शादी के 54 साल बाद इस दंपत्ति के घर गूंजी किलकारी, 74 साल की उम्र में मां बनी ये महिला
किसी भी महिला के लिए मां बनने का सुख इस दुनिया की सबसे बड़ी खुशी होती है, लेकिन कई बार कुछ महिलाएं इस सुख से लंबे समय के लिए वंचित रहती हैं, जिसके लिए विज्ञान ने खूब तरक्की कर ली है। विज्ञान की तरक्की की बदौलत अब जो महिलाएं मां नहीं बन सकती हैं, वे भी मां बनने का सुख प्राप्त कर सकती हैं, जिसका ताज़ा उदाहरण आंध्र प्रदेश के पूर्वी गोदावरी जिले के नेललापतीर्पाडू की रहने वाली मंगायम्मा है, जोकि 74 साल की उम्र में मां बनी हैं। इतना ही नहीं, 74 की उम्र में मंगायम्मा ने विज्ञान का सहारा लिया और मां बनने का सुख प्राप्त किया।
आंध्र प्रदेश के पूर्वी गोदावरी जिले के नेललापतीर्पाडू की रहने वाली मंगायम्मा को शादी के 54 साल बाद भी बच्चे नहीं हो रहे थे, जिसकी वजह से वे और उनके पति संतान सुख से वंचित थे। लाख कोशिशों के बावजूद दोनों की गोद सूनी रही, लेकिन फिर पिछले साल ही उन्होंने विज्ञान की तकनीक के बारे में सुना तो झट से संतान सुख प्राप्त करने की इच्छा दोबारा जाग उठी। बता दें कि मंगायम्मा और उनके पति पिछले 54 साल से लाख कोशिश कर रहे थे, लेकिन अब जाकर उन्हें संतान सुख की प्राप्ति हुई।
शादी के 54 साल बाद गूंजी किलकारी
मंगायम्मा और राजा राव की शादी को हुए 54 साल बीत गए हैं, लेकिन उनकी इच्छा पिछले कई सालों से अधूरी थी, जोकि अब पूरी हुई है। जी हां, 74 साल की उम्र में मंगायम्मा ने एक नहीं, बल्कि दो बच्चों को जन्म दिया है और खुशी की बात यह है कि जज्जा और बच्चा दोनों ही स्वस्थ हैं। मतलब साफ है कि 74 साल की उम्र में मंगायम्मा ने सीजेरियन डिलीवरी के तहत जुड़वा बच्चे को जन्म दिया था, जिसकी देखरेख पिछले 9 महीने से डॉक्टर कर रहे थे और अब इस दंपत्ति के घर में किलकारी गूंजी है।
आईवीएफ का लिया सहारा
आजकल विज्ञान ने इतनी ज्यादा तरक्की कर ली है कि इंसान किसी भी सुख से वंचित नहीं रह सकता है और यही सोच कर मंगायम्मा और उनके पति ने भी विज्ञान का सहारा लेना ही उचित समझा। हालांकि, विज्ञान का सहारा लेने में उन्होंने काफी देर कर दी, लेकिन देर से आए दुरुस्त आए वाली कहावत सिद्ध हो गई और जुड़वा बच्चों के पैरेंट्स बन गए। मंगायम्मा ने 74 साल की उम्र में आईवीएफ की मदद से जुड़वा बच्चों को जन्म दिया।
क्या है आईवीएफ?
इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (आईवीएफ) प्रक्रिया के उन दंपत्तियों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है, जोकि किसी कारणवश संतान सुख से वंचित रह जाते हैं। इसकी मदद से कोई भी महिला गर्भ धारण कर सकती है और एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दे सकती है। बता दें कि आईवीएफ की सुविधा सामान्यत: हर नर्सिंग होम या हॉस्पिटल में मौजूद है, जिसका सहारा बिना किसी संकोच के लिए लिया जा सकता है। डॉक्टर्स आईवीएफ से गर्भ धारण करने से पहले इसके बारे में पूरी जानकारी देते हैं और बताते हैं कि ये किस तरह से सेफ है।