादेश को जीतने के लिए सिर्फ 107 रन का लक्ष्य मिला था। दूसरी पारी में अथर्व को गेंदबाजी मिली, तो मेरी ड्यूटी पूरी हो गई थी और मैं जल्दी घर पहुंच गई। आकाश ने 3 विकेट लिए तो मैस से हमारी उम्मीदें लौटी। जब अथर्व ने विकेट लेना शुरु किया तो मैच दिलचस्प हो गया।’
अथर्व की मां ने इस बात को बढ़ाते हुए आगे बताया, ‘उसने बांग्लादेश के कप्तान अकबर अली को आउट किया तो लगा कि मैच जीत सकते हैं। उसने पिछले मैच में 98 रन बनाए और आखिर में बांग्लादेश ने 100 रन पूरे कर लिये तब भी अथर्व ही बॉलिंग कर रहा था। हमारी टेंशन बढ़ी और लगा कि अगर ये मैच भारत हारा तो इसका पूरा गुस्सा मेरे बेटे पर ही निकलेगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ और अथर्व ने विकेट लिया और हम मैच जीत गए।’
आपको बता दें कि अथर्व का छोटा भाई भी अंडर-14 में खेलता है। इनकी आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण अथर्व को 15 किमी दूर बस से क्रिकेट किट लेकर एमआईजी में प्रैक्टिस के लिए जाना पड़ता था। कई बार भारी किट और थकाऊ होने के कारण वो क्रिकेट छोड़ने की बात करता था तो उसकी मां उसे समझाती थीं। 18 साल के अथर्व खेलने के साथ ही मुंबई के रिजवी कॉलेज में सेकेंड ईयर छात्र भी हैं। 9 साल पहले एक प्रैक्टिस मैच में उनसे मास्टर ब्लास्टर सचिन भी आउट हो गए थे।