एक्शन, ड्रामा और क्लाइमेक्स से भरपूर ये गिरफ्तारी, रात भर यूं चला अरेस्ट का Full ड्रामा पैकेज
कांग्रेस के कद्दावर नेता, देश के जाने माने वकील और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम की गिरफ्तारी का ड्रामा किसी फिल्म की स्टोरी से कम नहीं है। जी हां, बुधवार देर रात तक सीबीआई, ईडी और दिल्ली पुलिस की मशक्कत के बाद आखिरी चिदंबरम को गिरफ्तार किया गया, लेकिन इससे पहले हुए ड्रामे को देख किसी भी फिल्म की स्टोरी आंखों के सामने आ जाती है। इतना ही नहीं, सीबीआई और चिदंबरम के बीच पिछले दो दिनों से आंख मिचौली का खेल चल रहा है, जिसमें अब कामयाबी मिली और सलाखों के पीछे पूर्व केंद्रीय मंत्री जा पहुंचे। तो चलिए जानते हैं कि हमारे इस लेख में आपके लिए क्या खास है?
पिछले दो दिनों से सीबीआई चिदंबरम की तलाश कर रही थी, उनका लुकआउट भी जारी किया, लेकिन उनका कुछ अता पता नहीं था, जिसके बाद सोशल मीडिया पर अफवाह उड़ी की वे देश छोड़कर भाग गए। इस पर यूजर्स ने भी खूब मीम्स बनाए और चिदंबरम का जमकर मजाक भी उड़ाया गया। अरे रुकिये…कहानी में असली ट्विस्ट और ड्रामा तो तब शुरु हुआ, जब अचानक से प्रेस कॉन्फ्रेंस में चिदंबरम प्रकट होते हैं और फिर शुरु होता है लुका छिपी का खेल, जिसमें जीत कानून की हुई।
एक्शन, ड्रामा और क्लाइमेक्स से भरपूर ये गिरफ्तारी
चिदंबरम की गिरफ्तारी में एक्शन, ड्रामा और क्लामेक्स से भरपूर चीज़ें देखने को मिली। जब बुधवार की रात 8 बजकर 15 मिनट पर चिदंबरम प्रेस कॉन्फ्रेंस में आए और उन्होंने देश के सामने अपनी बात रखी और वहां से चलते बने और फिर यही शुरु हुआ पूरा ड्रामा। प्रेस कॉन्फ्रेंस करके जैसे ही चिदंबरम बाहर निकले, उसके तुरंत बाद ही वहां सीबीआई आ पहुंची, लेकिन गिरफ्तारी नहीं हो सकी, जिसके बाद गाड़ी से उनका पीछा किया गया। और इसके बाद शुरु हुआ चिदंबरम की गिरफ्तारी का असली ड्रामा और एक्शन।
चिदबंरम प्रेस कॉन्फ्रेंस से पहले निकले थे, तो वे अपने घर जल्दी पहुंच गए, लेकिन उनके ठीक 10 मिनट बाद ही सीबीआई की टीम भी वहां पहुंच गई, लेकिन दरवाजा नहीं खुला। सीबीआई द्वारा लाख कोशिशों के बाद जब दरवाजा नहीं खुला, तो दीवार कूद कर अंदर जाना पड़ा और फिर वहां से शुरु हुआ असली एक्शन। अंदर सीबीआई, बाहर कार्यकर्ताओं की गुंडागर्दी और चिदंबरम की गिरफ्तारी की उल्टी गिनती। मतलब पूरी तरह से पल दर पल खेल बदल रहा था। बाहर का माहौल बिगड़ता देख दिल्ली पुलिस को बुलाया गया, जिनके साथ कार्यकर्ताओं ने हाथापाई की।
आखिरकार साथ ले ही गई सीबीआई
ये पूरा ड्रामा देखकर आपको रेड फिल्म का आखिरी सीन भी ज़रूर याद आ गया होगा। दरअसल, चिदंबरम के घर के बाहर समर्थक नारेबाजी कर रहे थे, जिनको हटाने के लिए भारी संख्या में पुलिस बल बुलाया गया और फिर माहौल शांत हुआ। इस पूरे प्रकरण में सीबीआई चिदंबरम के घर में 1 घंटे से ज्यादा रही और फिर रात 9 बजकर 40 मिनट पर उन्हें गिरफ्तार करके मुख्यालय ले गई। मजे की बात यह है कि ये वही मुख्यालय है, जिसका उद्घाटन खुद चिदंबरम ने किया था।