गणेश विसर्जन के बाद की तस्वीरें देख टूट जाएगा दिल, सोनाली बेंद्रे ने भी जताई चिंता, करे ये काम
हर साल गणेश महोत्सव का त्यौहार पुरे देश में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता हैं. इसमें भक्त गणेशजी को पहले दिन घर लाते हैं और फिर अंतिम दिन उनका विसर्जन कर देते हैं. यह विसर्जन तीसरे, चौथे, सातवें या दसवें दिन होता हैं. गणेश उत्सव के दौरान हम सभी पूर्ण भक्ति भावना से बप्पा की पूजा पाठ करते हैं. हालाँकि क्या आप ने कभी सोचा हैं कि आप जिन गणेशजी का विसर्जन करते हैं उनका बाद में क्या होता हैं? अधिकतर लोग बाजार से प्लास्टर ऑफ़ पेरिस से बने गणेशजी लाते हैं. पंडालों में तो एक तरह से प्रतियोगिता चलती हैं कि जितने बड़े गणेशजी उतना ज्यादा शो ऑफ या भक्ति. मतलब जो लोग छोटे गणेशजी लाते हैं क्या उन्हें कम आशीर्वाद मिलता हैं? लोग एक तरफ तो भगवान के प्रति श्रृद्धा और भक्ति दिखाते हैं लेकिन दूसरी और अन्य परिणामो को जानते हुए अंधे बन जाते हैं. यदि आप अभी भी नहीं समझे कि हम किस बारे में बात कर रहे हैं तो जरा एक बार विसर्जन के बाद की इस तस्वीर को देख लीजिये.
After yesterday’s visarjan… If these are not signs of damage we are causing then I don’t know what are! This cannot happen we need to do better! pic.twitter.com/0YYJGNfUby
— Sonali Bendre Behl (@iamsonalibendre) September 9, 2019
इस फोटो को बॉलीवुड एक्ट्रेस सोनाली बेंद्रे ने शेयर किया हैं. तस्वीर मुंबई के जुहू बीच की हैं. जैसा कि आप फोटो में देख ही सकते हैं विसर्जन के बाद गणेशजी किन हालातों में हैं. सोनाली ने इस तस्वीर के कैप्शन में लिखा हैं “कल के विसर्जन के बाद हमारे द्वारा हुआ नुकसान. ऐसा नहीं होना चाहिए. हम इससे बेहतर कर सकते हैं.”
दोस्तों हर साल की यही कहानी होती हैं. हम धूमधाम से गणेश उत्सव मनाते हैं. फिर विसर्जन करने के बाद सबकुछ भूल जाते हैं. इस बात की परवाह करने वाले लोग चिल्ला चिल्ला कर थक गए हैं कि आप सिर्फ इको फ्रेंडली गणेशा ही विराजित करे. प्लास्टर ऑफ़ पेरिस और कत्रिम रंगों से बने गणेशजी ना सिर्फ पर्यावरण को नुकसान पहुंचाते हैं बल्कि बाद में उनकी ऐसी दयनीय हालत भी हो जाती हैं. अब ये किस टाइप की भक्ति हैं?
सोनाली के द्वारा शेयर की गई ये तस्वीर इंटरनेट पर भी बहुत वायरल हो रही हैं. इस स्थिति से बचने के लिए लोग अलग अलग प्रकार के सजेशन दे रहे हैं. मसलन एक यूजर कहता हैं “हमेशा मिट्टी और प्राकृतिक रंगों से बने गणेशजी ही बैठाए. इन्हें आप घर पर ही विसर्जित कर सकते हैं और उस मिट्टी को गमले में डालकर एक पौधा लगा सकते हैं.” यदि आप इन्हें घर पर विसर्जित ना करे तो भी मिट्टी के गणेशा पर्यावरण के लिए सेफ होते हैं. सबसे महत्वपूर्ण बात ये पानी में जल्दी और आसानी से विलीन हो जाते हैं. इस तरह उनका अपमान नहीं होता हैं.
वैसे इन दिनों चॉकलेट के गणेशा भी काफी मशहूर हैं. इनका विसर्जन दूध में होता हैं. इसके बाद चॉकलेट वाले दूध को प्रसादी के रूप में बच्चों में बाँट दिया जाता हैं. कुछ लोग फिटकरी से बने गणेशजी भी लाते हैं. इन्हें विसर्जित करने के बाद पानी और साफ़ होता हैं. इसलिए हमारी आप से विनती हैं कि आप लोग भी सिर्फ इको फ्रेंडली गणेशा यानी मिट्टी से बने गणेशा ही लाया करे. गणेशजी बड़े हो या छोटे इस बात से फर्क नहीं पड़ता. बात ये मायने रखती हैं कि आपका दिल और श्रृद्धा कितनी बड़ी हैं.