कालसर्प दोष होने पर नाग पंचमी के दिन पढ़ें ये मंत्र, मिल जाएगी इस दोष से मुक्ति
कालसर्प दोष होने पर जीवन में कष्ट आना शुरू हो जाते हैं और व्यक्ति हर समय परेशान रहता है। कुंडली में कालसर्प दोष होने पर आप भयभीत ना हों। क्योंकि कालसर्प दोष से मुक्ति पाने से कई सारे उपाय जुड़े हुए हैं और इन उपायों की मदद से कोई भी व्यक्ति इस दोष से बच सकता है। जिन लोगों को भी ये दोष है वो लोग बस नाग पंचमी वाले दिन सांप की पूजा करें और सांप को दूध पीलाएं। ऐसा करने से ये दोष खत्म हो जाता है।
नाग पंचमी वाले दिन इस तरह से करें पूजा –
इस बार पांच अगस्त को नाग पंचमी आ रही है और आप नाग पंचमी वाले दिन नाग की पूजा जरूर करें। इस दिन आप अपने घर में एक चौकी पर चांदी या किसी भी धातु का नाग-नागिन का एक जोड़ा या उनकी फोटो रख दें। इसके बाद इनकी पूजा करें और इनपर दूध, फूल और फल चढ़ाएं। इनकी पूजा करने के बाद आप इस जोड़े को मंदिर में रख आएं और इनको अर्पित किया गया दूध किसी सांप को पीला दें। अगर आपको सांप नहीं मिलता है तो आप ये दूध शिवलिंग पर बनें सांप पर चढ़ा दें। वहीं जब आप अपने घर में नाग पंचमी की पूजा करें तो नीचे बताए गए मंत्रों का जाप जरूर करें।
ये मंत्र जरूर पढ़ें –
सर्वे नागा: प्रीयन्तां मे ये केचित् पृथिवीतले।
ये च हेलिमरीचिस्था येन्तरे दिवि संस्थिता।।
ये नदीषु महानागा ये सरस्वतिगामिन:।
ये च वापीतडागेषु तेषु सर्वेषु वै नम:।।
प्रार्थना के बाद नाग गायत्री का जप करें-
ॐ नागकुलाय विद्महे विषदन्ताय धीमहि तन्नो सर्प: प्रचोदयात्।
इसके बाद सर्प सूक्त का पाठ करें-
ब्रह्मलोकुषु ये सर्पा: शेषनाग पुरोगमा:।
नमोस्तुतेभ्य: सर्पेभ्य: सुप्रीता: मम सर्वदा।।
इन्द्रलोकेषु ये सर्पा: वासुकि प्रमुखादय:।
नमोस्तुतेभ्य: सर्पेभ्य: सुप्रीता: मम सर्वदा।।
कद्रवेयाश्च ये सर्पा: मातृभक्ति परायणा।
नमोस्तुतेभ्य: सर्पेभ्य: सुप्रीता: मम सर्वदा।।
इंद्रलोकेषु ये सर्पा: तक्षका प्रमुखादय:।
नमोस्तुतेभ्य: सर्पेभ्य: सुप्रीता: मम सर्वदा।।
सत्यलोकेषु ये सर्पा: वासुकिना च रक्षिता।
नमोस्तुतेभ्य: सर्पेभ्य: सुप्रीता: मम सर्वदा।।
मलये चैव ये सर्पा: कर्कोटक प्रमुखादय:।
नमोस्तुतेभ्य: सर्पेभ्य: सुप्रीता: मम सर्वदा।।
पृथिव्यांचैव ये सर्पा: ये साकेत वासिता।
नमोस्तुतेभ्य: सर्पेभ्य: सुप्रीता: मम सर्वदा।।
सर्वग्रामेषु ये सर्पा: वसंतिषु संच्छिता।
नमोस्तुतेभ्य: सर्पेभ्य: सुप्रीता: मम सर्वदा।।
ग्रामे वा यदिवारण्ये ये सर्पा प्रचरन्ति च।
नमोस्तुतेभ्य: सर्पेभ्य: सुप्रीता: मम सर्वदा।।
समुद्रतीरे ये सर्पा ये सर्पा जलवासिन:।
नमोस्तुतेभ्य: सर्पेभ्य: सुप्रीता: मम सर्वदा।।
रसातलेषु या सर्पा: अनन्तादि महाबला:।
नमोस्तुतेभ्य: सर्पेभ्य: सुप्रीता: मम सर्वदा।।
सच्चे मन से नाग पंचमी के दिन पूजा करने से और ये मंत्र पढ़ने नाग देव खुश हो जाते हैं और आपको कालसर्फ दोष से मुक्ति भी मिल जाती है। वहीं अगर किसी कारण से आप नाग पंचमी की पूजा अपने घर में नहीं कर सकते हैं। तो आप मंदिर में जाकर भी ये पूजा कर सकते हैं। आप मंदिर में शिवलिंग की पूजा कर उनपर दूध चढ़ा सकते हैं।
वहीं अगर हो सके तो किसी ऐसी जगह पर आप दूध रख आएं जहां पर सांप हों। क्योंकि नाग पंचमी वाले दिन सांप का दूध पीना शुभ माना जाता है और इस दिन अगर सांप आपके द्वारा दिया गया दूध पी लेता है तो आपकी पूजा सफल हो जाती है।