मोदी सरकार के कश्मीर पर लिए गए फैसले से मची पाकिस्तान और कांग्रेस में खलबली
गृह मंत्री अमित शाह द्वारा भारत के संविधान से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के ऐलान के बाद से पाकिस्तान में हलचल मच गई है और भारत सरकार के इस फैसले से पाकिस्तान देश की नींद उड़ गई है। जैसे ही गृह मंत्री अमित शाह ने आज राज्यसभा में कहा कि भारत के संविधान के अनुच्छेद 370 के खंड 1 के अलावा सभी खंडों को खत्म किया जाएगा उसके बाद से पाकिस्तान में इस मसले पर लेकर उच्च स्तर बैठकों का दौर शुरू हो गया। इस ऐलान के बाद दोपहर 2 बजे पाकिस्तान में संसदीय समिति की बैठक की गई और इस बैठक की अध्यक्षता कश्मीर की संसदीय समिति के अध्यक्ष सैयद फखरू इमाम द्वारा की गई।
भारत सरकार के इस फैसले पर पाकिस्तान के तमाम बड़े नेताओं ने ट्वीट कर अपनी आपत्ति इस फैसले के खिलाफ जताई है। नेशनल असेंबली में विपक्ष के नेता शहबाज़ शरीफ ने भारत सरकार के धारा 370 को निरस्त करने के प्रयास की कड़ी निंदा की और कहा है कि पाकिस्तान संसद को इस स्थिति की समीक्षा करनी चाहिए और रणनीति तैयार की जानी चाहिए। वहीं पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी ने ट्विटर पर लिखा है कि भारत सरकार के इरादे स्पष्ट। राष्ट्रपति को IoK मुद्दे पर संसद के संयुक्त सत्र को तुरंत बुलाना चाहिए।
Atrocities in IOK unabated. Extremist Indian govts intentions clear. President must immediately summon Joint session of Parliament in wake of Indian aggression in IOK. #KashmirBleeds
— BilawalBhuttoZardari (@BBhuttoZardari) August 5, 2019
My letter to UN High Commissioner for Human Rights ms Bachelet on Indian use of cluster munitions across LOC and Indian occupation forces violence against Kashmiris in IOK. pic.twitter.com/T4Ui9PtE9u
— Shireen Mazari (@ShireenMazari1) August 5, 2019
पाकिस्तान मीडिया में भी मचा हड़कप
अननुच्छेद 370 को हटाए जाने पर और लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बनाने पर पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने एक बयान भी दिया है और DawnNewsTV से बात करते हुए इन्होंने कहा कि पूरे अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भारत के इस कदम की निंदा करनी चाहिए।
Indian amendment in the constitution regarding status of occupied kashmir, is in violation of international resolutions and even violates India’s own constitution! Is india still a constitutional democracy or is now practically under hindutva raj?
— Asad Umar (@Asad_Umar) August 5, 2019
India has put Kashmir under curfew and house arrest. A communications blackout muzzles phone,internet,cable tv.Over 800,000 troops r locking down an oppressed people while BJP’s Delhi changes their fate. Where is the international community? #SaveKashmirSOS @UNmustact
— SenatorSherryRehman (@sherryrehman) August 5, 2019
इतना ही नहीं भारत सरकार के इस ऐतिहासिक फैसले के आने के बाद पाकिस्तान मीडिया पर इस फैसले की खूब चर्चा की जा रही है और पाकिस्तान देश भारत सरकार के इस फैसले से काफी डरा हुआ है। पाकिस्तान के प्रसिद्ध ‘जियो टीवी’ ने इस फैसले पर कहा ह कि कश्मीर में तनाव बढ़ गया है और यूएन ने भारत से अपील की है।
गौरतलब है कि आज अमित शाह ने राज्यसभा में जम्मू एवं कश्मीर राज्य पुनर्गठन विधेयक 2019 पेश किया है। इस विधेयक के अनुसार लद्दाख अब केंद्र शासित प्रदेश होगा जिसकी कोई भी विधानसभा नहीं होगी। वहीं कश्मीर और जम्मू एक अलग केंद्र शासित प्रदेश होगा और इसकी विधानसभा होगी। जम्मू एवं कश्मीर राज्य पुनर्गठन विधेयक 2019 के अनुसार कश्मीर- जम्मू विधानसभा के पास अधिकार तो होंगे मगर पुलिस और कानून की व्यवस्था का केंद्र सरकार के हाथों में होगी।
मोदी सरकार के इस फैसले के बाद कांग्रेस पार्टी और तमाम नेताओं की प्रतिक्रिया भी आ रही है। कांग्रेस पार्टी ने केंद्र सरकार के इस फैसले की आलोचना करते हुए कहा है कि भाजपा की सरकार ने देश का सिर काट लिया है और ये भारत के साथ गद्दारी है। जबकि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व गृह मंत्री पी चिदंबरनम ने कहा, सरकार ने जो किया है वो प्रत्याशित और जोखिम है। वहीं पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने कहा कि आज का दिन भारतीय लोकतंत्र का काला दिन है।
Today marks the darkest day in Indian democracy. Decision of J&K leadership to reject 2 nation theory in 1947 & align with India has backfired. Unilateral decision of GOI to scrap Article 370 is illegal & unconstitutional which will make India an occupational force in J&K.
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) August 5, 2019
गुलाम नबी आजाद
गुलाम नबी आजाद ने कहा, ‘एक झटके में बीजेपी की सरकार ने पॉवर के नशे में वोट हासिल करने के लिए एक पूर्ण राज्य को जिसके पास अपनी संस्कृति है, सभ्याता है, भौगोलिक क्षेत्र के हिसाब से अलग है, राजनीतिक स्तर पर अलग है, इतिहास के तौर पर अलग है, लद्दाख जिसमें मुस्लिम और बौद्ध रहते हैं, कश्मीर जिसमें मुस्लिम और पंडित रहते हैं और सिख रहते हैं. जम्मू में जहां 60 फीसदी हिंदू आबादी है, 40 फीसदी मुस्लिम आबादी है. सिख आबादी है. अगर यहां लोगों को किसी ने बांध कर रखा था तो अनुच्छेद 370 ने रखा था.’
गुलाम नबी आजाद ने कहा कि आज सिर के बिना भारत है. कश्मीर देश का मस्तक था. आज देश का सिर काट दिया गया. देश को कमजोर को खत्म कर दिया गया है. लोकतंत्र के साथ खिलवाड़ किया गया है. कश्मीर से कन्याकुमारी तक जो भी धर्मनिरपेक्ष पार्टियां हैं, उन्हें कश्मीर के लोगों के साथ खड़ा होना चाहिए.