इस बार सोमवार के दिन आ रही है एकादशी, विष्णु जी के साथ जरूर करें शिव जी की पूजा
भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष में आनी वाली एकादशी को अजा या जया एकादशी के नाम से जाना जाता है। इस साल ये एकादशी अगस्त महीने की 26 तारीख यानी सोमवार के दिन आ रही है। वैसे आमतौर पर एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है और उनका व्रत रखा जाता है। लेकिन इस बार सोमवार को ये एकादशी आने से इस दिन विष्णु जी के साथ-साथ शिव जी की पूजा करने से भी विशेष लाभ मिलता है। इसलिए आप अजा एकादशी के दिन विष्णु जी के साथ-साथ शिव जी की पूजा भी करें।
मिलती है पापों से मुक्ती
ऐसा कहा जाता है कि जो लोग एकादशी का व्रत रखते हैं उन लोगों को पापों से मुक्ति मिल जाती है। इसलिए अपने पापों से मुक्ति पाने के लिए आप इस व्रत को जरूर रखा करें।
हर महीने में एक एकादशी आती है और हर एकादशी को अलग-अलग नामों से जाना जाता है। वहीं एकादशी के दिन कैसे पूजा की जाती है और क्या किया जाता है इसकी जानकारी इस प्रकार है।
एकादशी के दिन इस तरह से करें पूजा
- अजा एकादशी सोमवार के दिन आ रही है इसलिए आप इस दिन भगवान विष्णु के साथ-साथ शिव जी की पूजा भी करें। आप सुबह के समय घर की अच्छे से सफाई कर स्नान कर लें। इसके बाद आप सबसे पहले अपने पूजा घर में एक चौकी रख उसपर भगवान विष्णु की फोटो रख दें और एक घी का दीपक जला दें। फिर आप व्रत का संकल्प लें और 108 बार विष्णु जी के नाम का जाप करें। विष्णु जी की पूजा करते समय आप उनको खीर का भोग जरूर लगाएं और खीर के अंदर एक तुलसी का पत्ता भी डाल दें।
- विष्णु जी की पूजा करने के बाद आप शिव जी की पूजा करें। शिव जी की पूजा करने हेतु आप उनको जल और दूध अर्पित करें और उसके बाद उनको चंदन का तिलक लगाएं और ऊँ नम: शिवाय मंत्र का जाप करें।
- पूजा करने के बाद आप एक तांबे के लोटे से जल भर लें और फिर इस जल से सूर्य देव को अर्घ्य दें। अर्घ्य देते समय आप ऊँ सूर्याय नम: मंत्र का जाप करें और सूर्य को लाल फूल भी चढ़ाएं।
- शाम के समय आप फिर से विष्णु जी और शिव भगवान की पूजा करें और पूजा करने के बाद तुलसी के पास दीपक जलाएं दें।
- एकादशी के दिन आप केवल जमीन पर ही बैठें और घर में चावल बिल्कुल ना बनाएं।
इस तरह से तोड़े व्रत को
एकादशी के अगले दिन आप स्नान करके पूजा करें और ब्राह्मण को घर में बुलाकर उन्हें भोजन करवाएं। ब्राह्मण के भोजन करवाने के बाद आप खुद भोजन कर अपना एकादशी का व्रत तोड़ लें। आप चाहें तो मंदिर में जाकर भी वहां भोजन भगवान को चढ़ा सकते हैं और उसके बाद अपना व्रत तोड़ सकते हैं। इसके अलावा आप एकादशी के अगले दिन चीजों का दान भी जरूर करें। चीजों का दान करने से आपके ग्रह शांत हो जाते हैं और आपतो पुण्य की प्राप्ति होती है।