इस लड़की को ठीक करने के लिए, एक बेजान गुड़िया को भी प्लास्टर करना पड़ा, जानिये आखिर क्या थी वज़ह
ऐसा कहा जाता है कि एक बच्ची की दोस्त उसकी गुड़िया होती है और अगर उससे उसे दूर करने की बात होती है तब तो घर में बवाल सा माहौल हो जाता है। लड़कियों को अपनी छोटी-छोटी चीजों से बहुत प्यार होता है जबकि बड़े से बड़े गम वे अपने अंदर छिपा जाती हैं। छोटी बच्चियों को अपनी सबसे प्यारी सहेली गुड़िया ही लगती है औऱ अगर उसे कुछ होता है तो गुड़िया का बीमार पड़ना भी लाजमी हो जाता है। ऐसा ही एक वाक्या सामने आया जब एक बच्ची के पैर में प्लास्टर चढ़ना था और वो जिद में नहीं करवा रही थी और रोए जा रही थी। इस लड़की को ठीक करने में प्लास्टर, पेनकिलर से भी ज्यादा असरदार रही ये चीज और वो चीज सिर्फ एक गुड़िया थी।
प्लास्टर, पेनकिलर से भी ज्यादा असरदार रही ये चीज
डॉक्टर्स अपने मरीजों को ठीक करने के लिए कई तरीके अपनाते हैं। दिल्ली के लोक नायक अस्पताल में कुछ डॉक्टर्स भी ऐसा ही करने पर मजबूर हो गए। अस्पताल के Orthopaedic Block में एक 11 महीने की बच्ची की जिद के आगे सबको झुकना पड़ा। 11 महीने की बच्ची जिसका पैर अपने बैड से गिरने के कारण टूट गया और उसे प्लास्टर चढाना था तो वो अपनी गुड़िया को ढूंढने लगी। जिक्रा मलिक नाम की इस लड़की को ठीक करने के लिए रस्सी, रॉड और गुड़िया का इस्तेमाल किया गया। अस्पताल के बेड नंबर 16 पर दो मरीज लेचे हैं, एक जिक्रा दूसरी उसकी गुड़िया। डॉक्टर्स ने उसे Gallows Traction पर रखने का फैसला लिया है और 2 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए ऐसा ही तरीका अपनाया जाता है। बस बच्चों की कुछ जिद अलग-अलग होती है। 1 किलो से कम वजन के बच्चों के Femur (Thigh Bone) से ही ठीक किया जाा है।
ऐसे में जिक्रा की मां फरीन ने बताया, ‘घर पर वो हमेशा धमा-चौकड़ी मचाकर रखती है। उसे 5 मिनट के लिए बैठाना मुश्किल हो जाता था। अस्पताल में पहले दिन वो बिस्तर पर लेटने को तैयार नहीं थी तो बस हिल रही थी और डॉक्टर्स ने उसे स्थिर रहने को कहा। फिर मैंने अपने पति को उसकी मनपसंद गुड़िया लाने को कहा। हमने जिक्रा की तरह ही गुड़िया को लिटाया और वो लेटी रह गई तो हमारा ये आइडिया काम आ गया।’ जिक्रा के पिता मोहम्मद शहजाद ने बताया, ‘वॉर्ड में सभी जिक्रा को गुड़िया वाली बच्ची कहने लगे हैं। उसे अस्पताल में 2 हफ्ते हो गए हैं और अभी उसे ठीक होने में एक और हप्ता लगेगा। उसे लगता है कि कोई उसके पास लेटा है और घर पर भी वो इसी गुडि़या को अपनी दोस्त बनाकर खेलती है।’