राहुल गांधी के दादा फिरोज जहांगीर को इस तरह मिला था ‘गांधी’ सरनेम, जानिए कैसे नेहरू बने गांधी
एक दौर था जब भारतीय राजनीति में नेहरू और गांधी ये दो नाम ही सबसे ज्यादा चर्चित थे। हर कोई इन्हें ही भारत का विधाता मानता था और सबसे पुरानी राजनीति पार्टी कांग्रेस ही है जिसका नाम आते ही इंदिरा गांधी, राजीव गांधी या राहुल गांधी का चेहरा सामने आता है। बहुत से लोग लड़ते हैं कि गांधी खानदार का इतिहास इस्लामिक है क्योंकि इंदिरा गांधी ने एक मुस्लिम से शादी की थी। जबकि ये पूरी सच्चाई नहीं है, तो क्या आप जानना नहीं चाहेंगे कि राहुल गांधी के दादा फिरोज जहांगीर को इस तरह मिला था ‘गांधी’ सरनेम? अगर जानना है तो आपको यही पढ़ना चाहिए।
राहुल गांधी के दादा फिरोज जहांगीर को इस तरह मिला था ‘गांधी’ सरनेम
12 सितंबर, 1912 को बॉम्बे में जन्में फिरोज गांधी की मां मुस्लिम परिवार से थीं जबकि उनके पिता पारसी धर्म के अनुयायी थे। फिरोज जहांगीर नाम के इस युवा ने अपने अलग स्वभाव से भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का दिल जीत लिया था। ये बात साल 1929 के आस-पास की है जब इंदिरा गांधी की मां कमला नेहरू एक कॉलेज के सामने धरना देने बैठी थीं और वहां फिरोज गांधी भी मौजूद थे। उस दौरान कुछ ना खाने-पीने से कमला नेहरू बेहोश हो गई थीं और फिर फिरोज गांधी ने उन्हें अस्पताल पहुंचाने से लेकर उन्हें उनके घर तक पहुंचाने का काम किया। उस दौरान फिरोज गांधी का केयरिंग स्वभाव देखकर इंदिरा गांधी अपना दिल हार चुकी थीं। फिर इनका रिश्ता शादी तक पहुंच गया लेकिन अलग जाति के होने के कारण जवाहरलाल नेहरू इस शादी के लिए तैयार नहीं हो रहे थे।
उस दौरान महात्मा गांधी ने फिरोज जहांगीर को गोद लेते हुए अपना सरनेम दे दिया। उसके बाद से फिरोज अपने नाम के आगे गांधी लगाने लगे और फिर ये गांधी परिवार राजनीति का काफी बड़ा खानदान निकला जो कई पीढ़ियों से भारतीय राजनीति से जुड़े हैं। महात्मा गांधी के भारत छोड़ो आंदोलन में फिरोज और इंदिरा गांधी भी जेल गए थे और महात्मा गांधी इन दोनों को बहुत मानते भी थे। बाद में इंदिरा गांधी ने दो बेटों को जन्म दिया लेकिन पति के साथ उनका आए दिन झगड़ा होता रहता था।
साल 1960 में हार्ट अटैक आने के कारण फिरोज गांधी का निधन हो गया था। इंदिरा गांधी भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री बनी, इसके बाद इनका बेटा राजीव गांधी भी भारत के प्रधानमंत्री के पद पर कार्यरत रहे। अब राजीव गांधी के बेटे राहुल गांधी को भी उनकी मां सोनिया गांधी राजनीति का पक्का खिलाड़ी बनाना चाहती हैं जो राहुल गांधी के लिए शायद मुश्किल ही हो रही है।इस तरह नेहरू परिवार पूरी तरह से गांधी परिवार बन गया .