हरतालिका तीज व्रत रखने से मिलता है सच्चा जीवनसाथी, जानें इस व्रत की पूजा विधि
हरतालिका व्रत पूरे भारत वर्ष में रखा जाता है और इस व्रत को शादीशुदा महिलाएं रखती हैं। कई राज्यों में ये व्रत ‘तीजा’ के नाम से भी जाना जाता है। ये व्रत भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया को हस्त नक्षत्र के दिन आता है और इस साल हरतालिका व्रत सिंतबर महीने की 1 तारीख को आ रहा है। इस व्रत को रखने से पति की आयु लंबी होती है। जबकि अगर कुंवारी लड़कियां ये व्रत करें तो उनको सच्चा जीवन साथ मिलता है।
हरतालिका व्रत का शुभ मुहूर्त
‘हरतालिका तीज’ व्रत 1 सितंबर यानी रविवार के दिन आ रहा है और इसका शुभ मुहूर्त सुबह 5.27 से 7.52 तक का है। जबकि प्रदोष काल पूजा का मुहूर्त शाम 17.50 से 20.09 तक है। इसलिए आप इस मुहूर्त के दौरान ही पूजा करें।
की जाती है गौरी मां की पूजा
हरतालिका तीज का व्रत गौरी मां और शंकर भगवान के लिए रखा जाता है और इस व्रत के दौरान इनकी पूजा एक साथ की जाती है। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन सच्चे मन से अगर कुंवारी लड़कियां गौरी-शंकर की पूजा करती हैं तो उनको अच्छा जीवनसाथी मिलता है। जबकि शादीशुदा महिलाओं अगर ये व्रत रखती हैं तो वो सदा सौभाग्यवती रहती हैं।
इस तरह से करें पूजी
- हरतालिका तीज में भगवान शिव, माता पार्वती और भगवान गणेश की पूजा की जाती है और पूजा करने से पहले इनकी बालू की रेत व काली मिट्टी की प्रतिमा हाथों से बनाई जाती है और इस प्रतिमा को चौकी पर रखा जाता है। इसलिए आप भी पूजा करने के लिए अपने हाथों से इन तीनों भगवानों की प्रतिमा को बना लें और उसके बाद पूजा करें।
- हरतालिका तीज वाले दिन आप सुबह के समय नहाकर अपने पूजा घर में एक चौकी रख दें और इस चौकी पर लाल रंग का कपड़ा बिछा दें। इसके बाद आप इस चौकी को अच्छे से सजा दें और इसके ऊपर भगवान की मिट्टी से बनाई प्रतिमा को स्थापित कर दें।
- चौकी पर आप फल, घी का दीपक और भोग रख दें और फिर अपनी पूजा शुरू कर दें। पूजा शुरू करने से पहले आप पूजा करने का संक्लप लें और उसके बाद गौरी मां को सुहागनों का सामान अर्पित करें। फिर एक -एक कर आप गौरी मां, शिव जी और गणेश जी की आराधना करें।
- पूजा पूरी हो जाने के बाद आप आरती जरूर करें और भगवान को चढ़ाया गया भोग लोगों में बांट दें। वहीं हरतालिका तीज के अगले दिन आप भगवान की इन प्रतिमा को साफ नदी में प्रवाहित कर दें।
रखा जाता है व्रत
अगर आप हरतालिका तीज का व्रत रखते हैं तो आप इस दिन किसी भी तरह का खाना ना खाएं और पूरे दिन सिर्फ गौरी मां की पूजा करें। ये व्रत अगले दिन सुबह तोड़ा जाता है। हालांकि कई महिलाए रात के समय गौरी मां की पूजा करने के बाद खाना खा ले लेती है। इसलिए आप अपने हिसाब से ये व्रत तोड़ सकते हैं। ये व्रत रखना बेहद ही शुभ माना जाता है इसलिए आप 1 सितंबर को ये व्रत जरूर करें।