नेपाल की जेल में बंद महेंद्र को उसकी मां से मिलवाएंगे ये नौजवान, छुड़ाने की कीमत है इतनी की ..
आपने अक्सर सुना होगा कि हमारे देश का कोई ना कोई शख्स पाकिस्तान की जेल में बंद है। वहां से भारतीयों को छुड़ाना बहुत मुश्किल होता है लेकिन ऐसा होता है और कई-कई सालों तक बिना किसी कसूर के भारतीय दूसरे जेलों में सजा काटते हैं। ये बहुत मुश्किल होता है लेकिन सच यही है कि लोगों को बहुत सी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। यहां हम जिनकी बात बताने जा रहे हैं वो ना सरबजीत है, ना कुलभूषण है बल्कि इसका नाम महेंद्र है। नेपाल की जेल में बंद महेंद्र को उसकी मां से मिलवाएंगे ये नौजवान, मगर ये कैसे संभव होगा ये सोचने की बात है।
नेपाल की जेल में बंद महेंद्र को उसकी मां से मिलवाएंगे ये नौजवान
ये घटना यूपी के काशी की है जहां पर महेंद्र और उसकी बूढ़ी मां रहा करते थे। महेंद्र ट्रक चलाकर अपना घर चलाता था और मां भी अपने बेटे से बहुत प्यार करती थी। मगर एक बार जब महेंद्र नेपाल माल की डिलीवरी करने गया था तब वो एक केस में फंस गया और उसका वापस आना मुश्किल हो गया। वहां सड़क दुर्घटना में एक आदमी की जान चली गई और दूसरा गंभीर रूप से घायल हो गया और इस केस में महेंद्र को अंदर कर लिया गया। इस मामले में महेश का कहना है कि उसने जानबूझकर कुछ नहीं किया है और वो एक्सीडेंट उससे नहीं हुआ। वो जा रहा था कि रास्ते में दो लड़के जख्मी पड़े थे एक तो मर गया था दूसरा घायल था तो वो उन्हें बचाने के इरादे से उतरा था लेकिन उसी समय पुलिस आ गई और उसे गिरफ्तार कर लिया गया। महेंद्र की मां (65) को तगड़ा झटका लगा और वो हर किसी से मदद मांगने गई कि उसके बेटे को कोई छुड़वा ले। जब नरेंद्र मोदी काशी गए थे तब उस महिला ने मोदी जी से मिलने की कोशिश की थी लेकिन उसे मिलने नहीं दिया गया।
फिर गोरखपुर के कुछ नौजवान उनकी जिंदगी में फरिश्ते बनकर आए और उन्होने ठान लिया कि वो उस मां-बेटे को मिलवाकर रहेंगे। इन नौजवानों ने पैसा इकट्ठा किया तो मां को नेपाल ले जाकर महेंद्र से मिलवा दिया। वहां पर जब प्रशासन से बात की तब कहा गया कि महेंद्र को जेल में 8 साल और रहना होगा या फिर 8 लाख रुपये जुर्माना के तौर पर लाओ और उसे ले जाओ। प्रकाश नाम के एक युवक ने अपने कुछ दोस्तों के साथ मिलकर सोशल मीडिया पर एक मुहीम चलाई है जिसमें लोगों से मदद मांगी है एक मां को उसके बेटे से मिलवाने की। ऐसा बताया जा रहा है कि वे उन दोनों को मिलवाकर ही दम लेंगे। उन युवकों ने फेसबुक, ब्हाट्सएप के माध्यम से सुविधानुसार धनराशि इकट्ठा करने का काम शुरु कर दिया है।