हिंदू लड़कियों का ज़बरन धर्म-परिवर्तन और निकाह होने के बाद क्या होता हैं उन के साथ पाक में, जानें
15 अगस्त 1947 को जब भारत पाकिस्तान का बंटवारा हुआ था तो उस दौरान पाकिस्तान में हिंदू लोगो की संख्या 23 प्रतिशत थी. अब वर्तमान में यहाँ हिंदू सिमट कर सिर्फ 2 से 5 प्रतिशत ही रह गए हैं. इसकी सबसे बड़ी वजह यहाँ होने वाले जबरन धर्म परिवर्तन के मामले हैं. 2015 में साउथ एशियन पार्टनरशिप – पकिस्तान और औरत फाउंडेशन की एक रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान में हर साल करीब 1000 से ज्यादा लड़कियों का धर्म परिवर्तन होता हैं. मतलब एक एवरेज निकला जाए तो यहाँ हर महीने करीब 100 के आसपास हिंदू लड़कियां मुस्लिम में कन्वर्ट कर दी जाती हैं. 99 प्रतिशत मामलों में ये सभी धर्म परिवर्तन के मामले जबरन होते हैं.
इन मामलों ने दिखाया पाकिस्तान का गंदा चेहरा
वैसे तो हिंदू लड़की के जबरन धर्म परिवर्तन के कई मामले होते हैं लेकिन इनमे से कुछ ख़ासतौर पर मीडिया की नजरों में आए और विवादित भी रहे. इसमें पहला मामला रिंकल कुमारी का हैं. घोटकी जिले के मीरपुर मठेलो में रहने वाली रिंकल को कुछ सालो पहले मुस्लिम मकान मालिक के बेटे ने किडनेप कर लिया था. फिर इसी साल 20 मार्च को होली के त्यौहार के दिन दो बहने रीना मेघवार और रवीना मेघवार अपने घोटकी जिले के दहर्की गाँव स्थित घर से अचानक गायब हो गई थी. बाद में पता चला कि इन दोनों बहनों का धर्म परिवर्तन कर के मुस्लिम युवकों से शादी रचा दी गई है. इस घटना ने एक बार फिर पाकिस्तान में अल्पसंख्यको के साथ होने वाले व्यवहार पर सवाल खड़े कर दिए. अब कुछ दिनों पहले ही 19 वर्षीय सिख लड़की के जबरन धर्म परिवर्तन और शादी का मामला भी सामने आया हैं. यह लड़की गुरुद्वारा तंबू साहिब के ग्रंथी (पुजारी) भगवान सिंह की बेटी हैं.
इतना ही नहीं इस घटना के कुछ ही दिन बाद सिंह प्रान्त की रहने वाली बीबीए स्टूडेंट कॉलेज की एक हिंदू छात्रा का भी अपहरण हो गया. इसका आरोप उसी के दो मुस्लिम क्लासमेट्स पर हैं. किडनेप हुई इस लड़की की पहचान रोहरी शहर की रेनो कुमारी (पिता इंदरजीत कुमार) के रूप में हुई हैं.
कैसे होता हैं धर्म परिवर्तन
पाकिस्तान में ज्यादातर धर्म परिवर्तन के मामले थार क्षेत्र में होते हैं. खासकर कि उमरकोट, थारपारकर, मीरपुर ख़ास, संघर, घोटकी और जेकोबाबाद जिलो में धर्म परिवर्तन के केस सबसे अधिक देखने को मिलते हैं. यहाँ उन लड़कियों को ज्यादा टारगेट किया जाता हैं जो गरीब होती हैं या निम्न जाति की होती हैं. ज्यादातर मामलों में इन लड़कियों को पहले किडनेप किया जाता है और फिर जबरन इस्लाम कबूल करवा के किसी मुस्लिम युवक से शादी करवा दी जाती हैं. कुछ मामले ऐसे भी होते हैं जिसमे एक पैसे वाला मुस्लिम शख्स गरीब अल्पसंख्यक लड़की जैसे हिंदू को लालच या बहला फुसला कर शादी के लिए राजी कर लेता हैं लेकिन बाद में उसके साथ बुरा व्यवहार करता हैं.
मदरसा का भी है रोल
पाकिस्तान के उमरकोट और थारपारकर इलाकों में रहने वाले हिंदुओं का कहना हैं कि यहाँ के दो मदरसे Dargah Pir Bharchundi Sharif और Dargah Pir Sarhandi aatank आतंक और डर के सिंबोल माने जाते हैं. पाकिस्तान की ह्यूमन राइट्स कमीशन के राइटर और जनरल सेकेट्री Harris Khalique का कहना हैं कि मदरसा ये गतिविधियाँ तब तक नहीं कर सकता हैं जब तक कि इन्हें प्रान्त की सरकार का बेकसपोर्ट ना मिल रहा हो. वहीं पाकिस्तान में Tehreek-e-Insaf’s कानून लाने वाले रमेश कुमार वंकवाणी बताते हैं कि अधिकतर मामलो में जो लोग हिंदू लड़कियों आ धर्म परिवर्तन कराते हैं उन्हें मदरसा बदले में पैस भी देता हैं. बता दे कि अन्य देश जैसे मलेशिया में धर्म परिवर्तन का सर्टिफिकेट देने का हक़ कोर्ट के पास होता हैं. इसके लिए व्यक्ति को एक फार्म भरना पड़ता हैं, फिर 3 महीने की जांच के बाद व्यक्ति की मर्जी से ही उसका धम्र परिवर्तन होता हैं. हालाँकि पाकिस्तान में ये अधिकार मदरसों को दे रखा हैं जिसका वे गलत फायदा उठा कर जबरन धर्म परिवर्तन करवा रहे हैं.
धर्म परिवर्तन के बाद हिंदू लड़कियों का क्या होता हैं?
पाकिस्तान में ज्यादातर हिंदू लड़की का धर्म परिवर्तन होने के बाद मुस्लिम युवक से शादी कराई जाती हैं. इसके कुछ महीनो बाद ही उन्हें जिस्मफरोसी के धंधे में धकेल दिया जाता हैं. एक जानकारी के मुताबिक 90 प्रतिशत मामलो में यही होता हैं. दरअसल उनकी जिस मुस्लिम से शादी होती हैं वो अपनी हवास मिटाने के कुछ महीने बाद लड़की बेदखल कर देता हैं. ज़्यादातर मामलो में मुस्लिम युवक उन्हें जिस्म फरोशी के लिए बेच देते हैं. जहां उन की ज़िंदगी पूरी तरह जहन्नुम बन जाता है, और बदनामी के डर से वो अपने बारे में किसी को नहीं बताती हैं . इस मामले में और जानकारी के लिए आप इस विडियो को देख सकते हैं.