एक पेड़ से लकड़ी काटते समय इस शिष्य की नजर एक लोमड़ी पर पड़ती है। ये लोमड़ी काफी कमजोर होती है
एक प्रचलित लोक कथा के अनुसार एक संत अपने एक शिष्य के साथ कही जा रहा होता हैं। तभी रास्ते में एक जंगल आता है और ये संत अपने शिष्य के साथ जंगल के अंदर चले जाता है। ये जंगल बेहद ही सुंदर होता है और संत को ये जंगल काफी पसंद आ जाता है। संत सोचता है कि क्यों ना कुछ दिन इस जंगल में रहा जाए। ये संत अपने शिष्य से कहता है कि हम कुछ दिनों तक यहां पर ही रुकने वाले हैं। इसलिए तुम यहां पर रहने के लिए एक झोपड़ी बना दो और खाने के लिए कुछ फल ले आओ। अपने गुरु की आज्ञा का पालन करते हुए उनका शिष्य झोपड़ी बनाने के लिए लकड़ी की तलाश में लग जाता है।
एक पेड़ से लकड़ी काटते समय इस शिष्य की नजर एक लोमड़ी पर पड़ती है। ये लोमड़ी काफी कमजोर होती है। इस लोमड़ी को देख ये शिष्य इस सोच में पड़ जाता है कि आखिर ये लोमड़ी शिकार किस तरह से करती होगी। इसको खाना ढूढ़ने के लिए खूब मेहनत करनी होती होगी। तभी इसी दौरान एक शेर इस लोमड़ी के पास आता है और इस लोमड़ी को खाने के लिए मास देकर चले जाता है। ये देखकर शिष्य के मन में विचार आता है कि इस दुनिया में भगवान हर किसी की चिंता करते हैं। ये लोमड़ी कमजोर है और ये अपने लिए खाने का प्रबंध नहीं कर सकती है। इसलिए भगवान ने इसकी मदद के लिए शेर को भेजा है।
इसके बाद ये शिष्य लकड़ी काटकर अपने गुरु के पास जाता है और गुरु को पूरी बात बताता है। गुरु को ये बात बताते हुए शिष्य अंत में कहता है, गुरु देव जिस तरह से भगवान ने लोमड़ी के लिए खाने का इंताजम किया है। उसी तरह से हमारे लिए भी भगवान भोजना का इंतजाम कर देंगे और कोई ना कोई आकर हमें जरूर भोजन दे देगा। अपने शिष्य की ये बात सुनकर गुरु देव उससे कहते हैं, तुमने भगवान के इशारे को गलत समझा है। भगवान तुम्हें ये बताना चाहते हैं कि तुम उस लोमड़ी की तरह ना बनों। तुम अपने जीवन में शेर की तरह बनों और अन्य लोगों की मदद करो। इंसान को जीवन में हमेशा औरों की मदद करने वाला बनना चाहिए ना कि औरों से मदद लेने वाला। अपने गुरु की ये बात सुनकर शिष्य को समझ आ गया की इंसान को जीवन में मदद लेने वाला नहीं, बल्कि मदद करने वाला व्यक्ति बनना चाहिए और अन्य लोगों पर निर्भर नहीं रहना चाहिए।
इस कथा से मिली सीख
इस कहानी से हमें ये सीख मिलती है कि जीवन में दो तरह के लोग होते हैं। जिसमें से एक तरह के लोग मदद लेने वाले होते हैं और दूसरे तरह के लोग मदद देने वाले। मदद लेने वाले लोग कमजोर होते हैं और वो अपने जीवन में और लोगों पर निर्भर होते हैं। जबिक जो लोग औरों की सहायता करते हैं वो शेर की तरह होते हैं। इसलिए आप अपने जीवन में लोमड़ी ना बनें और शेर बनकर लोगों की मदद करें।