क्या सच में क्रैश हो गया विक्रम लैंडर?…ISRO ने दिया इस ख़ास सवाल का जवाब
मिशन चंद्रयान-2 को चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग करनी थी, लेकिन ठीक 2.1 किलोमीटर पहले ही इसरो का संपर्क टूट गया। संपर्क क्या टूटा…मानो पूरे देश का सपना टूट गया। संपर्क टूटने के बाद इसरो के वैज्ञानिकों के बीच निराशा देखने को मिली और इसरो चीफ की आंखों में आंसू आ गए। आंसू आए भी क्यों न…मिशन के नजदीक पहुंच कर असफल होना बहुत अधिक खलता है, लेकिन यहां बड़ा सवाल यह उठता है कि क्या क्रैश हो गया लैंडर विक्रम? इस सवाल का जवाब देते हुए इसरो ने बड़ा बयान दिया है। जी हां, इसरो ने लैंडर विक्रम के बारे में थोड़ी बहुत बातचीत मीडिया के सामने की।
यूं तो अब तक केवल तीन देश यानि रूस, अमेरिका और चीन ही चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग करा चुके हैं, लेकिन जहां चंद्रयान-2 को लैंड करना था, वहां अभी तक कोई भी नहीं पहुंच सका है। बता दें कि चंद्रयान-2 को साउथ पोल तक लैंडिंग करना था, लेकिन ठीक 2.1 किलोमीटर यह सपना टूट गया, जिसके बाद वैज्ञानिकों के बीच निराशा छा गई, लेकिन हिम्मत अभी बाकी है मेरे दोस्त। बता दें कि लैंडर विक्रम करीब 47 दिनों की यात्रा के बाद चंद्रमा की सतह तक पहुंचा था और शनिवार को लैंडिंग करने ही वाला था कि संपर्क टूट गया।
क्या क्रैश हो गया विक्रम लैंडर?
Deviprasad Karnik, scientist ISRO, on being asked if Vikram Lander has crashed: Data is being analysed. We don’t have any result yet. It takes time. We are not sure. pic.twitter.com/fo3AZDwhek
— ANI (@ANI) September 6, 2019
जब से लैंडर विक्रम और इसरो के बीच संपर्क टूटने की खबर सामने आई है, तब से लोगों के मन में एक ही सवाल है कि क्या लैंडर विक्रम क्रैश हो गया है या फिर अभी बाकी है? इस सवाल का जवाब इसरो के वैज्ञानिक देवीप्रसाद कार्निक ने देते हुए कहा कि ‘डाटा का विश्लेषण किया जा रहा है, ऐसे में हमारे पास अभी तक कोई रिजल्ट नहीं आया है और इसमें समय लगया है, इसकी वजह से हम पक्के तौर पर नहीं कह सकते हैं कि लैंडर विक्रम क्रैश हुआ है या नहीं।
95% सलामत है चंद्रयान-2
इसरो के एक वैज्ञानिक ने नाम न बताने के शर्त पर कहा कि मिशन का सिर्फ पांच प्रतिशत -लैंडर विक्रम और प्रज्ञान रोवर- नुकसान हुआ है, जबकि बाकी 95 प्रतिशत -चंद्रयान-2 ऑर्बिटर- अभी भी चंद्रमा का सफलतापूर्वक चक्कर काट रहा है, जिसकी वजह से वह चांद की कुछ तस्वीरें इसरो को भेजने में सक्षम है और ऐसे में हम आकड़ों का अध्ययन कर सकेंगे। बता दें कि ऑर्बिटर लैंडर की तस्वीरें भी लेकर भेज सकता है, जिससे उसकी स्थिति के बारे में पता चल सकता है और फिर लैंडर विक्रम पर स्थिति स्पष्ट हो सकती है।
47 दिन की यात्रा के बाद टूटा संपर्क
दिन रात की मेहनत के बाद जब चंद्रयान-2 चंद्रमा की सतह पर लैंडिंग करने के बिल्कुल नजदीक पहुंच गया था, तभी अचानक इसरो से उसका संपर्क टूट गया, जिसकी वजह से खुशी अधूरी रह गई। बता दें कि 47 दिन की यात्रा के बाद चंद्रयान-2 लैंडिंग के नजदीक पहुंचा था, लेकिन मंजिल मिल नहीं सकी, जिसके बाद पीएम मोदी ने समस्त वैज्ञानिकों का हौसला बढ़ाया और फिर कहा कि हिम्मत नहीं टूटी है, संपर्क ही टूटा है।