‘जज साहब…74 साल का हूं, 9 गंभीर बीमारियां हैं…प्लीज मुझ पर रहम कीजिए’- पी. चिदंबरम
‘जज साहब…74 साल का हूं…9 गंभीर बीमारियों से ग्रसित हूं…प्लीज मुझ पर रहम करें’- अरे बाबा चौंकिए मत…ये लाइन किसी फिल्म या सीरियल का डायलॉग नहीं है, बल्कि कांग्रेस के कद्दावर नेता व पूर्व गृहमंत्री और पूर्व वित्तमंत्री पी चिदंबरम की है। जी हां, कांग्रेस के कद्दावर नेता पी चिदंबरम इन दिनों भ्रष्टाचार के आरोप में तिहाड़ जेल में बंद हैं, जिसकी वजह वे बाहर आने के लिए तरह तरह के दांव पेंच आज़मा रहे हैं। इसी सिलसिले में उन्होंने 12 सितंबर को दिल्ली की हाईकोर्ट में दो याचिका दाखिल की है, जिसमें उन्होंने खुद पर रहम की बात भी कही है।
तिहाड़ जेल से बाहर निकलने के लिए तिलमिला रहें कांग्रेस के कद्दावर नेता पी चिदंबरम ने 12 सितंबर को दिल्ली की हाईकोर्ट में दो याचिका दाखिल की है। इसमें से एक उनकी जमानत संबंधित है, तो दूसरी याचिका न्यायिक हिरासत के फैसले को खारिज करने को लेकर है। इन दोनों ही याचिकाओं में से एक याचिका में पी चिदंबरम द्वारा अपनी स्वास्थ्य का ज़िक्र किया गया है, जिसमें उन्होंने 9 गंभीर बीमारियों का ज़िक्र किया है, जिससे वे सालों से परेशान हैं। मतलब साफ है कि तिहाड़ जेल से बाहर निकलने के लिए पी चिदंबरम का स्वास्थ्य का सहारा लेना चाहते हैं।
कोर्ट में गिड़गिड़ाए पी चिदंबरम
Apart from mentioning his old age of 74, #PChidambaram, in his bail plea before the #Delhi High Court, has cited 9 diseases he suffers from.
His two petitions, one on bail and another to quash the judicial remand proceedings, will be heard by Justice Suresh Kait tomorrow. pic.twitter.com/GFdeBm0wVw— Utkarsh Anand (@utkarsh_aanand) September 11, 2019
तिहाड़ जेल में बंद पी चिदंबरम ने गुरुवार को दिल्ली की हाईकोर्ट में दो याचिका दाखिल की, जिसमें से एक में वे कोर्ट के सामने गिड़गिड़ाने वाली भाषा का इस्तेमाल करते हुए नज़र आए। दरअसल, एक याचिका में पी चिदंबरम ने कहा कि मैं 74 साल का हूं और मुझे 9 गंभीर बीमारियां हैं, इसीलिए मुझ पर रहम कीजिए। मतलब साफ है कि पी चिदंबरम उम्र और सेहत का हवाला देकर कानूनी पचड़े से बचने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन अब देखने वाली बात यह होगी कि उनके गिड़गिड़ाने का कोर्ट पर कितना असर पड़ता है।
कानून से बचने का अच्छा बहाना
जिस तरह से पी चिदंबरम द्वारा दाखिल याचिका में 9 गंभीर बीमारियों और अपनी उम्र का ज़िक्र किया गया है, उससे तो साफ जाहिर हो रहा है कि वे कानून से बचने का अच्छा बहाना तलाश कर रहे थे, जिसकी वजह से उन्होंने ये रास्ता अपनाया। बता दें कि कल तक संसद में बैठकर आम लोगों के लिए कानून पर कानून बनाने वाले पी चिदंबरम आज अपने ही द्वारा बनाए गए कानून से बचने के लिए बीमारियों का हवाला दे रहे हैं, ताकि उनके साथ नरमी से पेश आया जाए।
सीबीआई हिरासत में जाना चाहते हैं पी चिदंबरम
देश के इतिहास में यह पहला ऐसा केस होगा, जहां आरोपी खुद सीबीआई या ईडी के हिरासत में जाने की बात कर रहा है। दरअसल, पी चिदंबरम न्यायिक हिरासत में नहीं रहना चाहते हैं, बल्कि उनका कहना है कि उन्हें सीबीआई या ईडी में भेज दिया जाए, क्योंकि तिहाड़ में उन्हें सुविधाएं नहीं मिल पा रही है। बता दें कि सीबीआई हिरासत में पी चिदंबरम को वीआईपी सुविधाएं दी गई थी और उन्हें स्पेशल सेल में रखा गया था, लेकिन तिहाड़ में ऐसा नहीं हो रहा है।