राखी बांधते समय बोल दें ये मंत्र, भाई की आयु हो जाएगी दोगुनी
इस वर्ष रक्षा बंधन का पर्व 15 अगस्त के दिन आ रहा है। इस पर्व को हर राज्य में धूमधाम से मनाया जाता है और इस दिन बहन अपने भाई के हाथ में रक्षा सूत्र बांधती है और उसकी लंबी आयु की कामना करती है।
रक्षा बंधन के दिन केवल शुभ मुहूर्त पर ही राखी बांधनी चाहिए। इस बार राखी बांधने का शुभ समय सुबह 05:49 से ही शुरू हो जाएगा जो कि शाम के 6:01 बजे तक रहेगा। वहीं राखी किस तरह से बांधी जाती है और इस दिन क्या करना चाहिए इसकी जानकारी इस प्रकार है –
इस तरह से मनाएं राखी के पर्व को
रक्षा बंधन वाले दिन आप शुभ मुहूर्त के दौरान ही राखी की थाली तैयार करें। राखी की थाली तैयार करते समय आप थाली पर लाल रंग का कपड़ा बिछा लें। इसके बाद थाली में चावल, सिंदूर, मिठाई और इत्यादि चीज रख दें। हालांकि इस बात का ध्यान रखें की थाली में राखी रखने से पहले राखी को पूजा घर में रखें और इसे भगवान को समर्पित करने के बाद ही अपने भाई के हाथ में बांधे।
राखी बांधते समय आप इस मंत्र को जरूर पढ़ें। ये मंंत्र पढ़ना उत्तम माना जाता है और इस मंत्र को पढ़ने से भाई की आयु में वृद्धि होती है। ये मंत्र इस प्रकार है –
येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबल:।
तेन त्वां अभिबद्धनामि रक्षे मा चल मा चल।
राखी बांधते समय रखें इन बातों का ध्यान
- जब आप राखी अपने भाई को बांधें तो उस समय आपका और आपके भाई का सिर कपड़े से ढका होना चाहिए।
- राखी बांधने के बाद अपने बड़ों से आशीर्वाद जरूर लेना चाहिए।
- राखी बंधवाने के बाद भाई को थाली में शुगन जरूर रखना चाहिए।
- रक्षासूत्र यानी राखी का धागा केवल लाल, पीला और सफेद रंग का ही होना चाहिए।
रक्षा बंधन से जुड़ी कहानी
रक्षा बंधन मनाने से कई तरह की कहानी जुड़ी हुई हैं और इन्हीं कहानियों में से के कहानी श्री कृष्ण जी की है। कहा जाता है कि एक बार शिशुपाल और श्री कृष्ण जी के बीच युद्ध हुआ था। युद्ध के समय श्री कृष्ण जी की तर्जनी उंगली में चोट लग गई थी। चोट लगने के कारण श्री कृष्ण जी की उंगली से खून निकलने लग गया था। श्री कृष्ण जी की उंगली से खून निकलता देख द्रौपदी ने अपनी साड़ी फाड़कर श्रीकृष्ण की उंगली पर बांध दी थी। जिसके चलते कृष्ण जी की उंगली से खून निकलना बंद हो गया था। वहीं जब द्रौपदी का चीरहरण हुआ था तब श्री कृष्ण जी ने द्रौपदी की रक्षा की थी। तभी से रक्षा बंधन का त्योहार मनाया जाने लगा। इस त्योहर के जरिए हर भाई अपनी बहन को उसकी रक्षा करने का वचन देता है। जिस तरह से श्री कृष्ण जी ने अपनी बहन यानी द्रौपदी की रक्षा की थी उसकी तरह से हर भाई भी अपनी बहन की रक्षा करता है।
रक्षा बंधन का पर्व बहन और भाई का रिश्ता मजबूत बनता है और इसलिए आप इस पर्व को जरूर मनाएं और अपने भाई को राखी बांधकर उसकी लंबी आयु की प्रार्थना करें।