ख़ुशी बनी मातम, बहनों से राखी बंधवाने के कुछ ही दिन बाद शहीद हुआ जवान
खुशियाँ कब दुखो में बदल जाए कुछ कह नहीं सकते हैं. ये सब ऊपर वाले के हाथ में होता हैं. अब रोहतास जिला के डेहरी थाना के गोपी बिगहा गांव आ ही ये मामला ले लीजिये. इस गाँव में रहने वाले रविरंजन सिंह आर्मी में तैनात हैं. हाल ही में रक्षा बंधन के त्यौहार पर वे अपने गाँव आए थे. यहाँ उनकी चरों बहनों ने बड़े प्यार से भाई की कलाई पर राखी बाँधी थी. पुरे परिवार में ख़ुशी का माहोल था. इसके कुछ दिनों बाद ही जब भाई के शहीद होने की खबर आई तो बहनों का रो रो कर बुरा हाल हो गया.
दरअसल रविरंजन जम्मू काश्मरी के पूंछ में पाकिस्तान की और से हुई गोलाबारी के चलते शहीद हुए. महज 36 वर्ष की आयु में दुनियां छोड़ चले जाने वाले रविरंजन की शहादत की खबर सुनते ही ना सिर्फ परिवार बल्कि पुरे गाँव में मातम का माहोल बन गया. जानकारी के अनुसार रविरंजन आर्मी में लांस नायक थे. उनकी ड्यूटी जम्मू और कश्मीर के कृष्णा घाटी में थी. अपने जाने के बाद वो पीछे एक बीवी और तीन मासूम बच्चे छोड़ गए. उनके दो बेटे और एक बेटी हैं. परिवार में बीवी और बच्चों के अलावा उनके बड़े भाई सुनील कुमार सिंह भी हैं. सुनील भी सेना में काम करते थे और अभी रिटायर हैं. रविरंजन के पिता रामनाथ सिंह यादव गांव में ही किसान हैं और खेती बाड़ी का आम करते हैं. इसके साथ ही उनकी चार बहने हैं जिनसे कुछ ही दिनों पहले वे राखी बंधवा ड्यूटी पर लौटे थे.
बेटे की खबर सुन रवि रंजन की माता दहाड़ मार जोर जोर से रोने लगी. उसे इस बात का जरा भी अंदाजा नहीं था कि राखी पर वो अपने जिगर के टुकड़े से आखरी बार मिल रही हैं. वहीं बहनों की हालत भी ख़राब हैं. उन्हें क्या पता था कि वे अपने भाई की कलाई पर अंतिम बार राखी बाँध रही हैं. गाँव वालो आ कहना हैं कि रवि दो दिन पहले ही राखी बंधवा लौटा था और अब उसकी शहादत की खबर ने सभी को हिला कर रख दिया. गाँव के सभी लोग शहीद रंजन की आखरी झलक देखने के लिए घर पर एकत्रित हुए. पुरे गाँव में सन्नाटा छाया हुआ हैं. उधर रवि रंजन के छोटे छोटे बच्चे कुछ समझ ही नहीं पा रहे हैं कि गाँव वाले उसके घर पर क्यों आए और आखिर ये क्या हुआ हैं.
परिवार के लोगो का कहना हैं कि रवि रंजन सिंह ने साल 2002 में सेना ज्वाइन की थी. उनका बड़ा बेटा शशि 11 वर्ष का हैं, मंजला बेटे पियूष की उम्र 7 साल हैं जबकि छोटी बेटी सपना 5 बरस की हैं. ये मासूम बच्चे भी अब पिता का प्यार नहीं पा सकेंगे. सच में ये घटना पुरे परिवार के लिए बेहद दुखद हैं. इस दुख की घड़ी में हम बस भगवान से यही प्रार्थना कर सकते हैं कि वे जवान रवि रंजन सिंह की आत्मा को शान्ति दे और उनके परिवार को जीने की शक्ति दे. ये समय उन लोगो के लिए बहुत ही कठिन हैं. हम रवि के बच्चों के अच्छे भविष्य की कामना करते हैं.