धारा 370 के बहाने ‘अनाथ कांग्रेस’ को मिला नया सहारा, इस नेता की हो सकती है ताजपोशी
देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस इन दिनों अनाथ हो चुकी है, जिसे सहारा देने के लिए कोई भी सामने नहीं आ रहा था, लेकिन अब अंदर ही अंदर दावेदारी पेश की जा रही है। जी हां, कांग्रेस अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठने के लिए एक युवा नेता अपनी दावेदारी ठोक रहा है, लेकिन वह भी खुलकर सामने नहीं आ रहा है। दरअसल, धारा 370 के खत्म होने के बाद कांग्रेस की तरफ से कोई भी संयुक्त बयान नहीं आ रहा है, जिसकी वजह से बिखराव की स्थिति लाजमी है। इसी कड़ी में कांग्रेस के युवा नेता की श्रेणी में शुमार ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बड़ा बयान दिया, जिससे उनकी दावेदारी पक्की मानी जा रही है। तो चलिए जानते हैं कि हमारे इस लेख में आपके लिए क्या खास है?
केंद्र की मोदी सरकार ने धारा 370 खत्म करते हुए देशहित में फैसला लिया, तो वहीं दूसरी तरफ लगता है कि इससे कांग्रेस का भी बेड़ा पार हो जाएगा। दरअसल, धारा 370 पर कांग्रेस के शीर्ष नेताओं के बयान पर फोकस किया जाए, तो कई इसका विरोध कर रहे थे, तो कई इसका खुलकर समर्थन कर रहे थे, क्योंकि नेतृत्व की कमी से जूझ रही कांग्रेस को गाइड करने वाला नहीं है। ऐसे में अब कांग्रेस के सामने कई तरह की चुनौतियां आ रही है कि पार्टी अगला अध्यक्ष कौन होगा, विधानसभा चुनावों का स्टैंड क्या होगा या फिर बिखरती कांग्रेस को संभालने वाला कौन होगा, जिसका जवाब अभी पार्टी के पास नहीं है।
धारा 370 के बहाने सिंधिया ने दावेदारी ठोकी
#जम्मूकश्मीर और #लद्दाख को लेकर उठाए गए कदम और भारत देश मे उनके पूर्ण रूप से एकीकरण का मैं समर्थन करता हूँ। संवैधानिक प्रक्रिया का पूर्ण रूप से पालन किया जाता तो बेहतर होता, साथ ही कोई प्रश्न भी खड़े नही होते। लेकिन ये फैसला राष्ट्र हित मे लिया गया है और मैं इसका समर्थन करता हूँ।
— Jyotiraditya M. Scindia (@JM_Scindia) August 6, 2019
कांग्रेस के शीर्ष नेताओं के सुर में सुर मिलाने के बजाय युवा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने धारा 370 पर एक अलग ही बयान दिया है, जिसके बाद उनके अंदर पार्टी के नेतृत्व की क्षमता देखने को मिल रही है। दरअसल, ज्योतिरादित्य सिंधिया ने धारा 370 पर सरकार का समर्थन करते हुए एक ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने यह कदम देशहित के लिए बताया। ऐसे में अब सवाल उठ रहा है कि क्या कांग्रेस आपस में ही बट चुकी है और भविष्य अंधेरे में जा चुका है, क्योंकि 370 पर पार्टी द्वारा एक स्टैंड नहीं रखा गया।
कांग्रेस की आस सिंधिया पर टिकी
कांग्रेस जिस स्थिति में है, उसे वहां से उबारने के लिए एक नई सोच वाला व्यक्ति चाहिए, जोकि इस समय सिंधिया में नज़र आ रहा है। मतलब साफ है कि सिंधिया नई कांग्रेस को बनाने में कामयाब हो सकते हैं, लेकिन पार्टी के अंदर इस पर कौन कौन तैयार होता है, ये तो वक्त ही बताएगा। दरअसल, सिंधिया का यह ट्वीट देखकर यही लगता है कि वे अब कांग्रेस को नया एंगल देना चाहते हैं, जिसमें उसकी पुरानी मानसिकता को साफ किया जा सकेगा।
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने धारा 370 पर राहुल गांधी की छत्रछाया वाली कांग्रेस से हटकर सरकार के पक्ष में बयान दिया, जिससे वे अपनी लोकप्रियता को बढ़ा रहे हैं। दिग्गजों का मानना है कि सिंधिया ने इस कदम से अध्यक्ष पद के लिए अपनी दावेदारी पेश कर दी है, लेकिन उनके लिए यह रास्ता आसान नहीं होगा, क्योंकि जानकारों की माने तो प्रियंका गांधी को कांग्रेस की कमान मिल सकती है, जिसकी वजह से दोनों के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिलेगी। बता दें कि कांग्रेस के अध्यक्ष पद के फैसले की चर्चा 10 अगस्त को होगी।