बेटे की परवरिश में माता-पिता करते हैं ये बड़ी गलती, नुकसान बेटियों को भुगतना पड़ता हैं
एक ज़माना था जब घर में बेटा पैदा होता था तो खुशियाँ मनाई जाती थी वहीं बेटी का जन्म हो जाए तो मातम सा छा जाता था. हालाँकि अभी हालात थोड़े बदले हैं. अब ऐसे घर परिवार बहुत कम शेष रह गए हैं. आप में भी कुछ लोग गर्व से ये कहेंगे कि हमारे यहाँ बेटी होती हैं तो हम भी खुशियाँ मनाते हैं. चलिए मान लिया. लेकिन उसके बाद का क्या? मतलब क्या आप अपनी बेटी को भी वे सारे अधिकार देते हैं जो बेटे को देते हैं? देखिए इस बात में कोई शक नहीं कि आज का समाज एक पुरुष प्रधान समाज हैं. यहाँ आज भी महिलाओं के साथ कई प्रकार का भेदभाव किया जाता हैं. पुरुषों को कई मामलो में प्राथमिकता मिलती हैं.
पुरुष प्रधान सोच के पीछे उसकी परवरिश ही जिम्मेदार होती हैं. यदि आप समाज में महिलाओं के लिए सुधार लाना चाहते हैं तो इसकी शुरुआत आपको अपने घर से ही करनी होगी. आप अपने बेटे की परवरिश और संस्कारों पर विशेष ध्यान दे. उसके दिमाग में महिलाओं और पुरुषों के भेदभाव का कचरा ना डाले. मसलन सबसे पहले तो उसे हर महिला की इज्जत करना सिखाए. उसे मन सम्मान की नजरों से देखना सिखाए. बच्चा ये चीजें घर से ही सीखता हैं. यदि पिता या घर के अन्य मर्द महिलाओं के साथ अछ्छा व्यवहार करते हैं तो बेटा भी वैसा ही करना सीखेगा. यदि घर में कुछ गलत होता हैं तो ये माँ की जिम्मेदारी हैं कि वो अपने बेटे को सहीऔर गलत का अंतर बताए.
आप बेटे की परवरिश कैसे करते हैं इसका छोटे से लेकर बड़े लेवल ता प्रभाव पड़ेगा. जैसे जब आपका बेटा स्कूल से घर आए और बैग कपड़े यहाँ वहां फेक दे तो उसे उठाने के लिए बेटी को ना बोले. बेटे से ही ये काम करवाए. इसके अलावा जैसे आप बेटी से घर के काम काज जैसे सफाई और खाना इत्यादि बनवाते हैं वैसा बेटे से भी बनवाए. इस तरह जब वो बड़ा होगा तो उसे अपनी बीवी या माँ की घरेलु कामो में हेल्प करने में कोई शर्म नहीं आएगी. दूसरा आपका बेटे को ऐसे संस्कार देने हैं कि वो बड़ा होकर किसी भी महिला के साथ कोई छेड़खानी या दुष्कर्म ना करे. वर्तमान जनरेशन में जो बुरे लोग हैं उनकी सोच बदलना काफी मुश्किल हैं. लेकिन आने वाली जनरेशन के लड़को को अच्छे संस्कार दिए जाए तो भविष्य महिलाओं के लिए ज्यादा सुरक्षित होगा.
तो जरा एक बार फिर से सोचिए. क्या आप अपने बेटे की सही परवरिश कर रहे हैं? जितने अधिकार बेटे को मिल रहे हैं उतने बेटियों को भी दे. जो रोक टोक आप बेटियों पर कर रहे हैं वही बेटो के साथ भी करे. लड़का हैं तो चलता हैं इस तरह की बात ना करे. जो आम गलत हैं वो गलत हैं. फिर लड़का हो या लड़की किसी को उसे नहीं करना चाहिए. आपकी एक अच्छी परवरिश आने वाले कल को महिलाओं के लिए और बेहतर बना सकती हैं. इसलिए यदि आप अपनी बेटी की सच में परवाह करते हैं तो अपने बेटे को अच्छे संस्कार देने के बारे में जरूर सोचे.