विदेशी मीडिया ने मोदी सरकार के कश्मीर फैसले पर दी ऐसी प्रतिक्रिया, सभी हैं हक्के-बक्के
5 अगस्त को पूरा देश कश्मीर की धारा 370 से आजादी का जश्न मना रहा था और विपक्ष दल के नेताओं ने ना जाने कैसी-कैसी तोहमत मोदी सरकार पर लगाई। मोदी सरकार को जो फैसला लेना था वो ले चुकी है और जम्मू कश्मीर से विशेष दर्जा भी हट गया है। सोमवार, 5 अगस्त को पूरे देश में इस दिन को लेकर खूब हलचल रही है और गृहमंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में प्रस्ताव पेश करके जम्मू-कश्मीर से 370 हटाने की घोषणा की है। केंद्र सरकार के इस बड़े फैसले पर इंटरनेशनल मीडिया ने भी बहुत कुछ कहा है। विदेशी मीडिया ने मोदी सरकार के कश्मीर फैसले पर दी ऐसी प्रतिक्रिया, ये आपको जरूर जानना चाहिए।
विदेशी मीडिया ने मोदी सरकार के कश्मीर फैसले पर दी ऐसी प्रतिक्रिया
मोदी सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने पर देश के ज्यादातर लोग खुश हैं तो कुछ लोग नाराज, अब हर किसी को तो खुश भी नहीं किया जा सकता। भारतीय मीडिया के साथ ही इंटरनेशनल मीडिया में भी यही हलचल बनी रही और चलिए बताते हैं क्या कहा इंटरनेशनल मीडिया ने ?
वॉशिंगटन पोस्ट
”ये फैसला प्रधानमंत्री मोदी की हिंदू राष्ट्रवादी पार्टी के हाल ही में हुए चुनाव में प्रचंड जीत के बाद आया है. ये फैसला कश्मीर के साथ नई दिल्ली के रिश्तों पर भी भारी पड़ सकता है। इकलौते मुस्लिम बहुल राज्य, कश्मीर में तनाव पैदा कर सकता है. इस बात को लेकर भी चिंता है कि इस तरह का कदम कैसे देश के बाकी हिस्सों में बहुसंख्यक हिंदुओं और अल्पसंख्यक मुसलमानों के बीच तनाव को बढ़ाएगा।”
द गार्डियन
”ये प्रस्ताव, जिसका हिंदू राष्ट्रवादी सदियों से वकालत करते आए है। साल 1947 में आजादी के बाद से किसी भी सरकार की तरफ से कश्मीर के लिए दिया गया सबसे क्रांतिकारी बदलाव आया। बीजेपी हमेशा से कश्मीर को मिले विशेष दर्जा हटाने की बात करती आई है, मगर ऐसा पहली बार हुआ है जब ठोस कदम उठाकर प्रस्ताव पेश किया गया। ये घोषणा प्रधानमंत्री के रूप में मोदी की विरासत को आगे चल कर परिभाषित कर सकती है, हालांकि इससे पाकिस्तान से कड़ी प्रतिक्रिया की संभावना है, जो हमेशा से कश्मीर पर अपना दावा करता आया है।”
सीएनएन
”मोदी सरकार ने कहा कि वो राज्य से केंद्र शासित प्रदेश बने जम्मू-कश्मीर में प्रशासनिक स्थिति को संशोधित करने के उपायों को जल्द पेश करेंगे। भारत में, राज्य सरकारें स्थानीय मामलों पर ज्यादा अधिकार रखती हैं, लेकिन केंद्र शासित प्रदेश के मामलों में केंद्र सरकार का किरदार अहम होता है।”
कश्मीर पर ऐतिहासिक फैसले में आम कश्मीरी कहां है?
न्यूयॉर्क टाइम्स
”कई साल तक, कश्मीर को भारत के अन्य राज्यों की तुलना में अलग तरह से शासित किया गया है. संविधान का आर्टिकल 370 कश्मीर के विशेष राज्य के दर्जे पर एक झटके के रूप में देखा जा सकता है. भारत की सत्ताधारी पार्टी भारतीय जनता पार्टी की जड़ें हिंदू राष्ट्रवादी विचारधारा में जमी हैं. इस साल चुनाव के दौरान, उसके अभियान में कश्मीर (जो कि मुस्लिम बहुल है) की विशेष स्थिति को हटाना एक बड़ा मुद्दा बन गया था।”
गल्फ न्यूज
”मई में चुनाव जीतने के बाद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हिंदू राष्ट्रवादी सरकार का संसद में बहुमत है. मोदी की राइट-विंग भारतीय जनता पार्टी अब संसद में अपने प्रमुख नीतिगत लक्ष्यों में आगे बढ़ा सकती है. इसमें आर्टिकल 370 को खत्म करने का बीजेपी का लंबे समय से वादा करते आ रहे हैं और तर्क के आधार पर देश बाकी हिस्सों के साथ कश्मीर को साथ करना जरूरी है.”