रक्षाबंधन: भाई की कलाई पर राखी बांधते समय बोले ये मंत्र, पूजा थाली में होनी चाहिए ये 7 चीजें
रक्षाबंधन का त्यौहार हर भाई बहन के लिए ख़ास होता हैं. ये एक ऐसा दिन होता हैं जब बहन अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती हैं. इस राखी के भी कई सारे मायने होते हैं. जब बहन राखी बंधती हैं तो भाई उसकी रक्षा का वचन देता हैं. साथ ही वो अपने बहन की हर समस्यां को हल करने और उसे खुश रखने की जिम्मेदारियां भी लेता हैं. हर साल राखी का त्यौहार देशभर में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता हैं. इसे प्रत्येक वर्ष सावन माह के अंतिम दिन यानी पूर्णिमा पर मनाया जाता हैं. आप में से कई बहने भी अपने भाई की कलाई पर राखी जरूर बांधेगी. लेकिन क्या आप राखी बंधने के इस नियम का पूर्ण रीती रिवाज से पालन करते हैं? इस त्यौहार का पूर्ण लाभ उठाने के लिए आपको कुछ ख़ास नियमों का ख्याल रखना चाहिए.
राखी बांधते समय बोले ये मंत्र
राखी बांधते समय ‘येन बद्धो बलिराजा, दानवेन्द्रो महाबलः, तेनत्वाम प्रति बद्धनामि रक्षे, माचल-माचलः’ मंत्र का जाप करना बेहद शुभ माना जाता हैं. इस मंत्र का एक ख़ास अर्थ भी हैं. ‘राजा बलि ने रक्षा सूत्र से ध्यान भटकाए बिना अपना सब कुछ त्याग दिया था, थी वैसे ही रक्षा, आज मैं तुम्हे बाँध रही हूँ तो तुम अपने लक्ष्य से विचलित ना होना और मेरे भैया की हर हल में रक्षा करना.‘
पूजा की थाली में रखे ये चीजें
राखी बांधते समय पूजा की थाली का बड़ा महत्व रहता हैं. इस थाली में कुछ ख़ास चीजों का होना जरूरी होता हैं. इसमें आप कलाई पर बाँधने के लिए राखी, माथे पर लगाने को कुमकुम और अक्षत, मुंह मीठा करने के लिए मिठाई, सिर ढकने के लिए रुमाल या टोपी, पूजा के लिए घी का दीपक और हाथ में देने के लिए नारियल रखे. इन चीजों के अतिरिक्त आप यदि अपने भैया को कोई गिफ्ट देना चाहती हैं तो उसे भी थाली में रख सकती हैं. लड़कियां भाइयों के अलावा अपनी भाभी को भी राखी बाँध सकती हैं. इससे भाभी ननद के बीच का रिश्ता मजबूत होता हैं.
क्यों मनाते हैं रक्षा बंधन?
रक्षा बंधन मानाने के पीछे एक मान्यता भी जुड़ी हैं जिसका संबंध महाभारत से हैं. जब महाभारत की लड़ाई होने वाली थी तो उसके पहले भगवान श्रीकृष्ण ने राजा शिशुपाल के ऊपर सुदर्शन चकरा चलाया था. ऐसा करते समय उनके हाथ में चोट लग गई थी ऐसे में द्रोपती ने अपनी साड़ी का पल्लू फाड़ उनकी ऊँगली पर बाँध दिया था. इसके बाद कृष्ण ने हमेशा द्रोपती की रक्षा का वचन दिया था. जब ये हुआ था तब भी सावन मास की पूर्णिमा थी. बस तभी से ये त्यौहार मनाया जाने लगा.
ऐसा करने से होती हैं धन वृद्धि
बहुत कम लोग जानते हैं कि रक्षाबंधन के दिन ही भगवान विष्णु के अवतार हयग्रीव का जन्मदिन भी होता हैं. ऐसे में यदि आप राखी वाले दिन भगवान विष्णु की पूजा करते हैं तो आपको धन प्राप्ति होती हैं. इसकी वजह ये हैं कि हयग्रीव अवतार के पीछे माँ लक्ष्मी का भी अहम योगदान था. इसलिए इस दिन आप विष्णुजी के साथ माता लक्ष्मी की पूजा भी कर सकते हैं. ये पूजा भाई बहन दोनों साथ में मिलकर करे. इससे दोनों के ही जीवन में धन की कमी नहीं होगी.