पुत्रदा एकादशी के दिन नियमानुसार करेंगे व्रत, तो पूरी हो जाएगी आपकी इच्छा
हिंदू धर्म में कई तरह के व्रत और त्यौहार प्रचलित हैं, जिन्हें लोग बेहद श्रद्धा के साथ रखते या मनाते हैं। जी हां, हिंदू धर्म में हर महीने कोई न कोई व्रत ज़रूर होता है, जिसकी विधि विधान से पूजा करने पर सारी मनोकामनाएं पूरी होती है। इसी सिलसिले में एकादशी का बहुत ज्यादा महत्व होता है। इतना ही नहीं, एकादशी के भी कई रुप होते हैं, जिसमें से एक पुत्रदा एकादशी होता है। पुत्रदा एकादशी के दिन व्रत और विधि विधान से पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। तो चलिए जानते हैं कि हमारे इस लेख में आपके लिए क्या खास है?
हिंदू धर्म में एकादशी का अपना अलग महत्व होता है, जिसके लिए अधिकांश लोग इस दिन व्रत भी करते हैं और भगवान विष्णु को प्रसन्न करने की कोशिश करते हैं। इसी सिलसिले में पुत्रदा एकादशी का भी अपना एक अलग महत्व होता है और यह व्रत महिलाएं अपनी संतान के स्वास्थ्य और उनकी कामयाबी के लिए रखती हैं। इन सबके अलावा सावन की पुत्रदा काफी फलदायी होती है, जिसका व्रत रखने पर संतान संबंधी तमाम कष्ट दूर हो जाती हैं। ऐसे में इस बार पुत्रदा एकादशी 11 अगस्त को पड़ रहा है।
क्या होती है पुत्रदा एकादशी?
संतान सुख से वंचित दंपति को पुत्रदा एकादशी का व्रत जरुर रखना चाहिए। माना जाता है कि पुत्रदा एकादशी का व्रत रखने से भगवान विष्णु खुश हो जाते हैं और दंपति को पुत्र सुख का आशीर्वाद मिल जाता है। ऐसे में जो लोग संतान सुख से वंचित हैं, उन्हें यह व्रत ज़रूर करना चाहिए। इसके अलावा लोग अपने संतान की सुख शांति के लिए भी इस व्रत को कर सकते हैं, क्योंकि इससे संतान पर आने वाली सभी विपदाएं दूर हो जाती हैं।
क्या हैं पुत्रदा एकादशी व्रत के नियम?
जैसाकि हम बता चुके हैं कि पुत्रदा एकादशी का व्रत संतान सुख के लिए रखा जाता है, तो ऐसे में अब जानते हैं कि इस व्रत के नियम क्या क्या हैं-
1. यह व्रत निर्जल व्रत और फलाहारी या जलीय व्रत के तौर पर रखा जा सकता है।https://aajtak.intoday.in/story/know-the-subh-muhurat-date-of-shravana-putrada-ekadashi-tlifd-1-1108731.html
2. संतान प्राप्ति के लिए निर्जल व्रत रखना चाहिए, लेकिन तभी, जब आप स्वस्थ हों।
3. सामान्य लोगों को फलाहारी या जलीय उपवास रखना चाहिए।
4. इस दिन केवल एक बार ही फलहार करना चाहिए, वरना व्रत का फल नष्ट हो जाता है।
5. संतान प्राप्ति के लिए इस दिन भगवान् कृष्ण या श्री नारायण की उपासना करनी चाहिए।
6. संतान प्राप्ति के लिए प्रात काल उठकर पूजा अर्चना करनी चाहिए।
7. पीले फल, पीले फूल, तुलसी दल और पंचामृत अर्पित करना चाहिए।
8. संतान गोपाल मंत्र का जाप करना चाहिए।
9. पति पत्नी को संयुक्त रुप से प्रसाद ग्रहण करना चाहिए।
क्या है संतान गोपाल मंत्र?
संतान सुख की इच्छा रखने वाले दंपति को गोपाल मंत्र के बारे में ज़रूर पता होना चाहिए, क्योंकि इसके बिना इच्छा पूरी नहीं होती है। ऐसे में संतान गोपाल मंत्र का वर्णन नीचे किया गया है-
“ॐ क्लीं देवकी सुत गोविन्द वासुदेव जगत्पते , देहि मे तनयं कृष्ण त्वामहम शरणम् गता”
“ॐ क्लीं कृष्णाय नमः”
इस मंत्र का जाप करते हुए भगवान श्रीकृष्ण या विष्णु की उपासना करना न भूलें। यदि आप विधि विधान से पुत्रदा एकादशी का व्रत रखेंगे, तो आप पर भगवान विष्णु की कृपा ज़रूर बरसेगी।