राजस्थान के पूर्व राजघराने ने खुद को बताया श्रीराम का वंशज, इसपर दावा करते हुए बटोरी सुर्खयां
रामायण युग के अंत के बाद प्रभु श्रीराम ने अयोध्या के सरजू नदी में समाधि ले ली थी। उनके अनुसार उनके जन्म का उद्देश्य (रावण को मारने के बाद) पूरा हो गया था। उस दौरान उन्होंने शादी की और उन्हें दो पुत्र लव-कुश हुए जिन्होंने प्रभु श्रीराम का वंश आगे बढ़ाया। इस बात के कोई प्रणाण नहीं है कि उनका वंश आगे बढ़ा या नहीं लेकिन बहुत से लोग आज के समय में दावा करते हैं कि वे उनके वंशज हैं। राजस्थान के पूर्व राजघराने ने खुद को बताया श्रीराम का वंशज, मगर इसमें कितनी सच्चाई है ये पता नहीं लग पाया।
राजस्थान के पूर्व राजघराने ने खुद को बताया श्रीराम का वंशज
सुप्रीम कोर्ट में राम मंदिर बनाने के मसले पर चल रही सुनवाई के बीच राजस्थान के जयपुर से आया पूर्व राजपरिवार खुद को श्रीराम का वंशज बताकर दावा कर रहे हैं कि वे सही बोल रहे है। पूर्व राजपरिवार की सदस्य और भाजपा सांसद दीया कुमारी ने बताया कि वे भगवान राम की वंशज हैं। उन्होंने पोथीखाना में उपलब्ध दस्तावेजों के आधार पर कहा है। उन्होने बताया कि जयपुर राजपरिवार की गद्दी भगवान राम के पुत्र कुश के वंशजों की राजधानी है। जयपुर की पूर्व राजमाता पद्मनी देवी ने बताया कि साल 1992 में पूर्व महाराजा स्व. भवानी सिंह ने मानचित्र सहित सभी दस्तावेज कोर्ट में जमा कर दिए हैं। भगवान राम के पुत्र कुश के वंशज होने से ढूंढाड़ के पादा रथवाहा कहलाने के साथ ही वे श्रीराम की 309वीं पीढ़ी मानते हैं। जयपुर के पूर्व राजपरिवार ने ये भी दावा किया है कि रामजन्म भूमि को लेकर सिटी पैलेस के कपड़ाद्वारा में सुरक्षित दस्तावेजों के आधार पर साफ होता है कि अयोध्या में राम मंदिर की भूमि जयपुर रियासत के अधिकार में रही है।
Rajsamand MP&BJP leader, Diya Kumari claims that Jaipur’s erstwhile royal family has descended from Lord Ram’s son Kush, says, “I’m saying this on basis of manuscripts & documents we have. I said this after SC (during Ayodhya case) asked if there are any descendants of Lord Ram?” pic.twitter.com/U052PnDhtH
— ANI (@ANI) August 11, 2019
इस बारे में इतिहासकार प्रोफेसर आरनाथ ने शोध ग्रंथ की पुस्तक इन मिडीवल इंडियन आर्केटेक्चर में दस्तावेजों के साथ साबित किया है कि अयोध्या में कोट राम जन्मस्थान जयपुर के तत्कालीन महाराजा सवाई जय सिंह द्धितीय के अधिकार में रहा है। जैसा कि आप जानते हैं कि शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने पूछा था कि क्या भगवान राम का कोई वंश दुनिया में है।
औरंगजेब का राज था जयपुर में
इतिहासकारों का मानना है कि जयपुर राजपरिवार ने दावा किया है कि औरंगजेब ने जयपुर पर राज किया लेकिन उसकी मृत्यु के बाद सवाई जय सिंह द्वितीय ने हिंदू धार्मिक इलाकों में जमीनें खरीदी थीं और साल 1717-25 तक अयोध्या में राम जन्म स्थान मंदिर बनवाया था और वहीं पूर्व राजपरिवार ने पोथीखाने में रखी एक वंशावली की बात भी कही है। इसमें भगवान श्रीराम को कुशवाहा वंश का 63वां वंशज बताया है।