बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री ने ली आखिरी सांस, लंबे समय से चल रहे थे बीमार
कांग्रेस के कद्दावर नेताओं की लिस्ट में शुमार और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्र का निधन दिल्ली के अस्पताल में हो गया। जगन्नाथ मिश्र लंबे समय से बीमार थे, जिसकी वजह से उन्हें दिल्ली के अस्पताल में भर्ती कराया गया था। लंबी बीमारी के बाद जगन्नाथ मिश्र ने सोमवार को आखिरी सांस ली, जिससे राजनीतिक गलियारों में शोक की लहर दौड़ गई। बता दें कि जगन्नाथ मिश्र बिहार के तीन बार मुख्यमंत्री रह चुके हैं, लेकिन पिछले कुछ समय से वे राजनीति से दूर थे। तो चलिए जानते हैं कि हमारे इस लेख में आपके लिए क्या खास है?
कांग्रेस के कद्दावर नेताओं की लिस्ट में शामिल जगन्नाथ मिश्र का सियासी करियर काफी दिलचस्प रहा, लेकिन आखिरी समय में वे राजनीति से दूर हो गए और बीमारी की वजह से उन्हें अस्पताल में भर्ती करना पड़ा। हालांकि, सियासी करियर में उन्हें काफी सफलता भी मिली, लेकिन आखिरी समय में उन्हें चारा घोटाले के मामले में दोषी भी करार दिया गया, जिसके बाद उन्हें स्वास्थ्य कारणों की वजह से अस्पताल में भर्ती कराया गया और सोमवार को उन्होंने आखिरी सांस ली।
तीन बार रह चुके हैं बिहारी के मुख्यमंत्री
Bihar Chief Minister Nitish Kumar has expressed grief on the death of former CM #JagannathMishra. Three-day state mourning declared in Bihar. The former CM will be cremated with state honours https://t.co/09Yc5e3Qj2
— ANI (@ANI) August 19, 2019
जगन्नाथ मिश्र कांग्रेस के बड़े नेता माने जाते थे, लेकिन बाद में उन्होंने शरद यादव की पार्टी का दामन थाम लिया था, जिसकी भरपाई कर पाना मुमकिन नहीं है। बता दें कि चारा घोटाला में दोषी करार देने के बाद से ही उन्होंने राजनीति छोड़ दी थी, लेकिन अपने सियासी करियर में उन्होंने तीन बार बिहार पर राज किया। बता दें कि जगन्नाथ मिश्र 1975 से 1977, 1980 से 1983 और 1989 से 1990 तक बिहार के मुख्यमंत्री रहे, जिसकी वजह से उनका राजनीतिक करियर काफी अच्छा माना जाता है, लेकिन अंतिम समय में उनका पूरा करियर चौपट हो गया।
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चारा घोटाला के दोषी थे जगन्नाथ मिश्र
जगन्नाथ मिश्र का नाम चारा घोटाला में न सिर्फ उछला बल्कि कोर्ट ने उन्हें दोषी भी करार दिया। हालांकि, मेडिकल रिपोर्ट की वजह से उन्हें बेल मिली थी, जिसके बाद तबीयत बिगड़ने की वजह से उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बता दें कि कोर्ट ने चारा घोटाला के मामले में उन्हें चार साल की सजा सुनाई थी और उन पर बीस हजार का जुर्माना भी लगाया था, लेकिन मेडिकल रिपोर्ट को ध्यान में रखते हुए उन्हें जमानत मिल गई थी।
कांग्रेस छोड़कर चले गए थे जगन्नाथ मिश्र
यूं तो जगन्नाथ मिश्र वैचारिक तौर पर हमेशा से ही कांग्रेसी रहे, लेकिन बाद में उन्होंने टकराव की वजह से शरद यादव की पार्टी एनसीपी का दामन थाम लिया और फिर कांग्रेस से अलग हो गए। बता दें कि जगन्नाथ मिश्र इंदिरा गांधी के समय से सियासत में मजबूती से रहे और उनके रिश्ता राजीव गांधी और पीवी सिन्हा राव के साथ भी अच्छे बताए जाते हैं। मतलब साफ है कि जगन्नाथ मिश्र का सियासी करियर काफी दिलचस्प रहा।