हम अपनी सकारात्मक सोच से असफलता को सफलता में बदल सकते हैं
सफलता पाने का रास्ता बेहद ही मुश्किल होता है और सफलता पाने के लिए खूब मेहनत करनी पड़ती है। हालांकि जीवन में अगर संघर्ष किया जाए तो असफलता को सफलता में आसानी से बदला जा सकता है। हमारे धार्मिक ग्रंथों में असफलता को सफलता में कैसे बदला जाए इससे कई सारी कथाएं जुड़ी हुई हैं और ये कथाएं हमें इस बात की सीख देती हैं कि अगर हम कुछ पाने की ठान लें और सच्च मन से मेहनत करें तो वो चीज हमें मिल जाती हैं।
रामायण ग्रंथ में हनुमान जी से एक प्रसंग जुड़ा हुआ है और इस प्रसंग से हमें इस चीज की सीख मिलती है कि जीवन में आखिर किस तरह से सफल हुआ जाता है। प्रसंग के अनुसार राम जी को एक दिन सीता मां की बेहद ही याद आने लगी और राम जी इस सोच में पड़ गए की सीता रावण की कैद में सुरक्षित है कि नहीं ? राम जी को चिंतित देख हनुमान जी ने उसने चिंता का कारण पूछा। तब राम जी ने हनुमान जी को बताया कि उन्हें इस बात की चिंता हो रही है कि सीता रावण की कैद में सुरक्षित है कि नहीं? ना जाने रावण सीता पर क्या क्या अत्याचार कर रहा होगा। राम जी की ये बात सुनकर हनुमान जी ने उनसे कहा, हे प्रभु आप चिंता ना करें। मैं सीता माता की खबर लेकर आता हूं। हनुमान की ये बात सुनकर राम जी की चिंता दूर हो गई।
लेकिन हनुमान जी इस सोच में पड़ गए की वो कैसे सीता मां को रावण की लंका में ढूढेंगे। क्यों हनुमान जी ने कभी भी सीता मां को देखा नहीं था और उन्हें नहीं पता था कि वो दिखने में कैसी हैं। साथ ही हनुमान जी को रावण की लंका कैसे ही और किस जगह पर रावण ने सीता मां को रखा है इसकी जानकारी भी नहीं थी। लेकिन फिर भी हनुमान जी सीता मां की तलाश में लंका चले गए। लंका जाने के बाद हनुमान जी ने सीता मां को हर जगह खोजा लेकिन उन्हें सीता मां नहीं मिली। सीता मां को खोजने में असफल होने के चलते हनुमान जी दुखी हो गए और हताश होकर एक जगह पर बैठ गए। हनुमान जी को लगा की वो सीता मां को रावण की इतनी बड़ी लंका में नहीं ढूढ़ सकेंगे। मगर कुछ देर तक विचार करने के बाद हनुमान जी ने सोचा की क्यों ना सीता मां को जंगल और या फिर किसी शांत जगह पर खोजा जाए। ये सोचने के बाद हनुमान जी ने फिर से सीता मां की खोज शुरू कर दी और हनुमान जी इस कार्य में सफल हो गए। आखिरकार हनुमान जी को सीता में अशोक वाटिका में मिल गई। इस तरह से हनुमान जी ने अपनी सकारात्मक सोच से अपनी असफलता को सफलता में बदल दिया।
इस प्रसंग से मिली सीख
जीवन में हम कई बार हताश हो जाते हैं और हताश होने के कारण हम कोशिश करना छोड़ देते हैं। जो कि गलत होता है अगर हम भी हनुमान जी की तरह अपनी सोच को सकारात्मक रखें तो हम अपनी असफलता को सफलता में बदल सकते हैं।