डोनल्ड ट्रंप के विवादित फोन कॉल्स,आस्ट्रेलिया के पीएम पर भड़के ट्रंप!
डोनाल्ड ट्रंप के अमरीकी राष्ट्रपति बनने के बाद से ही किसी ना किसी मुद्दे को लेकर अक्सर वो चर्चा का विषय बने हुए हैं. राष्ट्रपति बनने के बाद से ही वह देश की परंपरा के विपरीत दूसरे मुल्कों के राष्ट्राध्यक्षों को फोन कर उनसे बातचीत कर रहे हैं. अब डोनल्ड ट्रंप और ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री के बीच फोन कॉल काफी चर्चा में हैं लेकिन यह पहली बार नहीं है जब ट्रंप के फोन कॉल चर्चा में रहे हैं. ट्रंप और मैल्कम टर्नबुल के बीच शरणार्थी समझौते को लेकर गत सप्ताह टेलीफोन पर हुई बातचीत के दौरान नोक झांक होने की रिपोर्ट हैं. ट्रंप ने बाद में ट्विटर पर इस समझौते को ‘मूक करार’ बताया.
द्विपक्षीय शरणार्थी समझौते को लेकर फोन पर बातचीत :
दरअसल, द्विपक्षीय शरणार्थी समझौते को लेकर ट्रंप और ऑस्ट्रेलियाई पीएम मैल्कम टर्नबुल ने फोन पर बातचीत की. तो वहीं बातचीत के दौरान ट्रंप का गुस्सा टर्नबुल भड़का और उन्होंने अचानक फोन काट डाली. हालांकि बाद में पूछे जाने पर अर्नबुल ने इस पर टिप्पणी करने से इन्कार कर दिया और कहा कि दोनों कूटनीतिक साझेदारों के बीच मजबूत संबंध है. उन्होंने आगे कहा कि बेहतर है कि इन बातों को गोपनीय रखा जाए. मैं आपको आश्वस्त कर सकता हूं कि दोनों देशों के रिश्ते काफी मजबूत हैं.
सूत्रों के मुताबिक, व्हाइट हाउस के अधिकारियों ने बतया कि दोनों के बीच लगभग एक घंटे बातचीत का समय तय था. यह बातचीत शरणार्थियों को अमरीका में फिर से बसाने को लेकर हो रही थी. ऑस्ट्रेलिया में शरण मांग रहे 1250 लोगों को अमरीका में बसाए जाने को लेकर समझौते की पहल ओबामा प्रशासन में हुई थी. इसी मुद्दे पर यह टेलिफॉनिक बातचीत हो रही थी. इसीके जवाब में डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि यह अब तक की सबसे खराब डील है. जिसके बाद ट्रंप ने टर्नबुल पर भड़कते हुए कहा कि वह बोस्टन पर अगला बम हमला करने वालों को अमरीका में निर्यात करने की कोशिश कर रहे हैं. गौरतलब है कि ट्रंप ने पिछले दिनों शरणार्थियों के अमेरिका में प्रवेश पर रोक लगाने वाले एक शासकीय आदेश पर हस्ताक्षर किए थे जिसके बाद से ऑस्ट्रेलिया को यह डर सताने लगा था कि कहीं अमरीका दोनों देशों के बीच हुए शरणर्थी समझौते को रद्द ना कर दे. लेकिन इस मामले पर टर्नबुल ने ट्रंप की ओर से आलोचना के बाद भी कहा कि दोनों देश के बीच बेहतर संबंध कायम है और मजबूत भी है. टर्नबुल ने साफ किया है कि इस मुद्दे पर नए प्रशासन के साथ समझौता हो गया है और यह सहयोगी देश के साथ नजदीकियों को दर्शाता है.