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कश्मीर से खाली हाथ लौटने पर बौखलाया विपक्ष, सरकार पर लगाया ये आरोप

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ विपक्षी नेताओं का प्रतिनिधिमंडल शनिवार को कश्मीर का जायजा लेने पहुंचा, लेकिन उन्हें एयरपोर्ट से बाहर ही नहीं आने दिया गया। सुरक्षा का हवाला देकर राहुल गांधी समेत तमाम विपक्षी नेताओं को एयरपोर्ट से ही वापस भेज दिया गया, जिसके बाद राहुल गांधी ने मीडिया से बात करते हुए कश्मीर की हालत पर बड़ा बयान दिया। जी हां, जब से जम्मू कश्मीर से धारा-370 हटने के बाद से ही विपक्ष नया मुद्दा बनाने के लिए फड़फड़ा रहा था, लेकिन सुरक्षा की वजह से उसे कश्मीर में एंट्री नहीं मिली। तो चलिए जानते हैं कि हमारे इस लेख में आपके लिए क्या खास है?

जम्मू-कश्मीर से धारा-370 हटने के बाद से ही राहुल गांधी समेत तमाम विपक्षी नेता सरकार को इस मुद्दे पर घेरने की कोशिश कर रहे हैं, जिसकी वजह से वे कई बार हालात खराब होने को लेकर बयान भी देते हुए नज़र आ रहे थे। इसी पर राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने राहुल गांधी को कश्मीर आने का न्यौता दिया था, ताकि वे देश में इस तरह की अफवाहे न फैला सके और साथ ही राज्यपाल ने हालात को सामान्य बताया था, जिसका जायजा करने कश्मीर गए थे, लेकिन वहां से उन्हें वापस लौटना पड़ा।

कश्मीर से खाली हाथ लौटने पर राहुल ने कही ये बात

विपक्षी नेताओं के साथ राहुल गांधी कश्मीर के लिए रवाना हुए थे, लेकिन उन्हें एयरपोर्ट से बाहर निकलने की अनुमति नहीं दी गई, जिसके बाद उन्होंने मीडिया से बातचीत करते हुए बड़ा बयान दिया। राहुल गांधी ने एयरपोर्ट से ही वापस होने पर कहा कि मुझे राज्यपाल ने न्यौता दिया था और उसे ही स्वीकार करके मैं वहां गया था, लेकिन हमें एयरपोर्ट से बाहर जाने की अनुमति नहीं मिली, जिसकी वजह से यह साफ हो गया कि जम्मू-कश्मीर में हालात ठीक नहीं है और सरकार नहीं चाहती हैं कि देश को इसका पता चले।

खाली हाथ लौटे राहुल तो सरकार पर लगाया ये आरोप

मीडिया से बातचीत करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि हम सभी लोग वहां सिर्फ मिलने जा रहे थे और वहां के लोगों का हाल जानना चाह रहे थे, लेकिन हमें ऐसा मौका नहीं मिल पाया। इतना ही नहीं, उन्होंने कहा कि हमारे साथ मीडियाकर्मियों के साथ भी गलत व्यवहार किया गया, जोकि सरकार की मंशा को साफ साफ दर्शाता है। मतलब साफ है कि राहुल गांधी समेत विपक्ष के तमाम नेताओं को खाली हाथ कश्मीर से लौटना पड़ा और वे अपने साथ चिंगारी लाने में असफल रहे।

कश्मीर पर राजनीति करना चाहते थे विपक्ष

धारा-370 के हटने के बाद से ही विपक्ष कश्मीर जाने के लिए काफी उत्साहित है, ताकि वहां को लेकर देश भर में राजनीति कर सके। विपक्ष वहां एक ऐसे मुद्दे की तलाश में गया था, जिससे देश में तरह तरह की अफवाह उड़ाई जा सके, लेकिन वहां से उन्हें खाली हाथ वापस आना पड़ा, जिससे सुरक्षा का हवाला दिया गया है। मतलब साफ है कि राख के ढेर में चिंगारी ढूंढने गए थे कश्मीर…ताकि उस चिंगारी को आग में बदल सके, लेकिन उनकी यह मंशा मिट्टी में मिल गई।

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