सुषमा स्वराज के निधन की खबर सुनते ही पूरा देश दुखी हैं. गौरतलब हैं कि पूर्व विदेश मंत्री एवं भाजपा की वरिष्ठ नेता सुष्माजी मंगलवार रात 67 वर्ष की उम्र में इस दुनियां को अलविदा कह गई. उन्होंने दिल्ली के एम्स हॉस्पिटल में अपनी अंतिम साँसे ली. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार उन्हें मंगलवार रात साढ़े नौ बजे हॉस्पिटल लाया गया था. यहां आते ही उन्हें इमरजेंसी वॉर्ड में ले जाया गया. इसके बाद डॉक्टरों ने सुचना दी की दिल का दौरा पड़ने के कारण सुष्माजी का निधन हो गया हैं. इस खबर ने पुरे देश को हिलाकर रख दिया हैं. सुषमाजी आम जनता की पसंदीदा नेता थी. जब उनके बीमार होने की खबर फैली तो उनसे मिलने हॉस्पिटल में कई बड़े नेता जैसे नितिन गडकरी, डॉ हर्षवर्धन, राजनाथ सिंह और स्मृति ईरानी एम्स पहुंचे थे. जानकारी के अनुसार दोपहर 12 बजे उनके पार्थिव शरीर को भाजपा के मुख्यालय लाया जाएगा. यहाँ सभी लोग उन्हें श्रृद्धांजली अर्पित करेंगे. इसके बाद करीब 3 बजे उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा.
सुषमा स्वराज की लोकप्रियता आम जनता के बीच काफी बड़ी थी. ट्विटर पर उनके 1 करोड़ 20 लाख से ज्यादा फॉलोवर्स हैं. सुषमाजी का राजनितिक करियर भी काफी दिलचस्प रहा हैं. 1977 में वे सबसे कम उम्र वाली राज्यमंत्री बनी थी. इसके अलावा वे दिल्ली की मुख्यमंत्री भी रह चुकी थी. उन्हें अटल बिहारी वाजपेयी की लीडरशिप वाले सरकार में सूचना एवं प्रसारण मंत्री और स्वास्थ्य मंत्री की भूमिका भी निभाई थी. 2009 में 16वी लोकसभा के दौरान वे मध्यप्रदेश के विदिशा से सांसद भी चुनी गई थी. मोदी सरकार के कार्यकाल के दौरान वे एक बेहतरीन विदेश मंत्री भी थी. हालाँकि खराब तबियत के चलते पिछले लोकसभा चुनाव में उन्होंने खड़ा होने से इनकार कर दिया था. इस बात से कई लोग हैरान थे और पार्टी के लोग उनके चुनाव लड़ने की मांग भी कर रहे थे. लेकिन उन्होंने कहा था कि मुझे पूर्ण विश्वास हैं कि नरेंद्र मोदी दोबारा पीएम बनेंगे और इसके लिए हम अपनी जी जान लगा देंगे.
सुषमाजी अक्सर ट्विटर के माध्यम से लोगो की मदद करने के लिए भी जानी जाती थी. जब भी लोगो को कोई समस्यां होती थी तो वे सुषमा जी को ट्वीट कर दिया करते थे. ऐसे में वे ना सिर्फ ट्वीट का रिप्लाई करती थी बल्कि उनकी समस्यां को जल्द हल करने के लिए प्रयास भी करती थी. ऐसे में उन्हें याद करते हुए हम आपको आज सुषमा स्वराज का वो एतिहासिक भाषण सुनाने जा रहे हैं जिसमे वो एक शेरनी की तरह दहाड़ी थी. ये स्पीच उन्होंने लोकसभा में 11.06.1996 को दी थी. इस दौरान उन्होंने धर्मनिरपेक्षता (secularism) और भारतीयता को परिभाषित करते हुए एक बहुत ही शानदार स्पीच दी थी. उनकी इस स्पीच को सुन सदन के लोग तालियां बजाने लगे थे. इस स्पीच में उन्होंने हिंदुओं के खिलाफ बोलने के लिए विपक्ष को लताड़ा भी था. ये उनकी अब तक की सबसे शानदार और दिलचस्प स्पीच में से एक मानी जाती हैं. इसे भाजपा ने अपने यूट्यूब चैनल पर अपलोड भी कर रखा हैं. इसे हर हिन्दुस्तानी को एक बार जरूर सुनना चाहिए.