एयरफोर्स और सेना को दिया गया हाईअलर्ट पर रहने का आदेश, 10 हजार जवान भी हुए तैनात
देश में बहुत सी ऐसी चीजें हो रही हैं जिनके लिए एक सख्त कानून का बनना बहुत जरूरी हो गया है। मगर जब भी कोई कदम उठाने की कोशिश की जाती है तो कोई ना कोई उसे रोकने आ जाता है। जब लोकसभा चुनाव हो रहे थे तभी मोदी सरकार ने एक मुद्दा उठाया था कि अगर उनकी सरकार आई तो 35A और धारा 370 खत्म कर दी जाएगी। अब कश्मीर के कुछ अलगाववादी नेताओं को डर हो गया है कि यहां पर नरेंद्र मोदी ऐसा ही कर सकते हैं। क्योंकि कश्मीर की घाटियों की सुरक्षा के इंतजाम बढ़ा दिए गए हैं और एयरफोर्स और सेना को दिया गया हाईअलर्ट पर रहने का आदेश, 10 हजार जवानों को भी तैनात कर दिया गया है।
एयरफोर्स और सेना को दिया गया हाईअलर्ट पर रहने का आदेश
अभी तक खबर थी कि कश्मीर में 10 हजार जवान तैनात हैं लेकिन अब खबर ये है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जम्मू-कश्मीर में सुरक्षाबलों के 25 हजार और भी जवानों को भेजा है, जबकि ये बात खुद मंत्रालय ने गलत बताया है। शुक्रवार यानी 2 अगस्त को मीडिया एजेंसी को कुछ सरकारी सूत्रों ने बताया है कि केंद्र ने कश्मीर में सिर्फ 10 हजार से ज्यादा जवानों को भेजने का आदेश दिया है और इन्हें अपने गंतव्य (निर्धारित सीमा क्षेत्र) तक पहुंचाया जा रहा है। इसी की वजह से जवानों के मूवमेंट को लेकर कई कयास लगाए गए। गृह मंत्रालय के मुताबिक, सुरक्षाबलों की 100 कंपनियों को लाने और लेकर जाने में वायुसेना के सी-17 ग्लोबमास्टर विमान की मदद ली गई है और सरकार ने शुक्रवार को एयरफोर्स और सेना को हाई ऑपरेशन अलर्ट पर रहने का ऑर्डर दिया गया है। सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत भी सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा के लिए श्रीनगर पहुंचे हैं। इसके अलावा घाटी में इस हलचल के बीच कुछ बड़ा होने को लेकर भी कई बातें सामने आ रही हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कई दरगाहों, मस्जिदों और अदालतों से भी सुरक्षा हटा ली गई है और यहां पर तैनात जवानों को अपने जिलों की पुलिस लाइन में रिपोर्ट करने के लिए कहा गया है। अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा में तैनात कुछ जवान भी दूसरी जगह भेजे गए हैं और राज्य में अमरनाथ यात्रा 4 अगस्त तक स्थगित कर दिए गए हैं। सरकार ने खराब मौसम को इसका कारण बताया गया है, हालांकि मौसम विभाग ने ऐसे किसी बड़े बदलाव का पूर्वानुमान नहीं लगाया है।
डोभाल ने इस वजह से किया दौरा
मोदी सरकार ने करीब हफ्तेभर पहले भी 10 हजार जवानों को घाटी में भेजे गए थे। यह फैसला राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के जम्मू-कश्मीर दौरे से लौटने के बाद लिया गया था। तभी गृह मंत्रालय ने बताया था कि घाटी में आतंक विरोधी कार्रवाई को और मजबूती देने के लिए सुरक्षाबलों की कंपनियां तैनात की जा रही हैं और इस काम में उन्हें थोड़ा और समय चाहिए। बुधवार को जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कश्मीर से अनुच्छेद 35ए हटाने की अटकलों को भी खारिज किया था। ऐसा इसलिए क्योंकि इतने जवानों के तैनात होने पर लोगों को लग रहा था कि यहां से 35A हटाने की तैयारी की जा रही है। हाल ही में फारूक अब्दुल्ला सहित जम्मू-कश्मीर के नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलकर इस बारे में जानना चाह रहे थे।