हेल्थ से जुड़ा इतना बड़ा एमएस धोनी ने क्यों छिपाया? आर्मी में ड्यूटी के दौरान सच आया सामने
भारतीय क्रिकेट में महेंद्र सिंह धोनी का नाम बड़े ही सम्मान के साथ लिया जाता है और वे सम्मान के असल में लायक हैं। जब से धोनी भारतीय क्रिकेट टीम का हिस्सा बने हैं लोगों ने उनकी मेहनत और लगन को हमेशा पीच पर देखा है। साल 2011 का विश्वकप भारत को यूंही नहीं मिला था, तत्कालीन कप्तान धोनी ने अपनी टीम को उस तरह से तैयार भी किया था। धोनी बहुत ही शांत और गंभीर रहने वाले प्लेयर हैं जो कहने से ज्यादा करने में विश्वास रखते हैं। मगर उन्होंने इस बार हर किसी को हैरत में डाल दिया। हेल्थ से जुड़ा इतना बड़ा एमएस धोनी ने क्यों छिपाया?, क्या हुआ है उन्हें चलिए बताते हैं।
हेल्थ से जुड़ा इतना बड़ा एमएस धोनी ने क्यों छिपाया?
टीम इंडिया के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने साल 2019 के वर्ल्डकप में कोई कसर नहीं छोड़ी थी लेकिन किस्मत ने उनका साथ नहीं दिया। इंग्लैंड के खिलाफ मैच के दौरन एक लक्ष्य का पीछा करते समय धोनी की रणनीति पर कई साल खड़े हो गए थे। इसमें बड़ी बात ये थी कि कड़ी आलोचनाओं के बीच एमएस धोनी ने अंगूठे में चोट के बावजूद बल्लेबाजी को जारी रखा और उनके इस काम की तारीफें भी जमकर हुई थी। मैच के दौरान मुंह से खून थूकने वाली धोनी की तस्वीर भी सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुई हालांकि अब ये खुलासा हुआ है कि वर्ल्डकप के दौरान जो धोनी को चोट लगी थी वो कोई मामूली चोट नहीं थी।
एस वेबसाइट का दावा है कि उस समय धोनी को चोट लगी थी वो आम नहीं थी। वेबसाइट के मुताबिक, ”धोनी ने अपनी चोट का राज बरकरार रखा और उसके बारे में उन्होंने किसी से बात भी नहीं की और वो चोट के बहाने ट्रेनिंग से डिस्क्वालिफाई नहीं होना चाहते थे। धोनी ने चोट का स्कैन नहीं कराया है, लेकिन जब भारत के पूर्व कप्तान मुट्ठी बंद नहीं कर पा रहे थे तब ये समझना आसान था कि उन्हें हेयरलाइन फ्रैक्चर हो सकता है।”
सेना में दे रहें हैं ड्यूटी
ऐसा बताया जा रहा है कि धोनी ने स्कैन नहीं कराया क्योंकि वे नहीं चाहते थे कि कोई अफवाह उड़। खेल के बाद धोनी 2 महीने की छुट्टी लेकर सेना में ड्यूटी देना चाहते थे। 38 साल धोनी की सन्यास की खबरें आ रही थीं लेकिन काम से ब्रेक लेकर सरहद पर ड्यूटी देने के बारे में जब खबरें सामने आई तो लोगों ने माही यानी धोनी की जमकर तारीफ की। 31 जुलाई को धोनी ने अपनी ड्यूटी कश्मीर में देनी शुरु की थी और अब वे लेह में 15 अगस्त मनाने की तैयारियों में सेना की मदद कर रहे हैं। VVIP होने के नाते धोनी वहां स्पेशल ट्रीटमेंट ले सकते थे लेकिन उन्होंने आम सैनिकों की तरह ही इतने दिन काटे हैं जो अपने आप में उन्हें खास बनाता है।