यूपी को अखिलेश और राहुल का साथ पंसद है! नारे के साथ चुनाव में उतरेंगे राहुल और अखिलेश
उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनावों के मद्देनजर एक हुए कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के महागठबंधन के बाद पहली बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी अपने दलों के आपसी गठबंधन के तहत रविवार को एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करेंगे और राजधानी लखनऊ में रोड शो करके जनता के सामने एक नयी उम्मीद जगाने की कोशिश करेंगे.
राहुल और अखिलेश साथ साथ :
राहुल और अखिलेश के रोड शो के दौरान ‘यूपी को ये साथ पसंद है, साइकिल और ये हाथ पसंद है तरक्की की ये बात पसंद है’ का नारा गूंजेगा. सूत्रों के मुताबिक टीम पीके की ओर से तैयार इस स्लोगन को दोनों खेमे से मंजूरी मिल गई है. आपको बता दें कि इससे पहले राहुल और अखिलेश को लेकर यूपी के लड़के और बाहरी मोदी स्लोगन भी तैयार किया गया था. लेकिन सूत्रों के अनुसार अखिलेश यादव की ओर से इस नारे को ओवरप्ले न करने की हिदायत दी गई है. इसके पीछे तर्क दिया गया है कि अखिलेश यादव एक तरफ गंभीर राजनेता और काम बोलता है जैसा स्लोगन के साथ उतरे हैं ऐसे में वह अपनी गंभीर इमेज में इसे नहीं जोड़ना चाहते हैं. ‘यूपी को यह साथ पसंद है’ का स्लोगन पॉजिटिव भी है. सूत्रों के अनुसार इस स्लोगन के साथ दो मिनट का एक गीत भी तैयार किया जा रहा है जिसमें यूपी के लिए राहुल और अखिलेश की जोड़ी को सबसे फिट बताया जाएगा. गीत और उसका संगीत भी तैयार हो गया है.
यूपी में कांग्रेस के सोशल मीडिया इंचार्ज पीयूष मिश्रा ने बताया, ‘कांग्रेस और सपा ने मोदी को केंद्र में रखकर यूपी में चुनाव लड़ने की तैयारी की है.’ ‘कैम्पेन में ये बात उठाई जाएगी कि राहुल और अखिलेश युवा चेहरे हैं और यूपी में इनकी जड़ें काफी मजबूत हैं.’
राहुल गांधी जोरो-शोरों से चुनाव प्रचार करने में जुटे हुए हैं :
गौरतलब है कि अपनी खोई हुई सत्ता और रसूख को वापस पाने के लिए राहुल गांधी कांग्रेस के लिए जोरो-शोरों से चुनाव प्रचार करने में जुटे हुए हैं. पंजाब में तीन दिन का दौरा करने के बाद राहुल ने यूपी का रूख किया है. शुरू से ही कांग्रेस के साथ गठबंधन की हिमायत कर रहे मुख्यमंत्री अखिलेश इसे ‘विनिंग काम्बिनेशन’ के तौर पर पेश करते हुए अपनी रैलियों में कह रहे हैं कि साइकिल को ‘हाथ’ मिल गये हैं और यह गठबंधन एक इतिहास रचते हुए 300 से ज्यादा सीटें जीतेगा.
गठबंधन के तहत सपा ने राज्य की कुल 403 विधानसभा सीटों में से कांग्रेस को 105 सीटें दी हैं. हालांकि कांग्रेस के गढ़ कहे जाने वाले रायबरेली और अमेठी जिलों की सीटों को लेकर दोनों दलों के बीच पेंच फंसा हुआ है.
2019 में होने वाले लोकसभा चुनावों से पहले यूपी के दंगल को एक सेमीफाइनल मैच कि तरह देखा जा रहा है. जानकारों का मानना है कि जो विधानसभा चुनाव जीतेगा उसी के लोकसभा चुनाव जीतने के आसार ज्यादा हैं. इसलिए सेमीफाइनल मैच को जीतने के लिए कांग्रेस और सपा एड़ी-चोटी का दम लगा रही है.