बीवी से ‘घूस’ लेने वाले दरोगा का विडियो हुआ वायरल, जाने क्या हैं माजरा
इन दिनों प्री-वेडिंग फोटो शूट का बड़ा ही चलन हैं. इसमें दूल्हा दुल्हन शादी के पहले अपना एक फोटोशूट करवाते हैं. फिर इसे सोशल मीडिया पर और दोस्तों, रिश्तेदारों के साथ शेयर किया जाता हैं. आमतौर पर ये फोटोशूट रोमांटिक और क्रिएटिविटी से भरा हुआ होता हैं. कैमरे में कैद हुए दूल्हा दुल्हन के लिए ये हसीन और खुबसूरत पल सुनहरी यादें बन जाते हैं. लेकिन राजस्थान में रहने वाले एक दरोगा बाबु को अपना फोटोशूट करना इतना महंगा पड़ गया कि उनके खिलाफ एक नोटिस तक आ गया.
दरअसल राजस्थान के उदयपुर जिले के कोटड़ा थानाधिकारी धनपत सिंह ने अपनी होने वाली पत्नी के साथ एक क्रिएटिव फोटोशूट करवाया था. इसके तहत उन्होंने एक विडियो और कुछ तस्वीरें भी पोस्ट की हैं. विडियो में एसएचओ की पत्नी बिना हेलमेट पहने स्कूटर से आती हैं. ऐसे में दरोगाजी उन्हें रोकते हैं. फिर पत्नी रिश्वत के रूप में दरोगा पति की जेब में कुछ पैसे डाल देती हैं. इसके बाद बेकग्राउंड में गाना बजता हैं ‘कुछ कुछ होता हैं.’
यक़ीनन एसएचओ ने ऐसा विडियो सिर्फ प्रीवेडिंग फोटोशूट को थोड़ा दिलचस्प और क्रिएटिव बनाने के लिए बनवाया था लेकिन इसके वायरल होने के बाद कई वरिष्ठ पुलिस अधिकारी नाराज़ हो गए. उनके अनुसार ये पुलिस की वर्दी की शान और गरिमा का अपमान हैं. ऐसे में आईजी (लॉ एंड ऑर्डर) डॉ. हवा सिंह घुमरिया ने इलाके के सभी रेंज इंस्पेक्टर जनरल्स के लिए एक नोटिस जारी कर दिया. इस नोटिस के अनुसार जो भी पुलिस अफसर वर्दी का अपमान या दुरुपयोग करेगा उसके खिलाफ कारवाई होगी.
सबसे पहले इस विडियो का पता राजस्थान पुलिस के कुछ उच्चाधिकारियों को लगा था. इसके बाद उन्होंने इसकी जानकारी चित्तौड़गढ़ जिले के मंडफिया की थानाधिकारी को दी और कहा कि इस तरह के विडियो पुलिस की छवि को ख़राब करते हैं. नतीजन कुछ दिनों बाद उदयपुर एसपी कैलाश बिश्नोई ने खुलासा किया कि विडियो के वायरल होने के बाद एसएचओ धनपत सिंह के खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू हो चुकी हैं.
इसके अतिरिक्त जारी नोटिस में बाकी रेंज इंस्पेक्टर जनरलों को भी चेतावनी देते हुए कहा गया कि वे ‘वर्दी की गरिमा’ का ख्याल रखे. आचार संहिता का उलंघन ना करे. इसके साथ ही ये भी बोला गया कि पुलिसकर्मी अपने प्री-वेडिंग फोटोशूट में अपनी वर्दी ना पहने.
इतना सब होने के बाद सोशल मीडिया पर से इस वायरल विडियो को भी हटा दिया गया हैं. वैसे लोगो को जब इस बारे में पता चला तो आधे दरोगा के सपोर्ट में बोल रहे हैं तो बाकी वरिष्ठ पुलिस अधिकारी की बात से भी सहमत हैं. ये बात तो हैं कि दरोगा बाबु का इन सबके पीछे कोई गलत इरादा नहीं था. ऐसा लग रहा हैं इस तरह के फोटोशूट का आईडिया भी फोटोग्राफर ने ही दिया होगा. हालाँकि बड़े पुलिस अधिकारीयों की बात भी सही हैं. इस तरह पुलिस वाले को रिश्वत लेते हुए दिखाना उनकी छवि धूमिल जरूर करता हैं.
वैसे आपका इस पुरे मामले पर क्या कहना हैं? क्या इस दरोगा ने अपने प्रीवेडिंग में पुलिस वर्दी का इस्तेमाल कर सही किया? या फिर ऐसा फोटोशूट गलत हैं?