मृत्यु के बाद सब यहीं रह जाएगा, इसलिए जीवन में लालच ना करें
धन के लालच में कई बार लोग कुछ ऐसा काम कर जाते हैं जिसकी वजह से दूसरे लोगों को कष्ट पहुंचता है। लेकिन हम ये चीज भूल जाते हैं कि जीवन के अंत में हम इस दुनिया से कुछ नहीं ले जाते हैं, जो हम लोगों ने कमाया होता है वो इस दुनिया में ही रहे जाता है । जीवन के इस सत्य से एक कहानी भी जुड़ी हुई है। जिसमें गुरुनानक जी ने एक लालची राजा को जीवन जीने का सही मार्ग दिखाया था और उसे इस बात का ज्ञान दिया था कि जीवन में औरों को कष्ट देकर कमाया गया धन हमारे किसी भी काम का नहीं होती है। जब हम इस दुनिया से जाते हैं तो हमारे हाथ एकदम खाली होते हैं और जीवन में कमाया गया धन इधर ही रहे जाता है।गुरुनानक जी से जुड़ा ये प्रसंग इस प्रकार है।
एक राजा बेहद ही लालची हुआ करता था। ये राजा अपनी जनता से कर के नाम पर काफी पैसे वसूलता था। इतना ही नहीं ये राजा बिना कोई पैसे दिए लोगों से अपने दरबार में कार्य भी करवाता था। इस राजा से इसकी प्रजा काफी दुखी रहा करती थी और दिन रात राजा के मरने की कामना ही करती थी। एक दिन गुरुनानक जी इस राज्य में आए और इस राज्य में कुछ दिनों के लिए रोके। इस दौरान गुरुनानक जी ने पाया कि इस राज्य की जनता अपने राजा से प्रेम नहीं करती हैं। गुरुनानक जी ने जब कुछ लोगों से इसका कारण पूछा तो उन्होंने बताया कि हमारा राजा बेहद ही लालची है और वो लोगों को कष्ट देकर उनसे पैसे वसूलता है।
वहीं राजा गुरुनानक जी को खूब मानते थे और जैसे ही उनको गुरुनानक जी के आने के बारे में पता चला तो तुरंत उनसे मिलने के लिए चले गए। गुरुनानक जी से मिलकर राजा ने उनकी खूब सेवा की। गुरुनानक जी ने राजा से कहा मैं तुम्हें अपना एक पत्थर दे रहा हूं। तुम इस पत्थर को अपने पास संभाल कर रखना। जब में वापस आऊंगा तब तुम मुझे ये पत्थर दे देना। राजा ने कहा ठीक है गुरुनानक जी इस पत्थर को मैं संभालकर रखूंगा। लेकिन आप कब इस पत्थर को लने के लिए वापस आएंगे। गुरुनानक जी ने कहा मैं अपनी मृत्यु के बाद इस पत्थर को वापस लेने के लिए आऊंगा। गुरुनानक जी की ये बात सुनकर राजा हैरान हो गया। राजा ने गुरुनानक जी से कहा, ये कैसे हो सकता है। भला मरने के बाद आप कैसे इस पत्थर को लेने के लिए आ सकते हैं। मृत्यु के बाद कोई कुछ कैसे ले जा सकता है?
तब गुरुनानक जी ने कहा कि तुम जीवन के इस सत्य को जानते हो कि मृत्यु के बाद कोई कुछ भी नहीं ले जा सकता है, तो फिर तुम क्यों अपनी प्रजा से उनके पैसे लूटते हो। तुम्हारे जाने के बाद ये सब धन दौलत यहां पर ही रहेगी। तुम खाली हाथ आए हो और खाली हाथ ही जाऊंगे। इस दुनिया से इंसान केवल दुआ ही ले जा सकता है। इसलिए तुम ऐसा काम करो जिसके लिए तुम्हें दुआ मिले। गुरुनानक जी की ये बात राजा को अच्छे से समझ आ गई और राजा ने अपनी जनता से लूटा सारा धन उन्हें वापस कर दिया।