गणपति बप्पा के इस अनोखे भक्त ने चढ़ाया उन्हें 151 किलो का मावे से बना लड्डू
गणेश उत्सव की धूम पूरे देश में देखने को मिल रही है और इस पर्व को लेकर लोग बेहद ही उत्सुक हैं। गणेश उत्सव को महाराष्ट्र राज्य में बेहद ही जोश के साथ मनाया जाता है और इस उत्सव के दौरान लोग अपने घरों में गणपति की स्थापना करते रहे है। वहीं महाराष्ट्र के पुणे में गणेश जी के एक भक्त ने गणपति जी को अनोखा भोग लगाया है और इस भक्त ने गणपति के चरणों में 151 किलो का मोदक चढ़ाया है। पुणे के दगड़ूसेठ हलवाई मंदिर में मावल इलाके के रहने वाले एक व्यक्ति ने अपने परिवार से साथ गणपति जी को 151 किलो का मोदक अर्पित किया है। इतना ही नहीं ये मोदक बेहद ही खास है, इस मोदक पर एक स्वास्तिक चिन्ह भी बना हुआ है।
मावे से बना है लड्डू
गणेश जी को चढ़ाया गया है ये मोदक मावे से बना हुआ है और इसको बनाने में कई तरह के ड्रायफ्रूट का प्रयोग भी किया गया है। इतना ही नहीं इस मोदक पर चांदी भी लगाई गई है।
खास पूजा कर चढ़ाया ये मोदक
गणेश जी के इस भक्त ने अपने पूरे परिवार के साथ पहले गणेश जी की विशेष पूजा की और पूजा करने के बाद बप्पा को ये मोदक अर्पित किया। वहीं ये मोदक चढ़ाने के बाद मीडिया से बात करते हुए इस भक्त ने कहा कि उसने अपने परिवार की खुशहाली के लिए ये 151 किलो मोदक यहां चढ़ाया है। गणेश जी बस उनके परिवार में सुख और शांति बनाए रखे और उनका कल्याण करे।
गौरतलब है कि पिछले साल भी गणेश उत्सव के दौरान एक भक्त ने बप्पा को 200 किलो का मोदक चढ़ाया था और इस मोदक को दगडूशेठ हलवाई गणपति मंदिर में ही चढ़ाया गया था। दरअसल दगडूशेठ हलवाई गणपति मंदिर सबसे पुराना गणेश मंदिर है और इसलिए इस मंदिर पर लोगों की काफी आस्था है। ये मंदिर बेहद ही प्रसिद्ध है और हर साल गणेश उत्सव के दौरान दूर-दूर से लोग इस मंदिर में आकर गणेश जी की पूजा करते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस मंदिर में आकर गणेश जी की पूजा करने से हर कामना पूर्ण हो जाती है। इतना ही नहीं जो लोग इस मंदिर में आते हैं वो लोग यहां पर मोदक गणेश जी को जरूर अर्पित करते हैं और भक्तों को प्रसाद के तौर पर मोदक ही बांटा जाता है।
2 सितंबर से शुरु हुआ है गणेश उत्सव
2 सितंबर को गणेश चतुर्थी के साथ ही गणेश उत्सव की शुरूआत हुई है और ये उत्सव 10 दिनों तक चलता है। इस उत्सव के दौरान लोग अपने घर में गणेश जी की मूर्ति स्थापित करते हैं और 10 दिनों तक बप्पा की विशेष पूजा करते हैं। वहीं 10 दिन पूरे हो जाने के बाद गणपति की मूर्ति को पानी में विसर्जित कर देते हैं। इस उत्सव को महाराष्ट्र राज्य में खूब माना जाता है और इस उत्सव के दौरान जगह जगह पर गणेश जी के पंडाल लगाए जाते हैं और लोग इन पंडालों में आकर बप्पा के दर्शन कर उनकी पूजा करते हैं।