अध्यात्म

राधाष्टमी: इस श्राप के कारण राधा के पास नहीं आ पाते थे उनके पति, जानिए किसने दिया था वो श्राप

हिंदू धर्म में बहुत से देवी-देवता होते हैं जो आपकी अलग-अलग मनोकामनाएं सुनते हैं और उन्हें पूरी करते हैं। मगर एक सच ये भी है कि अगर आप अपने कर्म अच्छे रखते हैं तो आपके साथ सबकुछ अपने-आप ठीक होता जाता है। हम अपना कर्म खुद बनाते और बिगाड़ते हैं। हर देवी और देवता का जन्म होता है लेकिन आमतौर पर उत्सव सिर्फ किन्ही प्रमुख देवताओं और देवी का मनाया जाता है। यहां हम आपको राधाष्टमी पर बताएंगे कि इस श्राप के कारण राधा के पास नहीं आ पाते थे उनके पति, इसके अलावा आखिर क्यों राधा जी ने प्यार कष्णा और शादी किसी और से की थी?

इस श्राप के कारण राधा के पास नहीं आ पाते थे उनके पति

हिंदू धर्म में सबसे ज्यादा भगवान विष्णु को पूजा जाता है और उनके कृष्णा अवतार के बारे में तो हर कोई जानता है। कृष्णजी के नटखट अंदाज और उनकी प्रेम लीलाओं से तो पूरी दुनिया ही परिचित है लेकिन अगर जब बात राधा जी की आती है तो यही सामने आता है कि आखिर भगवान होकर भी श्रीकृष्ण जी ने राधा के साथ शादी क्यों नहीं की? जब भी कृष्णजी का नाम लिया जाता है तो साथ में राधाकृष्ण लोग बोल ही देते हैं जैसे ये कोई मंत्र हो। द्वापर युग में भगवान विष्णु जी का अवतार कृष्ण और लक्ष्मी जी का अवतार राधा थे लेकिन फिर भी वे एक नहीं हो पाए ये सवाल हर भक्त के जहन में होता ही है। कृष्णजी ने रुकमणी सहित 8 विवाह किया था और राधा जी ने अयन नाम के युवक से विवाह किया था। राधा के पति का वर्णन ब्रह्मावैवर्त पुराण में किया गया है और ये वेदव्यास द्वारा रचित 18 पुराणों में एक है। एक प्राचीन कथा के अनुसार, राधा के पति अयन बरसान के महा पंडित उग्रपत के पुत्र थे और उग्रपत राधा के पिता बृजभान के अच्छे मित्र थे।

किसी यज्ञ में बृजभान का सहयोग करने के कारण उग्रपत को ये वर प्राप्त हुआ था कि वे जीवन में एक बार बृजभान से जो भी मांगेगे वो उन्हें मिल जाएगा। अपने इस वर का प्रयोग करके महापंडित उग्रपत ने राधा और श्रीकृष्ण की शादी रुकवाकर राजा बृजभाजन से राधा का हाथ अपने पुत्र के लिए मांग लिया था और अयन भी राधा से बचपन से ही विवाह करना चाहता था। उसके मन में बरसाना का भावी राजा बनने का लालत पहले से ही था और वो बचपन से ही कृष्ण जी से जलता भी था. कंस के साथ मिलकर कई बार उसने राधा और कृष्ण को अलग करने का प्रयास भी किया था। राधा और कृष्ण की सादी भी वो अपने पिता द्वारा तु़ड़वा दिया और अंत में राधा का अयन के साथ विवाह हो गया था। मगर सवाल वही है कि आखिर इनकी शादी हुई क्यों तो आपको बता दें कि पुराणों में तो इस विषय में कोई कथा मुख्यरूप से नहीं है लेकिन चर्चित टीवी सीरियल राधाकृष्ण के अनुसार, अयन को महा ऋषि दुरवासा का श्राप मिला था कि वो राधा रानी को हाथ लहाते ही भष्म हो जाएगा। दरअसल अयन और राधा की शादी के बाद भी वे कृष्ण से मिलती रहती थीं। उनकी प्रेम लीलाओं से परेशान होकर अयन ने अपने पति होने का हक राधा रानी पर जताने की कोशिश करने लगा था।

अयन छल से राधा को एक ऐसा फल खिलाना चाहता था जिससे राधा अपना सबकुछ उसे दे देकर पूर्णरूप से उसकी हो जाएं। मगर वो ऐसा कर पाता उससे पहले ऋषि दुरवासा ने अयन को श्राप दे दिाय था कि वो जिस नियत से राधा को ये फल खिलाने जा रहा हैथा वो कभी पूरा नहीं हो पाएगा क्योंकि वो जैसे ही राधा हाथ लगाएगा तो वो खुद भस्म हो जाएगा। इसी वजह से शादी के बाद भी वो राधा का पति नहीं बन पाया था। मगर पंडित दयानंद शास्त्री के मुताबिक, ‘अयन घोष में वर्णर मिलता है कि अयन नाम के एक ग्वाले ने भगवान विष्णु की बहुत तपस्या की थी और जब विष्णुजी ने उससे वर मांगने को कहा तो उसने लक्ष्मी जी से विवाह करने की बात कही। पहले तो विष्णुजी को गु्ससा आया लेकिन बाद में उन्होंने तथास्तु कहकर बताया कि द्वापर युग में लक्ष्मी जी का जन्म राधा के रूप में होगा तब उनका विवाह हो जाएगा।’ बाद में यही वजह बन गई थी राधा और कृष्ण कभी एक होकर भी एक नहीं हो पाए थे।

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