तिहाड़ में कुछ ऐसे कटी पी.चिदंबरम की पहली रात, जेल नंबर 7 में मिला पोहा-चाय और तकिया-कंबल
कांग्रेस के कद्दावर नेता पी. चिदंबरम को गुरुवार को आईएनएक्स मीडिया केस में डबल झटका लगा, जिसके बाद उन्हें 19 सितंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। जी हां, पी. चिदंबरम को 19 सितंबर तक तिहाड़ जेल में तत्काल प्रभाव से भेज दिया गया है, जहां उन्होंने अपनी पहली रात बिताई। तिहाड़ जेल में जाने से पहले पी. चिदंबरम ने कुछ सुविधाओं की डिमांड रखी थी, जिसके बाद उनकी पहली रात कैसे बीती, इसकी खबर भी सामने आ चुकी है। इतना ही नहीं, तिहाड़ जेल में पी. चिदंबरम कुछ सुविधाएं स्पेशल मिली, लेकिन ज्यादातर सुविधाएं आम कैदियों की तरह ही मिली।
देश की नामी गामी वकीलों की फौज पी. चिदंबरम की जमानत की कोशिश आखिरी पल तक करती रही, लेकिन उन्हें तिहाड़ जाने से रोक न सकी। पी. चिदंबरम के वकीलों की टीम में कपिल सिब्बल और अभिषेक मनु सिंघवी जैसे नामी गामी लोग शामिल थे, लेकिन चाहकर भी उन्हें तिहाड़ जाने से नहीं बचा पाए, जिसके बाद उन्हें कोर्ट ने 19 सितंबर तक तिहाड़ जेल की यात्रा पर भेज दिया। तिहाड़ जेल में जाने से पहले पी. चिदंबरम ने कोर्ट से कई सुविधाएं मांगी थी, जिसमें उन्होंने वेस्टर्न टॉयलेट का भी ज़िक्र किया।
7 नंबर जेल में हैं पी. चिदंबरम
पी. चिदंबरम को तिहाड़ के 7 नंबर जेल में रखा गया है, जहां उन्हें अलग से सेल मिला हुआ है। इस सेल के आसपास सुरक्षा के पुख्ते इंतजाम किए गए हैं। हर पल पी. चिदंबरम पर नजर रखने के लिए सीसीटीवी कैमरे का इंतजाम भी किया गया है। इसके अलावा पी. चिदंबरम को कोर्ट द्वारा दवाई और चश्मा ले जाने की परमिशन भी मिली है। साथ ही सेल में पी. चिदंबरम की सुविधाओं का पूरा ख्याल रखा जा रहा है और उनके आसपास बड़े पैमाने पर सुरक्षा व्यवस्था तैनात की गई है, ताकि किसी भी अनहोनी से बचा जा सके।
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सुबह के नाश्ते मिली ये चीज़े
जेल के नियमानुसार, पी. चिदंबरम को सुबह 7 बजे चाय के साथ पोहा, दलिया, ब्रेड दिया गया है, जिसके बाद दोपहर को लंच भी दिया जाएगा। इसके अलावा अन्य कैदियों की तरह ही पी. चिदंबरम को एक तकिया और कंबल दिया गया। साथ ही सेल में अखबार, टीवी और किताबों की सुविधाएं मिल रही है। साथ ही वे चाहे तो कोरिडॉर या सेल के सामने अन्य कैदियों की तरह टहल सकते हैं, लेकिन उससे बाहर जाने की इजाजत उन्हें भी नहीं है।
तिहाड़ जाने से नहीं बचा पाए कपिल सिब्बल
कपिल सिब्बल ने कोर्ट में पी. चिदंबरम का पक्ष लेते हुए कहा कि ईडी अगर उन्हें पूछताछ के लिए हिरासत में लेना चाहती है, तो हम सरेंडर करने के लिए तैयार हैं, लेकिन सीबीआई के पास इतने सबूत नहीं है कि उन्हें तिहाड़ जेल भेजा जाए, इसीलिए उन्हें तिहाड़ जेल नहीं भेजा जाना चाहिए। इन तमाम दलीलों के आगे कोर्ट में सीबीआई की दलील ज्यादा मजबूत दिखाई दी और फिर पी. चिदंबरम को 19 सितंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।