बॉयज हॉस्टल में बीवी के साथ रहते थे एक्टर पंकज त्रिपाठी, वजह थी बड़ी दिलचस्प
स्त्री, मिर्जापुर, सेक्रेड गेम्स इत्यादि से फेमस हुए पंकज कपूर आज बॉलीवुड में जाना माना नाम हैं. उनके अभिनय के आगे बॉलीवुड के टॉप एक्टर्स भी फ़ैल हो जाते हैं. पंकज की ख़ास बात ये हैं कि उनका जन्म बिहार, गोपालगंज के बेलसंड जैसे छोटे से गाँव में हुआ था. उनके पिता एक किसान थे. 10वी क्लास तक तो उन्होंने को फिल्म भी नहीं देखी थी. ऐसे में उनके बॉलीवुड एक्टर बनने का सफ़र बड़ा ही दिलचस्प हैं. पंकज बताते हैं कि गाँव में वे लड़की बनकर रंगमंच पर नाटक किया करते थे. इसके बाद आगे की पढ़ाई करने 1993 में पटना पहुंचे. यहाँ कॉलेज में वे काफी एक्टिव छात्र हुआ करते थे. छात्र आंदोलन में भी हिस्सा लेते थे. एक आंदोलन की वजह से उन्हें 1 सप्ताह जेल की हवा भी खानी पड़ी. यहाँ जेल में एक लाइब्रेरी थी. पंकज यहाँ बैठ हिंदी साहित्य पड़ा करते थे. यही से उनकी इसमें रूचि पैदा हुई.
उन्हें घुमने फिरने का शौक था. पटना में टहलते हुए उनकी नज़र लक्ष्मण नारायण राय के एक नाटक पर गई. इस नाटक के एक सीन से वे इतने प्रभावित हुए कि अभिनेता बनने का फैसला कर लिया. फिर उन्होंने पटना में ही करीब 7 सालो तक रंगमंच किया. उनका सपना ‘नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा’ (NSD) में दाखिला लेने का था. ये देश का वही बड़ा स्कूल हैं जिस से अनुपम खैर और नसरुद्दीन शाह जैसे काबिल अभिनेता बाहर निकलते थे. पंकज त्रिपाठी पहली दो कोशिशों में तो फ़ैल हुए लेकिन फिर 2001 में उनका एडमिशन हो गया. यहाँ वे NSD के बॉयज हॉस्टल में रहते थे. इसी जगह पहली बार उन्होंने कलर टीवी देखा था.
पंकज बताते हैं कि उनके मन में कई बार ऐसी लहर उठती थी कि वे एक बहुत बड़े अभिनेता बनेगे, हालाँकि फिर वो खुद को थाम लेते थे और कहते थे बेटा अभी बहुत मेहनत करनी हैं. ज्यादा मत उड़ो. NSD में देश के कौने कौने से लोग आते थे. पंकज बताते हैं कि यही से उन्हें देश की विविधता का अहसास हुआ. वे बताते हैं कि एनएसडी आपको सिखा तो देता हैं लेकिन आपके करियर की ग्यारंटी नहीं लेता हैं. वो मेहनत आपको स्वयं ही अपने हुनर के दम पर करनी होती हैं.
उस दौरान पंकज की उम्र भी बढ़ रही थी. घर से शादी और करियर दोनों का प्रेशर था. अब करियर का उस समय पंकज को पता नहीं था इसलिए उन्होंने अपने कोर्स के पुरे होने के चार पंच महीने पहले ही शादी करने का फैसला कर लिया. 2004 में उनकी मृदुला त्रिपाठी से शादी हुई. वे पत्नी के साथ दिल्ली स्थित लक्ष्मी नगर रहने लगे. फिर NSD प्रशासन से उन्हें चेतावनी मिली कि आपकी फुल अटेंडेंस होना चाहिए. पंकज के लिए लक्ष्मी नगर से रोज एनएसडी आना संभव नहीं था. लेकिन उन्हें लगातार कॉलेज भी जाना जरूरी था. ऐसे में वे अपनी बीवी को लेकर एनएसडी के बॉयज हॉस्टल में शिफ्ट हो गए. उनका एक रूममेट था जिसे उन्होंने किसी दुसरे रूम में भेज दिया.
पंकज बताते हैं कि मेरी बीवी एक महीने तक मेरे साथ बॉयज हॉस्टल रही. ये बात मेरे साथियों को तो पता थी लेकिन NSD एडमिनिस्ट्रेशन को इसकी भनक नहीं थी. मेरे कमरे में रोज खाना बनने लगा था, जिसे सभी साथी मिलकर खाते थे.