10 साल के बच्चे ने ISRO को पत्र के जरिए कही हैरान करने वाली बात, जो किसी बड़े ने भी नहीं सोचा
पिछले कुछ दिनों से चंद्रयान-2 के विफल मिशन पर हर कोई खुलकर बात कर रहा है और हर कोई इस सिचुएशन में ISRO का साथ दे रहा है। मगर वहां लगभग 2 किलोमीटर की दूरी से चूक होने पर हर कोई खासकर इसरो के चेयरमैन बहुत दुखी हुए। उनका पीएम को पकड़कर रोने वाला वीडियो खूब वायरल हुआ था। मगर जहां बड़े-बड़े इस बारे में बात करते हुए कुछ भी कह दे रहे हैं लेकिन 10 साल के बच्चे ने ISRO को पत्र के जरिए कही हैरान करने वाली बात, अब ये बात क्या है इसे आपको जानना चाहिए।
10 साल के बच्चे ने ISRO को पत्र के जरिए कही हैरान करने वाली बात
चंद्रयान -2 के लैंडर विक्रम को चंद्रमा पर सफलतापूर्वक उतारने में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) की असफलता के बाद लाखों भारतीयों ने अंतरिक्ष में हासिल की गई इसरो की तमाम उपलब्धियां याद करने लगे। यहां तक कि ISRO को हार ना मानने और निरंतर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित भी किया है गया था। शनिवार के शुरुआती घंटों के दौरान लैंडिंग के होते समय जैसे ही विक्रम लैंडर ने ISRO के साथ संचार खो दिया, वैसे ही पूरे देश ने इसरो के वैज्ञानिकों के हौसले के लिए उन्हें लाखों मैसेज भेजे थे. कई लोगों ने ऑनलाइन ही भावुक हो कर इसरो के वैज्ञानिकों को बताया कि उन्होंने करोड़ों युवा भारतीयों की एक पीढ़ी को प्रेरित और गौरवान्वित किया है उसके लिए धन्यवाद। ऐसे ही एक भावनात्मक संदेश में 10 साल के एक बच्चे अंजनिया कौल ने भी इसरो के वैज्ञानिकों को एक पत्र लिखा और वो वायरल हो गया। पत्र का शीर्षक, “एक आभारी भारतीय की भावनाएं.” था और अंजनिया ने इसरो को अगले जून में चंद्रयान -3 लॉन्च करने के लिए अगले प्रयास पर ध्यान केंद्रित करने के लिए कहा।
“Feelings of a Grateful Indian” written by my son who is 10 year old.@isro India is grateful to you. You are our inspiration. @PMOIndia @narendramodi_in pic.twitter.com/wOLAUCf6gX
— Jyoti Kaul ?? (@jytkoul) September 7, 2019
शनिवार को अपनी मां ज्योति कौल द्वारा ऑनलाइन पोस्ट किए गए हाथ से लिखे एक मैसेज में, अंजनेया ने भी ISRO को हताश नहीं होने की सलाह दी है। अंजनेया ने अपनी उस चिट्ठी में लिखा, ”हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि ऑर्बिटर अभी भी काम कर रहा है और जल्द ही हमें पिक्चर भी मिल जाएगी। हो सकता है कि विक्रम ने लैंडिंग की हो और प्रज्ञान अभी भी सही सलामत हो और ग्राफिकल बैंड भेजने के लिए तैयार हो। अंजनेया ने उम्मीद जताते हुए बताया कि फिर सफलता हमारे हाथों में होगी आप लोग घबराइएगा नहीं।
हालांकि अंजनेया के इस पत्र के बाद रविवार को, ISRO ने वास्तव में इस बात की पुष्टि की कि विक्रम ने चंद्रमा की सतह पर लैंड किया था. हालांकि, अंतरिक्ष एजेंसी अभी भी इस बात की जांच कर रही है और उसके साथ संपर्क स्थापित करने की भी कोशिश कर रही हैं.” अंजनेया ने अपने पत्र में लिखा था कि इसरो के वैज्ञानिक अगली पीढ़ी के लिए प्रेरणा दे रहे हैं और आप हमारा गर्व हो।”