अगर आपमें भी हैं ये 5 आदतें तो डैमेज हो सकता है आपका ब्रेन, जानिए कौन सी हैं ये आदतें ?
आज के समय में हर इंसान अपनी-अपनी परेशानियों से घिरा हुआ है और टेंशन तो हर कदम पर बनी रहती है। ऐसे में दिमाग के मरीजों की संख्या दिन पर दिन बढ़ती जा रही है। इंसान का दिमाग काम में इतना खर्च हो रहा है कि वो अपनी आगे की परेशानियां खत्म करने की बारे में सोच भी नहीं पा रहा है और इससे ब्रेन डैमेज की समस्या बढ़ रही हैं। अगर आपमें भी हैं ये 5 आदतें तो डैमेज हो सकता है आपका ब्रेन, तो आपको भी ये जरूर जानना चाहिए।
अगर आपमें भी हैं ये 5 आदतें तो डैमेज हो सकता है आपका ब्रेन
मस्तिष्क डैमेज होना एक चोट है जो मस्तिष्क कोशिकाओं के विनाश का कारण बन जाती है। मस्तिष्क शायद मानव शरीर के सबसे बड़े और सबसे जटिल अंगों में से एक है। मस्तिष्क मनुष्यों में केंद्रीय तंत्रिका तंत्र का केंद माना जाता है और साथ ही परिधीय तंत्रिका तंत्र के लिए प्राथमिक नियंत्रण केंद्र होता है। अपने मस्तिष्क को स्वस्थ रखना उतना ही महत्वपूर्ण होता है जितना आपके दिल या अंगों को स्वस्थ रखना होता है। जब आपका मस्तिष्क आपके शरीर का नियंत्रण केंद्र क्षतिग्रस्त होता है तो ये आपके विचारों, स्मृति, संवेदना और यहां तक की व्यक्तित्व भी गंभीर रूप से प्रभावित हो सकता है। एक शोध से ये बात सामने आई है कि जो आदतें आपके दिल को नुकसान पहुंचाती है तो ये असल में आपके मस्तिष्क पर भी जोर डालती है। ये खतरनाक आदतें आपके दिमाग को डैमेज कर सकती है।
नमक का ज्यादा सेवन
चीनी को कोसने के बाद पोषण संबंधी सूची में एक और हानिकारक चीज नमक होती है। JAMA न्यूरोलॉजी के जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन में नमक को उच्च रक्तचाप में योगदान देने वाले एक कारक के रूप में उजागर हो चुका है। इसके ज्यादा सेवन से याद्दाश्त में कमी और स्ट्रोक का खतरा बढ़ता है।
नाश्ता छोड़ना
कई रिसर्च में ये बात सामने आई है कि ब्रेकफास्ट स्किप करना आपके मस्तिष्क को पर्याप्त पोषक तत्व प्राप्त करने से रोकता है। अगर आपने पेटभर कर नाश्ता करते हैं और दिनभर कुछ नहीं खाते तो चल जाएगा। अगर आप नाश्ता नहीं करते हैं तो मस्तिष्क को पर्याप्त पोषक तत्व प्राप्त करने से रोकता है और संज्ञात्मक कार्य पर नकारात्मक प्रभाव डालता है। मस्तिष्क को विनियमित करने से रोक देता है और इससे ब्रेन डैमेज होने का खतरा बढ़ता है।
अत्यधिक सेल फोन का उपयोग
ज्यादा मोबाइल का उपयो से जुड़े स्वास्थ्य जोखिम अनिर्णायक होता है। फिर भी शोधकर्ताओं ने पुरुषों में नींद की गड़बड़ी और अवसादग्रस्तता लक्षणों के लिए उच्च मोबाइल फोन के उपयोग को जोड़ दिया जाता है। टीओआई की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि एम्स द्वारा किए गए एक अध्ययन में मोबाइल फोन विकिरण के लंबे समय तक संपर्क में रहने से ब्रेन ट्यूमर का खतरा बढ़ता है।
नींद की कमी
नींद ना आना आज के समय की बहुत ज्यादा मात्रा में होने वाली बीमारी है। डब्यूएचओ द्वारा किए गए एक अध्ययन पाया गया है कि नींद की कमी से मस्तिष्क में नुकसान होने लगता है। ऐसा इसलिए होता है क्योकि नींद मस्तिष्क को विषाक्त पदार्थों को साफ करने की अनुमति देती है जो कि जागने के घंटों बाद तक रही है। अगर आपको नींद नहीं आती है तो इससे धीरे-धीरे आपका दिमाग भी क्षति हो सकता है।
ओवरईटिंग
अत्यधिक रूप से खाना ना सिर्फ आपके वजन को बढ़ाता है बल्कि इससे मस्तिष्क के कार्य भी कम हो जाते हैं। साल 2012 में अमेरिकन एकेडमी ऑफ न्यूरोलॉजी की वार्षिक बैठक में प्रस्तुत अध्ययन ने राय दी है कि समय के साथ उच्च कैलोरी का सेवन वास्तव में किसी व्यक्ति की स्मृति हानि के विकास के बढ़ता है।