हिन्दू विरोधी ताकतों को रोकने के लिये चुनावी मैदान में उतरी हिन्दू युवा वाहिनी, बीजेपी के खिलाफ उतारे प्रत्याशी!
उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है, सभी राजनैतिक पार्टियाँ चुनावी मैदान में अपने रणबांकुरे उतारने में लगी हैं, ऐसे में देश की सबसे बड़ी और सत्ताधारी पार्टी बीजेपी के लिये देश के सबसे बड़े प्रदेश में सरकार बनाना एक बड़ी चुनौती है. बीजेपी भी यूपी जीतने के लिये जी जान से जुटी हुई है, और सभी हथकंडे अपना रही है लेकिन बीजेपी के सामने सबसे बड़ी समस्या बनकर उभर रहे हैं खुद बीजेपी के लोग और उनके सहयोगी दल.
बीजेपी के सामने सबसे बड़ी समस्या :
उत्तर प्रदेश में बीजेपी को ना सिर्फ सपा बीएसपी और कांग्रेस से लड़ना है बल्कि अपनी ही पार्टी के कुछ कार्यकर्ताओं और सहयोगियों से भी लड़ना पड़ेगा, दरअसल बाहरी लोगों को टिकट देने से बीजेपी में अन्दर ही अन्दर विरोध तो झेलना ही पड़ रहा था साथ ही अब चुनावी मैदान में भी अपने सहयोगियों का सामना करना पड़ेगा.
हिन्दू युवा वाहिनी बीजेपी के खिलाफ उम्मीदवार खड़े कर रही है :
पूर्वी उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की तैयार की हुई हिन्दू युवा वाहिनी बीजेपी के खिलाफ उम्मीदवार खड़े कर रही है, हिन्दू युवा वाहिनी चाहती थी कि चुनाव में योगी आदित्यनाथ को बीजेपी का चेहरा और मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया जाये. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. इससे नाराज हिन्दू युवा वाहिनी ने गोरखपुर और कुशीनगर जिले की विधानसभा सीटों से अपने प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया है.
हिन्दू युवा वाहिनी के प्रदेश अध्यक्ष सुनील सिंह ने बताया कि वो पूर्वी उत्तर प्रदेश में लगभग 50 से अधिक सीटों पर उम्मीदवार घोषित करेंगे, उन्होंने कहा कि यह निर्णय सभी जिला पदाधिकारियों के साथ बैठक में लिया गया. सुनील सिंह ने बीजेपी पर हमला करते हुये कहा कि कुछ लोग हिन्दू विरोधी ताकतों के खिलौने बन गये हैं. और अपने स्वार्थ के लिये हिन्दू युवा वाहिनी का दुरूपयोग करना चाहते हैं, लेकिन हम ऐसा नहीं होने देंगे हम राष्ट्रवादी मिशन से जुड़े हैं.
फिलहाल हिन्दू युवा वाहिनी ने बीजेपी के खिलाफ अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है, इतना ही नहीं पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भी बीजेपी का सहयोगी संगठन शिवसेना बीजेपी के खिलाफ अपने उम्मीदवार उतार रहा है, शिव सेना का कहना है कि वो जल्द ही 150 सीटों पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा करेगी. उत्तर प्रदेश में जगह जगह पर बीजेपी को अपने कार्यकर्ताओं और नेताओं का विरोध भी झेलना पड़ रहा है.