पाक राष्ट्रपति कर सकता है भारत के साथ साइबर वॉर, पढ़िए भाषण की अहम बातें
जम्मू-कश्मीर से धारा 370 खत्म करने का सबसे ज्यादा मातम या तो कांग्रेस के नेता मना रहे हैं या फिर पाकिस्तान मना रहा है। पाकिस्तान का ये मातम उनके 72वें स्वतंत्रता दिवस के समारोह के दौरान ज्यादा देखने को मिला। 14 अगस्त को राष्ट्रपति आरिफ आल्वी ने इस दौरान अपने भाषण में केवल कश्मीर मुद्दे को लेकर बात की। उन्होंने भारत के खिलाफ सबसे बड़े युद्ध में साथ देने की अपील की है। इसके अलावा भी उनका रोना आर्टिकल 370 को लेकर ज्यादा रहा है, और इसी पर पाक राष्ट्रपति कर सकता है भारत के साथ साइबर वॉर, आपको भी जानना चाहिए वहां क्या पक रहा है?
पाक राष्ट्रपति कर सकता है भारत के साथ साइबर वॉर
पाकिस्तान के राष्ट्रपति ने वहां की आवाम से अपील की है कि भारत के खिलाफ सबसे बड़ा युद्ध छेड़ने के लिए वो उनका साथ दें। भारतीय सेना कई बार पाकिस्तानी सेना को धूल चटा चुकी है। पाकिस्तान भी भारत की सैन्य शक्ति, आर्थिक ताकत और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उसकी पहुंच को जानता है और इस हिसाब से मानता है कि भारत से हथियारों के बल पर सैन्य ताकत से नहीं जी सकता है। इसलिए वो आतंकवादियों और कश्मीरी अलगाववादियों के जरिए युद्ध छेड़ने की बात करता है। तभी इन बातों को राष्ट्रपति ने आसानी से कह दिया-
1. एक बड़ा काम आप लोग (पाकिस्तानी आवाम) कर सकते हैं, मैं आम पाकिस्तानी नागरिकों से अपील करता हूं कि अगर वे कश्मीर का हल चाहते हैं तो सोशळ मीडिया के जरिए भारत की भयानक चीजें दुनिया के सामने लाएं। इसी के आधार पर पाकिस्तान लगातार भारत के खिलाफ फर्जी तस्वीरें भेज रहा है।
2. हम संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से मां करते हैं कि वे कश्मीरियों पर हो रहे जुल्मों की जांच कमेटी को भेजे। इसी के आधार पर यूएनएससी सहित किसी भी दूसरे देश या अंतरराष्ट्रीय संगठन से पाकिस्तान को अब तक कोई मदद नहीं मिली है। सभी इसे भारत का आंतरिक मामला बता हैरा है और पाक की दुहाई को अनसुना कर रहा है।
3. आज का दिन कश्मीर के हिसाब से महत्वपूर्ण है। पूरी दुनिया देख रही है कि आज पूरी पाकिस्तानी कौम, अपने भाईयों के साथ है। पाकिस्तान तब तक कश्मीरियो की मदद करेगा जब तक उनके अधिकार वापस नहीं मिल जाते। कश्मीरी हमारे और हम कश्मीरियों के हैं। हम इनकी तकलीफ को समझते हैं उनका दुख हमारा है। इसी के आधार पर घाटी को अशांत करने और वहां के युवाओं का भविष्य तय करने का जिम्मा पाकिस्तान ही लेता है।
4. भारत ने इस एकतरफा फैसले से ना केवल पाकिस्तान के खिलाफ साजिश की बल्कि शिमला समझौते को भी रद्दी में डाल दिया। जम्मू-कश्मीर पर भारत की मनमानी पाकिस्तान किसी तौर पर कुबूल नही करेगा। हम इनके साथ थे और इंशाअल्लाह साथ रहेंगे। इसी के आधार पर घाटी पर आंतकी हमला हो या पत्थरबाजी, पाकिस्तान ने हमेशा भारत के खिलाफ साजिश रची है।
5. शिमला समझौते पर ये तय हुआ था कि कश्मीर के मामले को दोनों देश बातचीत करके हल करेंगे। कोई भी मुल्क एकतरफा फैसला करके मौजूदा सूरत-ए-हाल में कोई परिवर्तन नहीं कर सकता। भारत का ये कदम शिमला समझौते की तमाम शर्तों का उल्लघंन करता है। इसी आधार पर पाकिस्तान इस मुद्दे को बातचीत के जरिए हल करने को लेकर गंभीर नहीं रहा है। पाकिस्तान हमेशा इस मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय मंच पर उठाता था। हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से भी कश्मीरी मुद्दे पर मध्यस्थरता करने का रोना रोया गया था।