सूर्यदेव को जल चढ़ाने के बाद करे इन भगवानजी की पूजा, दुर्भाग्य आपका कुछ नहीं बिगाड़ पाएगा
सूर्यदेव सबे तेजस्वी देवताओं में से एक माने जाते हैं. ऐसा कहा जाता हैं कि जो व्यक्ति सूर्यदेव को प्रसन्न करने में कामयाब हो जाता हैं उसकी किस्मत के तारे टिमटिमाने लगते हैं. सूर्यदेव के प्रकाश में ऐसा तेज़ होता हैं जो बुरे से बुरे दुर्भाग्य को भी भाग्य में बदल सकता हैं. इन्हें प्रसन्न करने का सबसे आसान तरीका हैं कि आप प्रत्येक रविवार सूर्यदेव को जल्द चढ़ाए. आप में से कई लोग भी ऐसा जरूर करते होंगे. लेकिन इस काम को करने के बाद भी यदि आपको लाभ नहीं मिल रहा हैं या फिर आपकी किस्मत बहुत ज्यादा ही बेकार हैं तो इस बत के पुरे चांस हैं कि आप इस उपाय को सहित तरीके से नहीं कर रहे हैं.
बहुत कम लोग ये बात जानते हैं कि सूर्यदेव को जल देने के बाद यदि आप एक विशेष भगवान की पूजा करते हैं तो आपको डबल फायदा होता हैं. इसके पहले कि हम आपको उन भगवान का नाम बताए आइए पहले ये जान ले कि सूर्यदेव को जल चढ़ाने के समय क्या क्या सावधानी बरतनी चाहिए. सूर्यदेव को जल हमेशा स्नान करने के बाद और नंगे पैरो से ही चढ़ाया जाता हैं. ये जल यदि आप सुबह सुअभ सूर्योदय के समय चढ़ाते हैं तो इसका बहुत लाभ मिलता हैं. इसे चढ़ाने के दौरान आपका मन साफ़ होना चाहिए. इसमें कोई भी बुरे विचार नहीं चलने चाहिए. जल चढ़ाने के बाद अपने स्थान पर 7 बार घूम सूर्यदेव की परिकृमा भी करनी चाहिए. इसके अतिरिक्त सूर्यदेव को जल समर्पित करने के दौरान इस मंत्र का जाप भी करे – ॐ सूर्य देवं नमस्ते स्तु गृहाणं करूणा करं | अर्घ्यं च फ़लं संयुक्त गन्ध माल्याक्षतै युतम् ||
सूर्यदेव को जल चढ़ाने के बाद करे शनिदेव की पूजा
प्राचीन मान्यताओं के अनुसार शनिदेव सूर्यदेव के पुत्र हैं. ऐसे में यदि आप सूर्यदेव को जल देने के बाद शनिदेव की पूजा करते हैं तो आपको कुछ विशेष लाभ मिल जाते हैं. शनिदेव अक्सर लोगो के ऊपर चल रही बुरी गृह दशा दूर करने के लिए जाने जाते हैं. अर्थात वे आपके दुर्भाग्य को नष्ट कर सकते है. वहीं सूर्यदेव लोगो का भाग्य चमकाने का काम करते हैं. इस तरह इन दोनों की बारी बारी से पूजा करना यह सुनिश्चित करता हैं कि आपकी बुरी किस्मत समाप्त होगी और अच्छा भाग्य शुरू हो जाएगा. इसलिए आप सूर्यदेव की पूजा के पश्चात शनिदेव की पूजा जरूर करे. इसके लिए आप शनिदेव को सरसों के तेल का दीपक लगाए और उनकी आरती करे.
वैसे तो इस उपाय को आप रविवार के दिन करते हैं लेकिन इसे आप किसी अन्य दिन या फिर रोजाना भी कर सकते हैं. आप चाहे तो इस दिन सूर्यदेव के नाम का व्रत भी रख सकते हैं. लोग सप्ताह के सभी दिन व्रत रखते हैं लेकिन रविवार को उपवास बहुत कम लोग करते हैं. ऐसे में यदि आप ये विशेष रूप से सूर्यदेव के लिए करेंगे तो वे निश्चित रूप से प्रसन्न हो जाएंगे.
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